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परिवार नियोजन की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं पर डाल रहे पुरुष, क्योंकि मर्द को 'दर्द' होता है

परिवार नियोजन को बढावा देने के लिए लंबे समय से अभियान चलाया जा रहा है। परिवार नियोजन के संसाधनों को बढावा देने के लिए 26 सितंबर को विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाया जाता है। गर्भनिरोधक के आठ साधनों को अपनाने पर स्वास्थ्य विभाग जोर देता है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Updated: Mon, 27 Sep 2021 05:15 PM (IST)
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परिवार िनियोजन की सारी जिम्‍मेदारी महिलाओं पर। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। परिवार नियोजन के साधनों को बढ़ावा देने के लिए हर साल 26 सितंबर को विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाया जाता है। गर्भनिरोधक के आठ साधनों को अपनाने पर स्वास्थ्य विभाग जोर देता है, लेकिन इनमें से ज्यादातर महिलाएं ही अपनाती हैं। पुरुष नसंबदी से डरता है। यही वजह है कि पिछले तीन साल में सिर्फ 422 पुरुषों ने ही नसबंदी करवाई। इस दौरान एक लाख से ज्यादा महिलाओं की नसबंदी हुई है।

सुरक्षित है परिवार नियोजन के साधन अपनाना

परिवार नियोजन कार्यक्रम से जुड़े जिला स्तरीय प्रशिक्षक डा.संजय त्रिपाठी कहते हैं कि परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल नवदंपती को हर हाल में करना चाहिए। जब तक बच्‍चा न चाहें तब तक अस्थायी साधन अपनाएं। महिला की उम्र 20 वर्ष होने के बाद ही बच्‍चा पैदा करने की योजना बनाएं और दो बच्‍चों के बीच में कम से कम तीन साल का अंतर हर हाल में रखें। डा.त्रिपाठी ने बताया कि परिवार नियोजन के सभी साधन सुरक्षित हैं। पुरुष नसबंदी कभी भी कराई जा सकती है। महिला नसबंदी प्रसव के सात दिन के भीतर, माहवारी शुरू होने के सात दिन के भीतर और गर्भपात होने के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर कराई जा सकती है।

मिलती है प्रोत्साहन राशि

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद ने बताया कि महिला नसबंदी पर 14 सौ रुपये, प्रसव पश्चात नसबंदी पर 22 सौ रुपये, पुरुष नसबंदी पर दो हजार रुपये, प्रसव बाद पोस्टपार्टम इंट्रायूट्रीन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआइयूसीडी) लगवाने पर तीन सौ रुपये और गर्भपात के बाद इंट्रायूट्रीन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (आइयूसीडी) लगवाने पर तीन सौ रुपये दिए जाते हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य केंद्रों पर उलब्‍ध हैं परिवार नियाजन के साधन

सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय बताते हैं कि परिवार नियोजन के कई साधन स्वास्थ्य केंद्रों पर निश्शुल्क उपलब्ध हैं। इनके इस्तेमाल के लिए लगातार लोगों को जागरूक किया जा रहा है।