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ईरानी कालीन की कीमत 35 हजार से लेकर तीन लाख रुपये तक, नहीं मिले खरीदार

गोरखपुर शहर के टाउनहाल मैदान में लगी प्रदर्शनी में ईरानी कालीन के ग्राहक ही नहीं मिले। भदोही के इन व्यवसायियों को निराश होना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Jan 2019 03:30 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jan 2019 03:30 PM (IST)
ईरानी कालीन की कीमत 35 हजार से लेकर तीन लाख रुपये तक, नहीं मिले खरीदार
ईरानी कालीन की कीमत 35 हजार से लेकर तीन लाख रुपये तक, नहीं मिले खरीदार

गोरखपुर, जेएनएन। टाउनहाल मैदान में लगी खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी में भदोही के कारीगरों ने ईरानी कालीन के साथ आमद दर्ज कराई थी, लेकिन उस कालीन के मुरीद शहर में नहीं मिल सके। ईरानी शिल्प के कालीन की कीमत 35 हजार से लेकर तीन लाख रुपये तक थी। साथ ही कश्मीर से आई पश्मीना शॉल के कद्रदान भी कम दिखे। 25 हजार की पश्मीना शॉल केवल तीन ही बिक सकी। ज्यादातर उन सामान को लोगों ने पसंद किया, जिनकी कीमत एक हजार के आसपास थी।

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प्रदर्शनी 19 जनवरी को शुरू हुई और 28 जनवरी को समाप्त हो गई। इन 10 दिनों में दूसरे प्रांतों व उत्तर प्रदेश के कई जिलों से आए कारीगरों की उम्मीदें लगातार टूटीं। पिछले वर्ष प्रदर्शनी में कुल 1.09 करोड़ रुपये की बिक्री हुई थी, जबकि इस साल लगभग 60 लाख रुपये की। व्यापारियों के अनुसार प्रदर्शनी में बिक्री बहुत कम हुई। वे इसका मुख्य कारण नाला निर्माण व खराब मौसम को बताते हैं।

इनकी हुई सर्वाधिक बिक्री

खादी आश्रम के कपड़े, सिल्क के कपड़े, आंवला उत्पाद, ड्राई फ्रूट आदि खूब बिके। कालीन अधिकतम तीन हजार रुपये तक का बिका और शॉल व जैकेट-स्वेटर एक हजार रुपये तक की कीमत का।

पुरस्कृत हुए स्टॉल

प्रदर्शनी का समापन लल्लन तिवारी, सदस्य उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने किया। उन्होंने सर्वाधिक बिक्री वाले तीन गांधी आश्रम व तीन ग्रामोद्योग के स्टॉल को पुरस्कृत किया। अध्यक्षता गिरीश चंद्र सिंह, सेवानिवृत्त जिला ग्रामोद्योग अधिकारी ने की। इस अवसर पर निदेशक खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग केपी राम, लीड बैंक मैनेजर एमके गुप्ता, उपायुक्त उद्योग पूजा श्रीवास्तव, जिला खादी एवं ग्रामोद्योग अधिकारी एनपी मौर्या व एके पाल आदि उपस्थित थे।

बोले वस्त्र व्यवसायी

भागलपुर के वस्त्र व्यवसायी शकील अंसारी कहते हैं कि जो लोग आए, उन्होंने खरीदारी की। नाला निर्माण व खराब मौसम के कारण बहुत कम लोग आए। पिछले साल चार लाख की बिक्री की थी, इस वर्ष सिर्फ 1.09 लाख की हुई। वहीं के शाहरुख खान ने कहा कि प्रदर्शनी शुरू हुई, उस समय नाला की खोदाई चल रही थी। पिछले साल डेढ़ लाख की बिक्री हुई थी, इस वर्ष 55 हजार का सामान बिका। जबकि खांडवा के औषधि व्यापारी सौरव का कहना है कि मध्य प्रदेश से घरेलू औषधियां लेकर आए हैं। नाला निर्माण के चलते ग्राहक कम आए। पिछले साल एक लाख का सामान बेचा था। इस वर्ष 50-60 हजार की बिक्री हुई। भदोही के कालीन व्यापारी मुमताज का कहना है कि हमारे पास फुट मैट, कालीन, ईरानी कालीन कई रेंज में हैं। 350 से लेकर तीन लाख रुपये तक, लेकिन अधिकतम बिक्री तीन हजार रुपये तक के कालीन की हुई। पिछले वर्ष तीन लाख का सामान बेचे थे, इस वर्ष 35 हजार का।


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