Coronavirus Lockdown Day 4 : ट्रेन व बस सेवा बंद हुई तो गाजियाबाद से बिहार के लिए पैदल चल दिए मजदूर Gorakhpur News
कहीं ठेका तो कहीं कंपनी बंद हो गई। ऐसे में मजदूरी करने वाले लोगों ने बस व रेल सेवा बंद होने के चलते अपने घरों तक पहुंचने के लिए पैदल ही चलना मुनासिब समझा।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते सर्वाधिक परेशान अगर कोई दिख रहा है तो वह है मजदूर वर्ग है। कहीं ठेका तो कहीं कंपनी बंद हो गई। ऐसे में मजदूरी करने वाले लोग अपने घर को निकल पड़े, बस व रेल सेवा बंद होने के चलते मजदूरों ने अपने घरों तक पहुंचने के लिए पैदल ही चलना मुनासिब समझा। स्थिति यह है कि पैदल अपने घरों को जा रहे लोगों को कहीं पर किसी दिन भोजन मिल रहा है और किसी दिन बिना भोजन के ही भूखे पेट रास्ते की दूरी तय करनी पड़ रही है। पैरों में छाले तो आंखों में नींद न पूरा करने तथा चेहरे पर थकान सीधे दिख रहा है।
कंपनी में करते थे काम
पड़ोसी प्रांत बिहार के गोपालगंज निवासी सुनील कुमार, सिवान जनपद के मैरवा निवासी विवेक खरवार व श्रीराम गोड़ गाजियाबाद में एक कंपनी में काम करते थे। घर की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के साथ ही बच्चों को अच्छी परवरिश देने की इच्छा थी । सुनील, विवेक व श्रीराम गाजियाबाद से पैदल ही अपने घर के लिए चल दिए।
देवरिया में कराया गया भोजन
शनिवार को देवरिया पहुंचे। सभी को भोजन कराया गया। उनका कहना है कि कहीं-कहीं लोग वाहन पर भी बैठा दे रहे हैं। बाकी तो फिर पैदल ही चलना पड़ रहा है। एक रात को तो भोजन तक नहीं मिला। हम लोगों को भूखे पेट ही पैदल चलना पड़ रहा है।
लखनऊ से चल दिए बलिया
बलिया जनपद निवासी संदीप चौहान, मंजय कुमार, मनीष चौहान, छोटू, अरुण निवासी आरा बिहार लखनऊ के बख्शी ताल में मजदूरी करने के लिए एक ठेकेदार के पास गए थे। काम बंद हो गया और ठेकेदार ने आठ-आठ सौ रुपये देकर उन्हें घर भेज दिया। वाहन न मिलने से यह सभी पैदल ही अपने घर के लिए चल दिए। शनिवार को यह भी देवरिया पहुंचे और अपनी आपबीती बताई।