जानें- क्यों खाली पेट ट्रेन चला रहे हैं 26 सौ लोको पायलट Gorakhpur News
रेलवे में बढ़ते निगमीकरण आउटसोर्सिंग तथा पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने आदि मांगों को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे के लोको पायलट बिना खाए (उपवास रहकर) ट्रेन चला रहे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। रेलवे में बढ़ते निगमीकरण, आउटसोर्सिंग, किलोमीटर रेट आरएसी-1980 के अनुसार निर्धारित करने तथा पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने आदि मांगों को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे के लोको पायलट बिना खाए (उपवास रहकर) ट्रेन चला रहे हैं।
आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के आह्वान पर भारतीय रेलवे स्तर पर लोको पायलटों का आंदोलन सोमवार को सुबह 11 बजे शुरू हुआ है, जो अगले दिन मंगलवार को सुबह 11 बजे तक चलेगा। लोको पायलटों के आंदोलन को देखते हुए रेल प्रशासन सतर्क है। लोको पायलटों की छुट्टियां आदि रद कर दी गई हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल में कुल 26 सौ लोको पायलट हैं।
भूख आंदोलन से रेलवे का कार्य प्रभावित नहीं होगा। लोको पायलट बिना खाए ट्रेन लेकर चलते रहेंगे। लेकिन अगर रास्ते में कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी रेलवे प्रशासन की होगी। एसोसिएशन के क्षेत्रीय महामंत्री विनय शर्मा के अनुसार रनिंग स्टाफ की मांगे वर्षों से लंबित पड़ी हैं। लगातार ज्ञापन सौंपने, धरना प्रदर्शन करने के बाद भी रेलवे मंत्रालय और बोर्ड स्तर पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। ऐसे में बाध्य होकर एसोसिएशन ने उपवास रहकर ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है।
आंदोलन के तहत गोरखपुर मुख्यालय स्थित डीजल लाबी में लोको पायलटों ने एक सभा की। अपने उद्बोधन में एसोसिएशन के क्षेत्रीय अध्यक्ष जेएन शाह ने कहा कि सरकार रेलवे को धीरे-धीरे निजी हाथों में सौंप रही है। आउटसोर्सिंग के जरिये स्टेशन और कारखानों में कार्य कराए जा रहे हैं।
उन्होंने निगमीकरण और निजीकरण को बंद करने, माइलेज रेट आरएसी 1980 के फार्मूले के अनुसार निर्धारित कर एक जनवरी 2016 से एरियर सहित भुगतान करने, नई पेंशन स्कीम समाप्त कर पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने तथा एक जनवरी 2016 से पूर्व सेवानिवृत्त रनिंग स्टाफ की पेंशन विसंगतियों को दूर करने की मांग की। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोको पायलट मौजूद थे।