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Gorakhpur News: रेलवे ठीकेदार हत्याकांड में माफिया राजन तिवारी दोषमुक्त, श्रीप्रकाश शुक्ल समेत 4 पर था आरोप

Gorakhpur News वर्ष 1996 में रेलवे के ठीकेदार विवेक सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस में श्रीप्रकाश शुक्ला राजन तिवारी समेत चार को आरोपित बनाया गया था। न्यायालय ने हत्या के इस मुकदमे में राजन तिवारी को दोषमुक्त कर दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 04 Oct 2022 09:07 PM (IST)Updated: Tue, 04 Oct 2022 09:07 PM (IST)
Gorakhpur News: श्रीप्रकाश शुक्ला, राजन तिवारी समेत चार को स्वजन ने बनाया था आरोपित।

UP News: गोरखपुर, जागरण संवाददाता। माफिया व पूर्व विधायक राजन तिवारी (Rajan Tiwari) को विशेष न्यायाधीश पाक्सो न्यायालय ने हत्या के मुकदमे में दोषमुक्त कर दिया है। गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में हाई कोर्ट से 10 दिन पहले ही उसे जमानत मिल गई थी। गोरखपुर से रिहाई का आदेश पहुंचने पर मंगलवार को उसे केंद्रीय करागार फतेहगढ़ से रिहा कर दिया गया।

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वर्ष 1996 में हुई थी विवेक सिंह की हत्या

24 सितंबर 1996 को शाहपुर के दरगिया निवासी रेलवे के ठीकेदार विवेक सिंह की विजय चौराहा पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मुकदमे में दाउदपुर निवासी दुर्दांत श्रीप्रकाश शुक्ल, मोहद्दीपुर निवासी अनुज सिंह, संतकबीरनगर के महुली थानाक्षेत्र के जोरवा निवासी आनंद पांडेय, गगहा के सोहगौरा निवासी पूर्व विधायक राजन तिवारी के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश व बलवा का मुकदमा कैंट थाने में दर्ज हुआ था।

श्रीप्रकाश शुक्ल का हो चुका एनकाउंटर

15 मई 1998 को कैंट थाना पुलिस ने इसी मुकदमे में श्रीप्रकाश शुक्ला समेत सभी आरोपितों के खिलाफ गैगस्टर एक्ट की कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई के कुछ दिन बाद ही श्रीप्रकाश शुक्ल, आनंद व अनुज को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया। इस मामले में आरोपित राजन तिवारी ही जिंदा है जो दो दशक से बिहार के पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) जिले के गोविंदगंज में रहता है।

बिहार में रक्सौल बार्डर से किया गया था गिरफ्तार

गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे की सुनवाई के दौरान कोर्ट में न आने पर उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। हाजिर न होने पर कोर्ट के आदेश पर कैंट थाना पुलिस ने 18 अगस्त को बिहार में रक्सौल बार्डर से राजन तिवारी को गिरफ्तार किया। अपने साथियों संग वह नेपाल भागने की फिराक में था। गोरखपुर लाकर कैंट थाना पुलिस ने न्यायालय में पेश किया जहां से जेल भेज दिया गया।

जेल जाते समय पुलिसकर्मियों से हुई थी भिड़ंत

न्यायालय से जेल जाते समय राजन तिवारी व उसके साथी पुलिसकर्मियों से भिड़ गए। हटाने की कोशिश करने पर जान से मारने की धमकी देने लगे। एसएसपी के आदेश पर पुलिसकर्मियों ने राजन तिवारी के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया। माफिया के आपराधिक रिकार्ड को देखते हुए जेल प्रशासन ने प्रशासनिक आधार पर उसे केंद्रीय करागार फतेहगढ़ भेज दिया था।

यूपी के 61 माफिया की सूची में है नाम

दो दशक से बिहार के पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) जिले के गोविंदगंज में रहने वाले राजन तिवारी ने कुछ दिन पहले चुपके से गोरखपुर में वापसी करते हुए प्रापर्टी डीलिंग शुरू की। भनक लगते ही पुलिस ने शिकंजा कसते हुए प्रदेश के 61 माफिया की सूची में नाम शामिल कर लिया। एडीजी जोन कार्यालय ने राजन पर दर्ज मुकदमे की जांच शुरू कराई तो पता चला कि दिसंंबर 2005 से जमानती वारंट जारी होने के बाद भी वह कोर्ट में पेशी पर नहीं आ रहा था।जिसके बाद तलाश में जुटी कैंट थाना पुलिस ने रक्सौल बार्डर से गिरफ्तार किया।


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