किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए स्थापित कृषि भवन बदहाल
कृषि भवन में कुल स्वीकृत पद 43 के सापेक्ष 20 की तैनाती है। उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी का पद वर्ष 2000 से खाली पड़ा है। यह पद भूमि संरक्षण अधिकारी के जिम्मे है। वरिष्ठ लिपिक विजय राय कनिष्ठ सहायक केशव यादव चतुर्थ श्रेणी के निलेश राय व चालक के पद पर जयप्रकाश यादव तैनाती हैं।
कुशीनगर: किसानों तक कृषि योजनाओं की जानकारी कराने वाला तहसील मुख्यालय पर स्थित कृषि विभाग का जर्जर भवन खतरे को दावत दे रहा है। स्थिति यह है कि कब छत और प्लास्टर गिर जाय, यह तय नहीं। ऐसे में कार्यरत कर्मियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं कार्यालय भवन के उद्देश्यों पर भी पानी फिरता नजर आ रहा है।
यहां से तहसील क्षेत्र के चार ब्लाक क्रमश : तमकुही, सेवरही, दुदही व फाजिलनगर के किसानों के हितों का खाका खींचा जाता है। वर्ष 1992 में तत्कालीन जिलाधिकारी मनोज कुमार की उपस्थिति में पूर्व विधायक नंद किशोर मिश्र ने इस कृषि भवन का उद्घाटन किया था। उचित रख-रखाव के अभाव में यह भवन जर्जर हालत में पहुंच गया है। भवन की दीवारों का प्लास्टर जगह जगह गिर गया है। दीवारों के ईंट भी सरकने लगे हैं। यहां तैनात कर्मचारी अनहोनी की आंशका से हमेशा भयभीत रहते हैं। एक ओर सरकार कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देकर किसानों की आय दोगुनी करने की बात कहती है वहीं इस भवन की जर्जर हालत से शासन द्वारा संचालित योजनाओं का पूरा लाभ किसानों को नहीं मिल पाता।
जंग खा रहे पंखे पर नहीं हो पाया कनेक्शन
कृषि भवन में आज तक विद्युत कनेक्शन नहीं है, जबकि निर्माण के समय ही भवन में जगह-जगह पंखे आदि लग गए। अब हालत यह है कि इन पंखों में जंग लग चुके हैं। कनेक्शन न होने से गर्मी के दिनों में कर्मचारियों को और भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
आधे से अधिक पद है खाली
कृषि भवन में कुल स्वीकृत पद 43 के सापेक्ष 20 की तैनाती है। उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी का पद वर्ष 2000 से खाली पड़ा है। यह पद भूमि संरक्षण अधिकारी के जिम्मे है। वरिष्ठ लिपिक विजय राय, कनिष्ठ सहायक केशव यादव, चतुर्थ श्रेणी के निलेश राय व चालक के पद पर जयप्रकाश यादव तैनाती हैं। वरिष्ठ सहायक ग्रुप बी का एक पद है, जो दो वर्ष से रिक्त है। प्राविधिक सहायक ग्रुप सी के स्वीकृत पद 37 के सापेक्ष 20 की तैनाती है 17 पद रिक्त है। चतुर्थ श्रेणी के दो पद है। दोनों रिक्त हैं। गाड़ी नहीं है। मृदा स्वास्थ्य परीक्षण के लिए स्टाफ की स्वीकृति के बावजूद किसी की तैनाती नहीं है, जिससे योजनाओं पर पानी फिरता नजर आ रहा है। क्षेत्र के प्रत्येक न्याय पंचायत में एक प्राविधिक सहायक की तैनाती होनी चाहिए पर कर्मचारियों के अभाव में एक कर्मचारी के जिम्मे दो न्याय पंचायत का काम दिया गया है। इससे योजनाओं को किसानों तक पहुंचने में काफी समय खर्च हो जाता है फिर भी उसका पूरा लाभ उन्हें नहीं मिल पाता। केंद्र व प्रदेश की सरकार कृषि क्षेत्र में धन का अधिक आवंटन कर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की सोच रखती जरूर है पर बदहाली के दौर से गुजर रहे इन जर्जर भवनों का जब तक काया कल्प नहीं होता और अधिकारियों एवं कर्मचारियों की तैनाती नहीं होती तब तक उसकी यह सोच बेमानी साबित होगी।
डा. बाबूराम मौर्य, भूमि संरक्षण अधिकारी/उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी ने बताया कि नए भवन की मरम्मत के लिए स्टीमेट बनाकर शासन को भेजा गया है। उम्मीद है कि बहुत जल्द स्वीकृति मिल जाएगी। कर्मचारियों की कमी से भी शासन को बराबर अवगत कराया जाता है। मौजूदा समय में जो संसाधन है उसी से काम चलाया जा रहा है।