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Khichdi Mela: गोरखनाथ मंदिर में उमड़ रही भीड़, निशानेबाजी का शौक पूरा कर रहे लोग, तस्वीरों में देखें एक झलक

Khichdi Mela 2023 श्रद्धालु बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने के बाद मेले का पूरा आनंद उठा रहे हैं। ठंड व भीड़ के कारण जो लोग मंदिर नहीं जा पाए थे वे अब मौसम ठीक होने के बाद मेले का आनंद लेने पहुंच रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandMon, 06 Feb 2023 01:15 PM (IST)
Khichdi Mela: गोरखनाथ मंदिर में उमड़ रही भीड़, निशानेबाजी का शौक पूरा कर रहे लोग, तस्वीरों में देखें एक झलक
गोरखनाथ मंदिर में लगे मेंले का आनंद लेने पहुंचे श्रद्धालु। -अभिनव राजन चतुर्वेदी

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखनाथ मंदिर में लगे खिचड़ी मेले में बड़ी मात्रा में लोग पहुंच रहे हैं। मौसम खुशनुमा होने के साथ ही युवा व बच्चों की भीड़ जुटने लगी है। धूप खिलते ही लोग झूले का आनंद लेने व खरीदारी करने के लिए मेला घूमने निकल रहे हैं। सोमवार को भी धूप निकलने के साथ ही मेले में लोगों की भीड़ दिखने लगी। वहीं एक दिन पहले माघ पूर्णिमा के दिन रविवार का अवकाश होने के कारण खिचड़ी मेले में बड़ी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाई और मेले का आनंद लिया। लोग सपरिवार मेले में पहुंचे। उत्सव व उल्लास का माहौल था। देर रात तक चहल-पहल बनी रही।

रात में सतरंगी रोशनी से जगमगा रहा झूला परिसर

झूला परिसर रात में सतरंगी रोशनी से जगमगा रहे हैं। तेज आवाज में गीत गूंज रहे। बच्चे व बड़े कहीं नावनुमा झूले का आनंद ले रहे तो कहीं ट्रेन (झूला) चल रही। आवाज व सीटी ट्रेन के चलने का आभास करा रही। सुहाग का प्रतीक सिंदूर लेकर अनेक विक्रेता घूम- घूमकर बेच रहे हैं।

निशानेबाजी का शौक पूरा कर रहे लोग

लोग निशानेबाजी का शौक पूरा कर रहे तो खजला का स्वाद लेने से भी नहीं चूके। खान- पान की दुकानों पर भीड़ जुट रही। घरेलू सामन व सौंदर्य प्रसाधन की दुकानों पर महिलाओं व खिलानों-गुब्बारों की दुकानों पर बच्चों की भीड़ रह रही।

मौत का कुंआ देख खड़े हो जा रहे लोगों के रोंगटे

मौत का कुंआ देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जा रहे। रविवार को मंदिर के मुख्य गेट से लेकर मंदिर तक मार्ग श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। लोगों ने इलाहाबाद से आए ब्रेक डांस व ड्रैगन, बहराइच से आए ज्वाइंट ह्वील, मऊ से सेलेंबो, शाहजहांपुर से आए टोरा-टोरा झूले का खूब आनंद लिया। मिक्की माउस पर बच्चे खूब उछले-कूदे। श्रद्धालुओं के आने का क्रम सुबह शुरू हुआ तो देर शाम तक जारी रहा।