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इटावा लायन सफारी से पटौदी के साथ गोरखपुर चिडिय़ाघर पहुंचा बब्बर शेर

इटावा लायन सफारी से रविवार को लाए गए बब्बर शेर पटौदी और मरियम का शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणि उद्यान (चिडिय़ाघर) में रविवार को नवाब की तरह स्वागत किया गया। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उन्हें बाड़े में छोड़ा गया। दोनों के हाव-भाव से सफर की थकान साफ झलक रही थी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 01:20 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 09:10 PM (IST)
इटावा लायन सफारी से पटौदी के साथ गोरखपुर चिडिय़ाघर पहुंचा बब्बर शेर
गोरखपुर चिडिय़ाघर लाया गया बब्बर शेर। - सौजन्‍य- चिडिय़ाघर प्रशासन

गोरखपुर, जेएनएन। इटावा लायन सफारी से रविवार को लाए गए बब्बर शेर पटौदी और मरियम का शहीद अशफाक उल्लाह खां प्राणि उद्यान (चिडिय़ाघर) में रविवार को नवाब की तरह स्वागत किया गया। स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उन्हें बाड़े में छोड़ा गया। दोनों के हाव-भाव से सफर की थकान साफ झलक रही थी। हालांकि चिडिय़ाघर के पशु चिकित्सकों ने नवाब और मरियम को पूरी तरह से स्वस्थ बताया है। यहां लाए जाने के बाद दोनों को नाश्ते और भोजन में ताजा गोस्त दिया गया।

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गिर वन्यजीव अभयारण्य से इटावा लाया गया था लायन सफारी

पटौदी और मरियम का गोरखपुर चिडिय़ाघर लाया जाना पहले से तय था। 26 सितंबर 2019 को उन्हें गिर वन्यजीव अभयारण्य से लाकर इटावा लायन सफारी में रखा गया था। चिडिय़ाघर तैयार होने के बाद वन्यजीवों को लाने का सिलसिला शुरू होने पर पटौदी और मरियम को भी लाए जाने की तैयारी शुरू हो गई थी। पिंजड़े में उन्हें कैद करने के लिए इटावा लायन सफारी में कई दिन पहले पिंजड़ा लगाया गया था। शुक्रवार की शाम को दोनों के पिंजड़े में आने के बाद उन्हें गोरखपुर लाने की तैयारी शुरू हो गई।

चिकित्‍सकों की टीम ने की जांच

कानपुर चिडिय़ाघर के पशु चिकित्सक आरके सिंह के नेतृत्व में पशु चिकित्सकों और चिडिय़ाघर कर्मचारियों को टीम, शनिवार की शाम को पांच बजे के आसपास पटौदी और मरियम को साथ लेकर गोरखपुर के लिए रवाना हुई। करीब 10 घंटे का सफर कर यह टीम रविवार को सुबह उन्हें लेकर गोरखपुर चिडिय़ाघर पहुंची। इससे पहले ही चिडिय़ाघर के निदेशक डा. एच मोहन राजा और पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेश प्रताप सिंह की देखरेख में पटौदी और मरियम के बाड़े को उनके रहने के लिए तैयार कर लिया गया था। दोनों को किसी भी तरह के संक्रमण से बचाने के लिए बाड़े की जमीन पर हल्दी पाउडर की परत भी बनाई गई थी। चिडिय़ाघर के निदेशक और पशु चिकित्साधिकारी की देखरेख में दोनों को बाड़े के अंदर छोड़ा गया। डा. योगेश ने बताया कि पटौदी और मरियम पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। उन्हें फिलहाल क्वारंटाइन में रखा गया है। पशु चिकित्सकों की टीम उन पर नजर रख रही है।

रास्ते में हुई स्वास्थ्य जांच, दिया गया भोजन

इटावा लायन सफारी से लेकर गोरखपुर आ रही टीम ने रास्ते में रुक कर पटौदी और मरियम का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया। बाद मेें उन्हें भोजन भी दिया गया। रास्ते में भोजन देने के लिए इटावा लायन सफारी से छह किग्रा चिकन पैक कराया गया था।

54 हुई चिडिय़ाघर में वन्यजीवों की संख्या

पटौदी और मरियम को गोरखपुर चिडिय़ाघर लाए जाने से पहले 52 वन्यजीव लाए जा चुके थे। दोनों बब्बर शेरों के आने के बाद यह संख्या बढ़कर 54 हो गई है। अभी तक तीन बाघ, तीन तेंदुआ, एक दरियाई घोड़ा, लकड़बग्घे, जंगली बिल्ली, सियार, कछुआ, मगरमच्छ, विभिन्न प्रजाति के सांप व हिरण लाए गए हैं। चिडिय़ाघर में 58 प्रजाति के 387 वन्यजीवों को लाया जाना है। इनके लिए 33 बाड़े बनाए गए हैं।


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