गांवों में मुनादी करने का तरीका बदलेगा, अब होगी इस तरह की व्यवस्था Gorakhpur News
जिला प्रशासन का पूरा जोर कोरोना महामारी के नियंत्रण पर है। इसी के तहत महानगर एवं कस्बों में सार्वजनिक स्थलों पर पीएएस लगाए गए हैं। इस बार कोरोना का गांवों पर भी काफी प्रभाव पड़ा है। ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायतों में भी पीएएस लगाने का निर्णय लिया गया।
गोरखपुर, जेएनएन। कई वर्षों से गांवों में चली आ रही मुनादी की व्यवस्था अभी भी जारी है। राशन बंट रहा हो या खुली बैठक का आयोजन करना हो, गांवों में डुगडुगी बजवाकर लोगों को सूचित किया जाता है। पर, कोरोना काल ने इसमें परिवर्तन के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया है। जिले की सभी ग्राम पंचायतों में अब पब्लिक एड्रेस सिस्टम (पीएएस) लगाने का निर्णय लिया गया है। विकास भवन से इसकी शुरूआत हो भी चुकी है। यानी गांवों में डुगडुगी के साथ 'सुनो, सुनो, सुनो... की बजाए लाउड स्पीकर पर कृपया ध्यान दें... गूंजेगा।
ग्राम पंचायतों को दी गई खरीद की जिम्मेदारी
जिला प्रशासन का पूरा जोर कोरोना महामारी के नियंत्रण पर है। इसी के तहत महानगर एवं कस्बों में सार्वजनिक स्थलों पर पीएएस लगाए गए हैं। इस बार कोरोना का गांवों पर भी काफी प्रभाव पड़ा है। ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायतों में भी पीएएस लगाने का निर्णय लिया गया। पीएएस खरीदने से लेकर उसे लगवाने तक का खर्च ग्राम पंचायतों की ओर से वहन किया जाएगा। जिले में 1294 ग्राम पंचायतें हैं। इसे इस तरह से लगाया जाएगा ताकि आसपास के गांवों में भी आवाज पहुंच सके। पीएएस पर नियमित अंतराल पर कोरोना महामारी एवं इससे बचाव के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा। लक्षण आने पर क्या करें, क्या सावधानियां बरतें, यह भी बताया जाएगा। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा का जिक्र भी संदेश में होगा। प्रशासन की ओर से लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए क्या उपाय किए गए हैं, इससे भी गांव वालों को अवगत कराया जाएगा।
राशन वितरण एवं अन्य जरूरी संदेश भी
इंसेफ्लाइटिस से बचाव को लेकर भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। जागरूकता संदेशों के अलावा गांव में लगे पीएएस के जरिए राशन वितरण एवं अन्य जरूरी संदेश भी लोगों तक पहुंचाए जाएंगे। जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने बताया कि गांवों में पीएएस लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। विकास भवन में पहला पीएएस लगाया जा चुका है। अब धीरे-धीरे पंचायतों में भी इसे लगाया जाएगा। कोशिश होगी कि जिले के अधिकतर गांवों में यह सुविधा मुहैया हो सके।