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रेल यात्रियों को बडी राहत, एलएचबी व इकोनामी कोचों ने आसान कर दी दस हजार लोगों की राह

एलएचबी और इकोनामी एसी कोचों ने लगभग दस हजार लोगों की राह आसान कर दी है। इन कोचों में बर्थों की संख्या बढ़ने से यात्रियों को आसानी से कन्फर्म टिकट मिल जा रहा। वेटिंग टिकट के लिए परेशान नहीं होना पड़ रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 11:47 AM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 10:28 AM (IST)
रेल यात्रियों को बडी राहत, एलएचबी व इकोनामी कोचों ने आसान कर दी दस हजार लोगों की राह
एलएचबी व इकोनामी कोच लगने से दस हजार सीटें बढ़ गई हैं। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। नए लिंकहाफ मैन बुश (एलएचबी) और इकोनामी एसी कोचों ने लगभग दस हजार लोगों की राह आसान कर दी है। इन कोचों में बर्थों की संख्या बढ़ने से यात्रियों को आसानी से कन्फर्म टिकट मिल जा रहा। वेटिंग टिकट के लिए परेशान नहीं होना पड़ रहा है। रेल यात्रा सुगम होने के साथ रेलवे की कमाई भी बढ़ गई है। हालांकि, यात्रियों की संख्या बढ़ने से मुख्यालय गोरखपुर को ही पांच हजार अतिरिक्त बैडरोल (कंबल, चादर, तौलिया, तकिया आदि) के पैकेट की व्यवस्था करनी पड़ रही है।

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गोरखपुर के लिए पांच हजार अतिरिक्त बेडरोल की व्यवस्था में जुटा रेलवे

दरअसल, कोविड काल के पहले गोरखपुर से चलने वाली ट्रेनों के वातानुकूलित कोचों में रोजाना करीब 13 हजार बेडरोल के पैकेट लगते थे। उस समय ट्रेनों में पुराने (आइसीएफ) कोच ही लगते थे। अब जब रेलवे बोर्ड के दिशा-निर्देश पर पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने यात्रियों को फिर से बेडरोल देने की कवायद शुरू की है तो गोरखपुर से चलने वाली ट्रेनों के वातानुकूलित के ही करीब ढाई हजार यात्री बढ़ गए हैं। ऐसे में अब कोचिंग डिपो 13 की जगह 15 हजार बेडरोल के पैकेट की व्यवस्था में जुट गया है। जल्द ही टेंडर आदि की प्रक्रिया पूरी कर पर्याप्त बेडरोल सुनिश्चित कर लिए जाएंगे, ताकि बोर्ड का आदेश मिलते ही यात्रियाें को बेडरोल उपलब्ध कराया जा सके। हालांकि, पिछले सप्ताह से कोरोना का नया वैरिएंट सामने आने के बाद रेलवे फिर से सतर्कता बरतने लगा है। कोरोना काल में एसी कोचों के यात्रियों को बेडरोल नहीं दिए जा रहे हैं।

पूर्वोत्तर रेलवे में चल रही हैं 70 जोड़ी ट्रेनें

जानकारों के अनुसार गोरखधाम सहित गोरखपुर से बनकर चलने वाली 17 सहित कुल 34 जोड़ी ट्रेनों में एलएचबी कोच लग रहे हैं। पूर्वोत्तर रेलवे में 70 जोड़ी ट्रेनें चल रही हैं। आने वाले दिनों में सभी ट्रेनों में एलएचबी कोच लगाने की तैयारी है। अब तो रेल मंत्रालय एक कदम और आगे बढ़ाते हुए एलएचबी की जगह इकोनामी कोच लगाने की तैयारी में जुट गया है। गोरखपुर से बनकर चलने वाली तीन ट्रेनों में इकोनामी एसी कोच लगने लगे हैं। भविष्य में एसी चेयरकार और स्लीपर की जगह भी इकोनामी एसी कोच ही लगाए जाएंगे।

कोचों में ऐसे बढ़ रहीं बर्थें

एसी फर्स्ट - आइसीएफ में 24 और एलएचबी में 28 बर्थ

एसी सेकेंड - आइसीएफ में 46 और एलएचबी में 52 बर्थ (अब 56 बर्थ भी बनने लगे हैं)

एसी थर्ड - आइसीएफ में 64 और एलएचबी में 72 बर्थ

स्लीपर क्लास- आइसीएफ में 72 और एलएचबी में 80 बर्थ

जनरल क्लास - आइसीएफ में 100 और एलएचबी में 110 सीट

इकोनामी क्लास - एलएचबी में 72 और एसी थर्ड में 83 बर्थ

प्रमुख ट्रेनों में सुविधायुक्त एवं संरक्षा की दृष्टि से उत्तम एलएचबी कोच लगाए जा रहे हैं। वर्तमान में पूर्वोत्तर रेलवे की 34 ट्रेनें एलएचबी कोच से चल रही हैं। इन कोचों में सीट और बर्थ की संख्या भी बढ़ गई है। अधिक लोग सुगमता पूर्वक यात्रा करने लगे हैं। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे।


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