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मेडिकल कॉलेज का कोरोना वार्ड फुल, अब विकल्‍प की तलाश Gorakhpur News

कॉलेज प्रशासन का कहना है कि यह लेबल- 2 व 3 अस्पताल है यहां गंभीर मरीजों को ही भेजा जाना चाहिए। लेकिन जिनमें जरा भी लक्षण है उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जा रहा है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 05:21 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 05:21 PM (IST)
मेडिकल कॉलेज का कोरोना वार्ड फुल, अब विकल्‍प की तलाश Gorakhpur News
मेडिकल कॉलेज का कोरोना वार्ड फुल, अब विकल्‍प की तलाश Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गोखपुर मंडल का एकमात्र लेवल- 2 व 3 अस्पताल बीआरडी मेडिकल कॉलेज का कोरोना वार्ड पूरी तरह फुल हो चुका है। यहां कुल दो सौ बेड हैं। 160 सामान्य व 40 पर वेंटीलेटर लगा है। लगभग सभी वेंटीलेटर पर मरीज हैं।

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जूनियर डॉक्टरों की छुट्टी निरस्त

बढ़ती संख्या को देखते हुए सर्जरी के डॉक्टरों की ड्यूटी भी वार्ड में लगा दी गई और जूनियर डॉक्टरों की छुट्टी निरस्त कर दी गई है। कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों के लिए 110 बेड का सुपर स्पेशलिटी में क्वारंटाइन वार्ड बनाया गया है। प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 55 बेड मरीजों के लिए खाली कराए जा रहे हैं। आधे में मरीज व आधे में स्वास्थ्यकर्मी रहेंगे। इसके अलावा स्वास्थ्यकर्मियों के नेहरू अस्पताल के वार्ड नंबर एक में क्वारंटाइन की व्यवस्था की जा रही है।

इलेक्टिव सर्जरी ठप

सर्जरी के डॉक्टरों की ड्यूटी कोरोना वार्ड में लग जाने से, इलेक्टिव सर्जरी (सामान्य) ठप हो गई है। इमरजेंसी में केवल गंभीर मरीजों की ही सर्जरी की जा रही है।

भरे हैं सर्दी-जुकाम के मरीज

कॉलेज प्रशासन का कहना है कि यह लेबल- 2 व 3 अस्पताल है, यहां गंभीर मरीजों को ही भेजा जाना चाहिए। लेकिन, जिनमें जरा भी लक्षण है, उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जा रहा है।

अब डराने लगा है कोरोना

कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि जरूर हुई है, लेकिन संक्रमण भी तेजी से बढ़ा है। रोकथाम के सभी उपाय निष्प्रभावी साबित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग इसका मूल कारण व्यक्तिगत स्तर पर जागरूकता का अभाव मान रहा है। गोरखपुर जिले का पहला मामला 26 अप्रैल को सामने आया था। अब कुल संक्रमितों की संख्या 754 पहुंच चुकी है। इनमें से केवल जुलाई में अबतक 412 संक्रमित हुए हैं। संक्रमण फैलने के मामले में जुलाई के 13 दिन दो महीनों पर भारी पड़े हैं। हालांकि ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में भी वृद्धि हुई लेकिन संक्रमण की गति इससे अधिक है। स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर चिंतित है।

लापरवाही से निष्फल हो रहे रोकथाम के उपाय

सीएमओ का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन लगातार लोगों को कोविड-19 नियमों का पालन करने की सलाह दे रहा है। कहीं भी भीड़ न लगाने, शारीरिक दूरी बनाए रखने और बिना मास्क के घर से बाहर न निकलने की अपील की जा रही है। लेकिन, बाजार हो या माल हर जगह भीड़ नजर आ रही है। अधिकांश लोग बिना मास्क लगाए घूम रहे हैं। इससे रोकथाम के उपाय निष्फल होते जा रहे हैं।

पीडब्लूडी के दो जेई पर लगा था जुर्माना

लगभग एक सप्ताह पहले कोविड के नोडल अधिकारी ने पीडब्लूडी कार्यालय का निरीक्षण किया था। प्रांतीय खंड में दो अवर अभियंता (जेई) शारीरिक दूरी का पालन न करते बहुत पास-पास बैठकर बातें कर रहे थे। नोडल अधिकारी ने उन पर पांच-पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाया था। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी का कहना है कि शहर में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है, यह ङ्क्षचता की बात है। इसके पीछे की वजह है कि लोग कोरोना को लेकर बेपरवाह है। अगर लोग कम निकलें, मास्क लगाएं और सैनिटाइजर का प्रयोग करते रहें तो काफी हद तक इस पर रोक लगाई जा सकती है। व्यक्तिगत सतर्कता ही हमें कोरोना से बचाएगी। 


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