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खाद प्रबंधन व खर-पतवार नियंत्रण से बढ़ेगी धान की उपज

धान की अच्‍छी पैदावार पाने के लिए खाद का प्रबंधन और खर-पतवार नियंत्रण बेहद जरूरी है। खर-पतवार नियंत्रण के लिए किसान भाई निराई-गुड़ाई का परंपरागत तरीका अपनाने के साथ ही रासायनिक दवाओं का भी प्रयोग कर सकते हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 03:30 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 03:30 PM (IST)
खाद प्रबंधन व खर-पतवार नियंत्रण से बढ़ेगी धान की उपज
खाद का प्रबंधन और खर-पतवार नियंत्रण से धान की पैदावार को बढ़ाया जा सकता है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। खरीफ की सबसे प्रमुख फसल धान की अच्‍छी पैदावार पाने के लिए खाद का प्रबंधन और खर-पतवार नियंत्रण बेहद जरूरी है। खर-पतवार नियंत्रण के लिए किसान भाई निराई-गुड़ाई का परंपरागत तरीका अपनाने के साथ ही रासायनिक दवाओं का भी प्रयोग कर सकते हैं। अ'छी पैदावार पाने के लिए फसल की जरूरत के अनुसार संतुलित मात्रा में खाद डालनी चाहिए।

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खर-पतवार नियंत्रण के लिए इन रसायनों का करें प्रयोग

खर-पवार नियंत्रण के लिहाज से धान की रोपाई या सीधी बुवाई के बाद शुरूआत के दिन काफी अहम होते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार के कृषि विज्ञानी डा. एसके तोमर बताते हैं कि खेत में खर-पतवारों का जमाव होने की वजह से धान की फसल का विकास बाधित होता है। इसे रोकने के लिए सीधी बुवाई वाले खेत में 25 दिन बाद और रोपाई वाले खेत में 30 दिन बाद प्रति एकड़ खेत के हिसाब से बिस्पायरी बैक सोडियम 10 एफसी की सौ मिली और 80 ग्राम पायरोजोसल्फ्यूरान 120 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। छिड़काव से पहले ध्यान रखें कि खेत में पानी न भरा हो और न ही उस दिन बरसात होने की संभावना हो। छिड़काव के दूसरे दिन खेत की सिंचाई जरूर करें।

सही मात्रा में डालें खेत में खाद

डा. तोमर बताते हैं कि धान की फसल में प्रति एकड़ के हिसाब से 110-115 किग्रा यूरिया तीन बार में डालना चाहिए। 35 किग्रा यूरिया रोपाई के सात दिन बाद जबकि 45 किग्रा यूरिया कल्ले निकलने पर डालना चाहिए। बाली निकलते समय बाकी बची 35 किग्रा यूरिया खेत में डालनी चाहिए। इससे फसल को पर्याप्त मात्रा में नत्रजन मिलेगा। इससे उपज में वृद्धि होगी। खड़ी फसल में जिंक की कमी हो तो प्रति एकड़ की दर से दो किग्रा जिंक सल्फेट व तीन किग्रा यूरिया को चार सौ लीटर पानी में घोलकर खेत में छिड़काव करना चाहिए।

अरहर के खेत में ऐसे करें खर-पतरवार नियंत्रण व खाद प्रबंधन

खरीफ की दलहनी फसलों में अरहर सबसे महत्वपूर्ण है। किसान भाई अक्सर अरहर की फसल में खर-पतरवार नियंत्रण और खाद प्रबंधन पर ध्यान नहीं देते। जबकि अच्‍छी पैदावार पाने के लिए अन्य फसलों की तरह ही यह जरूरी है। डा. तोमर बताते हैं अरहर के खेत में खर-पतवार नियंत्रण के लिए बुवाई के 25 से 30 दिन बाद प्रति एकड़ की दर से ईमिजाथइपर 10 एसएन की चार सौ मिली मात्रा 150 लीटर पानी में घोलकर खेत में छिड़काव करना चाहिए। अरहर की फसल में प्रति एकड़ की दर से सौ किग्रा डीएपी खाद का प्रयोग करना चाहिए।


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