Move to Jagran APP

नेपाल के रास्ते चीन भेजा जा रहा हाथी का दांत व चमड़ा, सक्रिय हुआ इंटरपोल

तस्‍कर भारत से हाथी का दांत और चमड़ा नेपाल के रास्‍ते चीन भेज रहे हैं। सूचना पर इंटरपोल भी सक्रिय हो गई है, सोहगीरवा जंगल में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 12:06 PM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 01:03 PM (IST)
नेपाल के रास्ते चीन भेजा जा रहा हाथी का दांत व चमड़ा, सक्रिय हुआ इंटरपोल
नेपाल के रास्ते चीन भेजा जा रहा हाथी का दांत व चमड़ा, सक्रिय हुआ इंटरपोल

गोरखपुर, (विश्वदीपक त्रिपाठी)। पड़ोसी देश नेपाल से जुड़े उत्तर प्रदेश व बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र में इन दिनों शिकारियों का नेटवर्क सक्रिय है। नेटवर्क से जुड़े लोग दक्षिण भारत से हाथियों के दांत व चमड़े की तस्करी कर उसे नेपाल के रास्ते चीन पहुंचा रहे हैं। चीन में इन सामानों की ऊंची कीमत मिलने से यह अवैध कारोबार बड़े पैमाने पर संचालित हो रहा है। महराजगंज के सोहगीबरवा  वन्य जीव प्रभाग, बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में स्थित वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्ब फारेस्ट व नेपाल के रायल चितवन नेशनल पार्क से भी वन्य जीवों का शिकार कर चीन में मुंहमांगे दाम पर बेचा जा रहा है। शिकारियों की गतिविधियों के संबंध में मिले इनपुट केे बाद  इंटरपोल (अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संस्था) सक्रिय हो गया है। शिकारियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्ब फारेस्ट (वीटीआर) में यूपी, बिहार व  नेपाल फारेस्ट पुलिस के अधिकारियों की एक बैठक बुलाई गई है। 29 व 30 अक्टूबर को आयोजित बैठक में मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक पवन कुमार व दुधवा टाइगर रिजर्ब फारेस्ट के डायरेक्टर रमेश पांडेय उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे। इस दौरान इंटरपोल के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।

loksabha election banner

बाघिन व दुर्लभ फिसिंग कैट की भी हो चुकी है रहस्यमय मौत

सोहगीरवा जंगल में एक बाघिन व दुर्लभ प्रजाति की फिसिंग कैट की रहस्यमय परिस्थिति में मौत हो चुकी है। 20 अप्रैल 2018 मधवलिया रेंज के गनेशपुर बीट में बाघिन मृत मिली, जबकि जनवरी माह में एक फ‍िसिंग कैट की मौत हो चुकी है। यह दोनों संरक्षित वन्य जीव की श्रेणी में आते हैं। 

20 पंजे वाले कछुए भी शिकारियों के निशाने पर

20 पंजे वाला दुर्लभ प्रजाति का कछुआ सोहगीबरवा जंगल के बीच स्थित तालों में बहुतायत पाया जाता है। दो फरवरी 2018 को चौक रेंज के एक तालाब के पास से वन कर्मियों ने पांच कछुओं के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया। शिकारियों से हुई पूछताछ में जो जानकारी मिली, उसके अनुसार वे इन कछुओं को नेपाल में मौजूद एक तस्कर को देने वाले थे। 

खुली सीमा का लाभ उठा रहे शिकारी

भारत- नेपाल के बीच खुली सीमा शिकारियों के लिए मुफीद साबित हो रही है। सोहगीबरवा, वाल्मीकि नगर व चितवन नेशनल पार्क के आपस में जुड़े होने के चलते भी शिकारी सभी वन क्षेत्रों में घूम कर संरक्षित वन्य जीवों का शिकार कर उन्हें चीन में मुंहमांगें दामों पर बेंच रहे हैं। 

बढ़ाई गई सतर्कता

सोहगीवरवा वन्‍य जीव प्रभाग के डीएफओ मनीष सिंह ने कहा कि सोहगीबरवा जंगल में शिकारियों की बढ़ी सक्रियता व सीमावर्ती क्षेत्र में इनकी गतिविधियों के संबंध में मिले इनपुट के बाद सतर्कता बढ़ाई गई है। वनर्किमयों को नियमित गश्त के निर्देश दिए गए हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.