मकर संक्रांति देता है समरसता का संदेश
गोरखपुर : मकर संक्रांति के दौरान सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। इसके
गोरखपुर : मकर संक्रांति के दौरान सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। इसके बाद से दिन बड़े होने शुरू हो जाते हैं। समाज से धुंध, अंधकार छंटने लगता है। यह नकारात्मकता पर सकारात्मकता की विजय का पर्व है। यह पर्व समाज में व्याप्त छुआछूत, भेदभाव जैसी बुराइयों को खत्म करने, मन की मलीनता दूर करने, लोगों में समानता का भाव विकसित करने का संदेश देता है ताकि समाज में समरसता का संचार करता है।
यह बातें प्रज्ञा प्रवाह के संगठन मंत्री एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रामाशीष सिंह ने कहीं। वह शनिवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय की अमृता कला वीथिका में आयोजित मकर संक्रांति उत्सव को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन आरएसएस के दीनदयाल नगर, गोरक्ष प्रांत द्वारा किया गया था। मुख्य अतिथि ने कहा कि हिंदू समाज में किसी जाति के ऊंचा या नीचा होने का सवाल प्राचीनकाल में कभी नहीं उठा, क्योंकि यहा जातिया ऊंची या नीची थी ही नहीं, लेकिन विदेश से आए आक्रमणकारियों ने हमारे समाज को तोड़ने के लिए हमारे अंदर ऐसे भाव भरे जिससे समाज में विघटन पैदा हो, लोग आपस में लड़ें जिससे उनके लिए यहा राज करना आसान हो जाए। लेकिन स्वामी विवेकानंद जैसे भारतीय संतों एवं मनीषियों ने इस कुचक्र तोड़ने के लिए लगातार संघर्ष किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर गोपाल प्रसाद जी ने की। इस अवसर पर संघचालक विश्वनाथ ने किया। कार्यक्रम में प्रो. हिमांशु चतुर्वेदी, प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा, प्रो. संजीत गुप्त, प्रो. विजय श्रीवास्तव, प्रो. नरेश भोक्ता, प्रो. हर्ष सिन्हा, डा. प्रदीप राव, प्रो. अजय शुक्ला, प्रो. विनोद सिंह आदि मौजूद थे।