नलकूप पर ताला, सिचाई व्यवस्था पर सवाल
फोटो-एसकेटी-3 से 7 - केंचुआखोर गांव का नलकूप दो वर्ष से बंद - सिचाई के लिए निजी साधनों का प्रयोग करने को किसान विवश जागरण संवाददाता मेंहदावल
संतकबीर नगर : रबी अभियान की फसलू की बोआई का समय आ गया है लेकिन मेंहदावल तहसील क्षेत्र में स्थित नलकूप बंद होने से किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है।
धर्मसिंहवा क्षेत्र के केंचुआखोर गांव का नलकूप पर बीते दो वर्षों से ताला बंद है। पंप आपरेटर के गांव में न आने से किसान शिकायत नहीं कर पा रहे हैं। नलकूप की नालियां भी ध्वस्त हो चुकी हैं। शिकायत के बाद भी लेकिन जल निगम बंद पड़े नलकूपों को चालू नहीं करा रहा है। किसानों को निजी साधनों का प्रयोग करके पानी चलाने को मजबूर हैं। निजी साधनों के प्रयोग से लागत बढ़ने के साथ ही आय घट जाएगी। मेंहदावल के नगरा कला का नलकूप भी खराब हो गया है, जिसके कारण पानी का अभाव हो गया है। बेलहर व सांथा में भी कुछ नलकूप खराब हैं।
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क्या कहते है अन्नदाता धर्मसिंहवा के रामकेश यादव का कहना है कि गेहूं संग दलहनी व तिलहनी फसलों की सिचाई शुरू हो गई है, लेकिन नलकूप बेपानी हैं। अब तो खुद के स्तर से ही पानी चलाना पड़ेगा। मुन्नीलाल कहते हैं कि दो वर्ष से उनके गांव का नलकूप बंद पड़ा है लेकिन पंप आपरेटर का पता ही नहीं है। बहादुर कहते हैं कि किसान को केवल वादा ही मिलता है। प्रतिवर्ष हमलोग पानी के लिए जूझते हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधियों को इन सब मुद्दों से जैसे कोई लेना देना नहीं है। प्रहलाद का कहना है कि नलकूप से पानी चलाने पर काफी कम पैसे खर्च होते हैं लेकिन निजी साधन काफी खर्चीले साबित होते हैं।
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बंद पड़े नलकूपों की खराबी ठीक कराने का काम चल रहा है। शीघ्र ही खराब नलकूपों की मरम्मत कराकर पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करा दी जाएगी।
अजय कुमार त्रिपाठी, एसडीएम, मेंहदावल