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कलेक्‍ट्रेट परिसर में पानी भरा होने के कारण भू-नक्शे समेत कई महत्वपूर्ण अभिलेख भींगे

इस बार कलेक्ट्रेट परिसर में कई दिनों तक बारिश का पानी जमा था। बारिश का पानी न केवल डीएम एडीएम प्रशासन अपितु सभी कार्यालयों में पानी घुस गया था इसलिए महत्‍वपूर्ण अभिलेख भींग गए हैं। अब उन्‍हें सुखाया जा रहा है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 07 Oct 2020 05:57 PM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2020 10:16 PM (IST)
कलेक्‍ट्रेट परिसर में अखिलेखों को सुखाता कर्मचारी।

गोरखपुर, जेएनएन। बारिश के पानी से देवरिया कलेक्ट्रेट परिसर स्थित राजस्व अभिलेखागार, फौजदारी अभिलेखागार, कलेक्ट्रेट के कई पटल के महत्वपूर्ण अभिलेख भींग गए। जिन्हें सुखाने में कर्मचारी जुटे हुए हैं। राजस्व अभिलेखागार में रखे करीब पचास से अधिक गांवों के भू-नक्शे, खतौनियां, जिल्द समेत अन्य भीगे अभिलेखों को बचाने की कवायद चल रही है। होम गार्ड की निगरानी में अभिलेखों को धूप में सुखाया जा रहा है। बंदूक बाबू के पटल के अलावा अन्य पटलों के भीगे अभिलेखों को भी कई दिनों से धूप में सुखाया जा रहा है।

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कई दिनों तक भरा था कलेक्ट्रेट परिसर में पानी

इस बार कलेक्ट्रेट परिसर में कई दिनों तक बारिश का पानी जमा था। बारिश का पानी न केवल  डीएम, एडीएम प्रशासन, एडीएम वित्त एवं राजस्व, मुख्य राजस्व अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, खनन अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी, डीएसओ, सहायक अभियोजन अधिकारी समेत अन्य कार्यालयों में पानी घुसा था, बल्कि परिसर स्थित राजस्व अभिलेखागार, फौजदारी अभिलेखागार, अंग्रेजी दफ्तर आदि में पानी घुसा था। हालांकि बारिश को देखते हुए कर्मचारी व्‍यवस्‍था की खामियों को समझ गए थे। इसलिए कर्मचारियों ने अभिलेखों को भीगने से बचाने के लिए मेज पर रखा था। इसके बावजूद महत्वपूर्ण अभिलेख भींग गए। अब वही कर्मचारी उसे धूप में सुखाने का काम कर रहे हैं। अभिलेखों का कितना नुकसान हुआ है, इसकी जानकारी उसके सूख जाने के बाद हो पाएगी।

मालखाने में रखे सामान हुए नष्ट

कलेक्ट्रेट परिसर स्थित मालखाने में रखे सामान नष्ट हो गए हैं। इसको बचाने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी राजीव कुमार ने डीएम को पत्र लिखकर बचाने का अनुरोध किया है। मुख्‍य राजस्‍व अधिकारी अमृत लाल बिंद ने कहा है कि बारिश के पानी से इस बार कलेक्ट्रेट परिसर में कई दिनों तक जलभराव की समस्या बनी हुई थी। कर्मचारियों ने अभिलेखों को बचाने का प्रयास किया था लेकिन इसके बाद भी अभिलेख भीग गए। 


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