राजकुमारी चुलबोर्न के लिए सजाया जा रहा कुशीनगर का थाई बुद्धिस्ट मोनास्ट्री
थाईलैंड की राजकुमारी चुलबोर्न के 21 फरवरी को कुशीनगर आगमन को लेकर थाई बुद्धिस्ट मोनास्ट्री को सजाने-संवारने का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। थाई बुद्धिस्ट मोनास्ट्री राजकुमारी की यात्रा को ऐतिहासिक बनाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता है। थाई राजकुमारी माघी पूर्णिमा के अवसर पर अपने विशेष विमान से 21 फरवरी को बोधगया से दो बजे गोरखपुर पहुंचेंगी। वहां से वे सड़क मार्ग से तीन बजे थाई मोनास्ट्री आएंगी जहां वे रात्रि विश्राम करेंगी।
गोरखपुर, जेएनएन : थाईलैंड की राजकुमारी चुलबोर्न के 21 फरवरी को कुशीनगर आगमन को लेकर थाई बुद्धिस्ट मोनास्ट्री को सजाने-संवारने का कार्य जोर-शोर से चल रहा है। थाई बुद्धिस्ट मोनास्ट्री राजकुमारी की यात्रा को ऐतिहासिक बनाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहता है। थाई राजकुमारी माघी पूर्णिमा के अवसर पर अपने विशेष विमान से 21 फरवरी को बोधगया से दो बजे गोरखपुर पहुंचेंगी। वहां से वे सड़क मार्ग से तीन बजे थाई मोनास्ट्री आएंगी, जहां वे रात्रि विश्राम करेंगी। 22 फरवरी को प्रात: काल थाई मोनास्ट्री से राजकुमारी महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर जाएंगी। वहां विश्व शांति और प्राचीन काल से चले आ रहे भारत-थाई मैत्री संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए पूजन-वंदन करने के बाद तथागत की पांचवीं सदी की लेटी प्रतिमा पर श्रद्धापूर्वक चीवर चढाएंगी। उसके बाद वे मोनास्ट्री में संचालित कुशीनगर क्लिनिक का निरीक्षण करेंगी। क्लिनिक निरीक्षण के बाद राजकुमारी बुद्ध के अंतिम संस्कार स्थल पर निर्मित रामाभार स्तूप की भी पूजा करेंगी। वहां से थाई बुद्ध मंदिर लौटकर राजकुमारी विभिन्न कार्यक्रमों में शरीक होंगी। 23 फरवरी को राजकुमारी गोरखपुर जाएंगी और वहां से अपने विमान में सवार होकर बैंकाक चली जाएंगी। थाई बुद्धिस्ट मोनास्ट्री से संबद्ध अंबिकेश त्रिपाठी ने बताया कि राजकुमारी के कुशीनगर आगमन को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही हैं। पूरे मंदिर परिसर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। कुशीनगर में राजकुमारी का ऐतिहासिक स्वागत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि थाई राजकुमारी पहले भी यहां आ चुकी हैं। वह यहां के महत्व से परिचित हैं। इसलिए उनकी इच्छा के अनुसार भी कार्यक्रम तय हो सकते हैं। हालांकि उनका कार्यक्रम तय है।