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बड़े काम के हैं गोरखपुर के आरोग्य वन में लगाए गए ये पौधे, जानें-क्‍या हैं औषधीय पौधों के गुण

आरोग्य वन में सामान्य और सहज उपयोग में आने वाले पौधे रोपित किए गए हैं। इनमें से अधिकतर का उपयोग करीब-करीब हर घर में होता है। घरेलू उपचार के तौर पहले से लोग इन पौधों के पत्ते तना और जड़ों का उपयोग करते रहे हैं।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 09:10 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 06:05 PM (IST)
बड़े काम के हैं गोरखपुर के आरोग्य वन में लगाए गए ये पौधे, जानें-क्‍या हैं औषधीय पौधों के गुण
प्रभागीय वनाधिकारी अविनाश कुमार का फाइल फोेटो, जागरण।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। वन महोत्सव सप्ताह में कुसम्हीं जंगल के तिनकोनिया रेंज में स्थापित प्रदेश के पहले आरोग्य वन में रोपित किए गए औषधीय पौधों से कई तरह की बीमारियों का उपचार हो सकता है। इस वन में 22 तरह के औषधीय पौधे रोपित किए गए हैं। इन पौधों की पत्तियों से लेकर तना और जड़ भी बीमारियों के उपचार के लिहाज से बड़े काम की चीज है।

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कोरोना महामारी के दौरान संक्रमण की चपेट में आने से बचने ही नहीं संक्रमित होने पर इससे उबरने के लिए हर किसी ने औषधीयों का भरपूर उपयोग किया। इस दौरान लोगों ने घर-आंगन में औषधीय पौधे रोपित किए जाने का महत्व भी समझा। औषधियों और औषधीय पौधों के प्रति लोगों का रुझान बनाए रखने के लिए वन विभाग ने वन महोत्सव सप्ताह में आरोग्य वन स्थापित करने का फैसला लिया। शासन ने भी प्रदेश के पहले आरोग्य वन के रूप में इसे स्थापित करने की सहर्ष मंजूरी दे दी।

आरोग्य वन में सामान्य और सहज उपयोग में आने वाले पौधे रोपित किए गए हैं। इनमें से अधिकतर का उपयोग करीब-करीब हर घर में होता है। घरेलू उपचार के तौर पहले से लोग इन पौधों के पत्ते, तना और जड़ों का उपयोग करते रहे हैं। कई पौधे ऐसे भी हैं, जिन्हें रोपित करने का चलन पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहले नहीं था। ऐसे पौधों को रोपित करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वन विभाग ने आरोग्य वन में इनको जगह दी है। इतना ही नहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए दुर्लभ माने जाने वाले इन पौधों की नर्सरी भी तैयार की है। वन महोत्सव सप्ताह के दौरान वन विभाग ने लोगों में इन पौधों का निश्शुल्क वितरण भी किया था।

यह पौधे किए गए हैं रोपित

पौधा उसका उपयोग

नीम रक्त शोधन एवं चर्म रोग में लाभकारी

अमरूद पेट संबंधी बीमारियों में

अर्जुन हृदय, उच्च रक्तचाप व पेशाब संबधी बीमारियों में

बहेड़ा खून की कमी, पीलिया, सफेद दाग में लाभकारी

जामुन मधुमेह, हृदय व पाचन तंत्र को ठीक करने में

सहजन शाटिका, गठिया, लीवर संबंधी बीमारियों में

आंवला खून की कमी, अपच व मूत्र रोग में

गिलोय वात, पित्त, कफ को ठीक करने व प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में

तुलसी पेट दर्द, वात, पित्त, कफ, मलेरिया, जीवाणु संक्रमण को रोकने में

अश्वगंधा आक्सीडेंट इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत करने में

तेजपत्ता पाचन तंत्र ठीक रखने, मस्तिष्क विकार पेट संबंधी रोगों में

सिंदूर गठिया रोग व यूरिक एसिड के उपचार में

केमोमाइल हर्बल टी बनाने में

लेमन वाम सिरदर्द, दिमागी परेशानी, डायबिटीज में लाभाकारी

लेमन ग्रास सिर व जोड़ों में दर्द, पेट संबंधी बीमारियों में लाभकारी

बेल वात, पित्त, कफ, बदहजमी, हृदय विकार व लीवर संबंधी बीमारियों में लाभकारी

एलोबेरा पेट, त्वचा, जोड़ों में दर्द का उपचार करने में

बबूूल दस्त व पेचिस संबंधी बीमारियों में

कदम्ब खांसी, दमा, अस्थमा व बवासीर में लाभकारी

सेमल चोट लगने पर, दस्त व त्वचा संबंधी बीमारियों में

शीशम सुजाक व एनीमिया में लाभप्रद

बेर अल्सर व फेफड़े से संबंधित रोगों में

प्रभागीय वनाधिकारी अविनाश कुमार का कहना है कि आरोग्य वन में रोपित किए गए पौधे कई तरह के रोगों का उपचार करने में उपयोगी हैं। इन्हें आसानी से घर के आसपास उगाया जा सकता है। ये पौधे वन विभाग की नर्सरियों में उपलब्ध हैं। हर किसी को इन पौधों का रोपण कर रोगों के उपचार में उपयोग करना चाहिए।


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