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Gorakhpur coronavirus: कोविड से उबरने के बाद तलाश रहे साइड इफेक्ट, विभागवार चल रहा जांच का सिलसिला Gorakhpur News

इन दिनों जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज में ऐसे मरीज भी खूब पहुंच रहे हैं जो कोरोना से तो उबर चुके हैं लेकिन उनके दुष्प्रभाव से अबतक उबर नहीं सके हैं। ऐसे मरीजों पर गहन चिकित्सीय नजर रखी जा रही है। नियमित जांच की जा रही है।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 10:50 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 11:31 AM (IST)
Gorakhpur coronavirus: कोविड से उबरने के बाद तलाश रहे साइड इफेक्ट, विभागवार चल रहा जांच का सिलसिला Gorakhpur News
कोरोना वायरस संक्रमण का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना से जंग जीत चुके बहुत से लोगों की मुश्किलें आसान नहीं हो रहीं। ऐसे लोगों में कोविड ठीक होने के बाद उसका साइड इफेक्ट पाया जा रहा है। फेफड़े में संक्रमण, थकान, फाइब्रोसिस और कमजोरी की समस्या खासतौर से सामने आ रही है। कई मरीजों में गला सूखने और भूख मरने की शिकायत भी आ रही है। जिला अस्पताल और बीआरडी मेडिकल कालेज में ऐसे बहुत से मरीज इन दिनों आ रहे हैं। ऐसे मरीजों को लेकर चिकित्सक विशेष सतर्कता बरत रहे हैं।

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मेडिकल कालेज और जिला अस्‍पताल पहुंच रहे मरीज

इन दिनों जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज में ऐसे मरीज भी खूब पहुंच रहे हैं, जो कोरोना से तो उबर चुके हैं लेकिन उनके दुष्प्रभाव से अबतक उबर नहीं सके हैं। जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डा. राजेश कुमार के मुताबिक उनके यहां ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिन्हें कोविड के बाद थकान, सुस्ती और सांस लेने में तकलीफ है। उन्होंने बताया कि चिकित्सीय परामर्श के अलावा ऐसे मरीजों को समृद्ध आहार लेने की सलाह दी जा रही है। मेडिकल कालेज के छाती रोग विभाग के अध्यक्ष डा. अश्वनी मिश्रा ने बताया कि उनके विभाग की ओपीडी में कोविड से उबर चुके कई ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनके फेफड़े में संक्रमण है। फाइब्रोसिस की दिक्कत भी कई मरीजों में पायी जा रही है। ऐसे मरीजों पर गहन चिकित्सीय नजर रखी जा रही है। नियमित जांच की जा रही है। उन्हेें छह महीने तक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जा रही है।

आंख में खून के थक्के जमने की भी मिल रही शिकायत

मेडिकल कालेज के नेत्र रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. राम कुमार जायसवाल के मुताबिक उनके विभाग की ओपीडी में कोविड से उबर चुके कई ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनके आंखों में खून का थक्का जम जा रहा है। ऐसा आंखों की नसों के सूख जाने से होता है। ऐसे मरीजों को सलाह दी जा रही है कि वह इस समस्या को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें, वरना आंखें हमेशा के आंखों की रोशनी भी जा सकती है।


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