गोरखपुर-बस्ती मंडल के कई स्कूलों में कभी निरीक्षण ही नहीं, शासन की रिपोर्ट में खुली पोल Gorakhpur News
आमतौर पर निरीक्षण के दौरान अधिकारी सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में जाने से कतराते थे। सभी का यही लक्ष्य होता है कि वह मुख्यालय के आसपास के स्कूलों का ही निरीक्षण करें। यह बात जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में भी स्पष्ट हो चुका है।
गोरखपुर, जेएनएन। परिषदीय स्कूलों में एक बार फिर शासन का निरीक्षण पर जोर है। ब'चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी कार्यक्रमों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अब सुदूर क्षेत्र के स्कूलों का भी नियमित निरीक्षण किया जाएगा। स्कूलों के निरीक्षण के लिए दिए गए लक्ष्य के सापेक्ष निरीक्षण की स्थिति असंतोषजनक रहने पर शासन ने ऐसे स्कूल जो अभी तक निरीक्षण से वंचित रह गए हैं उनका निरीक्षण किए जाने का निर्देश दिया है।
अभी भी निरीक्षण से दूर हैं सुदूरवर्ती क्षेत्रों के स्कूल
आमतौर पर निरीक्षण के दौरान अधिकारी सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में जाने से कतराते थे। सभी का यही लक्ष्य होता है कि वह मुख्यालय के आसपास के स्कूलों का ही निरीक्षण करें। यह बात महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र में भी स्पष्ट हो चुका है। अभी तक जो स्कूल निरीक्षण से दूर है उनमें अधिकांश दूर-दराज क्षेत्रों के ही शामिल हैं।
रियल टाइम भरना होता है ब्योरा
निरीक्षण करने वाले अधिकारियों को प्रेरणा ऐप पर निरीक्षण मॉड्यूल के तहत निरीक्षण करना होता है और रियल टाइम डाटा भरना होता है। साथ ही स्कूल के परिसर से ही फोटो भी अपलोड करनी होती है, ताकि कोई गलत जानकारी न भर सके।
गोरखपुर-बस्ती मंडल में निरीक्षण से वंचित स्कूल
शासन द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार गोरखपुर के 26, कुशीनगर के 42, देवरिया के 26, महराजगंज के 33, बस्ती के पांच, संतकबीरनगर के 12 तथा सिद्धार्थनगर के 19 फीसद स्कूल अभी भी निरीक्षण से वंचित हैं।
निरीक्षण रिपोर्ट में हुआ है खुलासा
शासन ने सितंबर 2020 से मार्च 2021 तक स्कूलों के निरीक्षण के लिए बाकायदे लक्ष्य निर्धारित किया था। निरीक्षण रिपोर्ट देखने से पता चल रहा है कि जिला-तहसील मुख्यालय, ब्लाक मुख्यालयों के आसपास स्थित स्कूलों का निरीक्षण तो किया जा रहा है, लेकिन दूर के स्कूल निरीक्षण से वंचित है। इसे गंभीरता से लेते हुए महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिख कर कहा है कि अधिकारी पहले दूर क्षेत्रों में स्थित स्कूलों का निरीक्षण करें। इसके बाद ही शहरी क्षेत्रों या मुख्य सड़कों पर स्थित स्कूलों का निरीक्षण किया जाए। बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह का कहना है कि जिले में नियमित स्कूलों का निरीक्षण किया जाता है। यदि कोई स्कूल निरीक्षण से वंचित है तो उसका भी निरीक्षण किया जाएगा, ताकि पठन-पाठन की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।