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Kalraj Mishra : चुनाव लड़ने से किया था मना, अब मिला उसका पुरस्कार Gorakhpur News

हिमांचल के राज्‍यपाल बनाए गए कलराज मिश्र अपने मधुर स्वभाव आत्मीय व्यवहार के लिए जाने जाते हैं। जानिए कलराज मिश्र का कैसा है राजनीतिक सफर।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 15 Jul 2019 04:10 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 09:45 AM (IST)
Kalraj Mishra : चुनाव लड़ने से किया था मना, अब मिला उसका पुरस्कार Gorakhpur News
Kalraj Mishra : चुनाव लड़ने से किया था मना, अब मिला उसका पुरस्कार Gorakhpur News

देवरिया [पवन कुमार मिश्र]। देवरिया के सांसद रहे कलराज मिश्र को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है। उन्होंने 75 वर्ष से अधिक उम्र होने के कारण 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया था, तभी से राज्यपाल बनाए जाने के कयास लगाए जा रहे थे। राज्यपाल बनाए जाने पर जनपद वासियों में खुशी है। कलराज मिश्र अपने मधुर स्वभाव, आत्मीयता पूर्ण व्यवहार के लिए जाने जाते हैं।

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उप्र में संगठन को खड़ा करने में नाना जी देशमुख के बाद कलराज मिश्र को श्रेय जाता है। एक जुलाई 1941 को गाजीपुर के मलिकपुर गांव में जन्म हुआ। पिता पं. रामाज्ञा मिश्र प्राथमिक पाठशाला में प्रधानाध्यापक थे। माता प्रभावती एक साधारण धार्मिक महिला थी। विद्यार्थी जीवन में वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता बन गए। 1963 में काशी विद्यापीठ से एमए किया। सात मई 1963 को सत्यवती के साथ विवाह हुआ। उनके दो पुत्र राजन व अमित मिश्र व एक पुत्री डा. हेमलता द्विवेदी हैं।

सामाजिक व राजनीतिक जीवन

1963 में संघ के प्रचार के नाते कलराज मिश्र को सबसे पहले गोरखपुर महानगर की जिम्मेदारी दी गई। 1968 में राजनैतिक क्षेत्र में कार्य करने के लिए आजमगढ़ विभाग के भारतीय जनसंघ के संगठन मंत्री नियुक्त किया गया। पार्टी ने 1972 में गुजरात विधानसभा चुनाव में सांगठनिक उपयोग किया। 1974 में जयप्रकाश के संपूर्ण क्रांति आंदोलन जब बिहार से चलकर पूर्वी उप्र में पहुंचा तो जनसंघ ने पूर्वांचल में इस आंदोलन के संयोजक का भार कलराज मिश्र को सौंपा था। 1975 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की तो व पूरे देश में सभी दलों के प्रमुख कार्यकर्ताओं को बंदी बनाया गया तो कलराज मिश्र को चार जुलाई को देवरिया जनपद के भलुअनी में गिरफ्तार किया गया। 18 माह बाद वे जेल से मुक्त हुए।

राजनीतिक सफर

  • 1977 के चुनाव में पूर्व उप्र के जनता पार्टी के चुनाव संयोजक बने।
  •   1978 में कलराज मिश्र को राज्य सभा का सदस्य बनाया।

  •   एक जनवरी 1979 को राष्ट्रीय युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए।

  •   11 अगस्त 1979 को राष्ट्रीय युवा समन्वयक समिति के संयोजक बने।

  •   1980 में भाजपा के निर्माण के बाद भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए।

  •   1982-83 में लोकतांत्रिक मोर्चा का गठन। मुलायम सिंह यादव अध्यक्ष व कलराज मिश्र महासचिव घोषित हुए।

  •   1986 में उप्र विधान परिषद सदस्य बनाए गए।

  •   1991 तक भाजपा के उप्र के महामंत्री संगठन रहे।

  •   अयोध्या राम मंदिर कारसेवा आंदोलन से जुड़े रहे।

  •   1991, 1993, 1995 व 2000 में भाजपा के चार बार प्रदेश अध्यक्ष रहे।

  •   21 मार्च से 17 अगस्त 2000 तक लोक निर्माण, पर्यटन, चिकित्सा शिक्षा मंत्री रहे।

  •   12 अप्रैल 2002 के उपचुनाव में निर्विरोध राज्य सभा सदस्य निर्वाचित हुए।

  •   2003 में उप्र, 2004 में राजस्थान व दिल्ली के प्रभारी बने।

  •   2006 में राज्य सभा सदस्य निर्वाचित।

  •  2008 के लोकसभा चुनाव में उप्र के चुनाव प्रभारी।

  • 2010 में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने।

  • -2012 में विधायक चुने गए।

  • 014 में देवरिया लोकसभा सीट से सांसद बने व केंद्रीय मंत्री बने।

  • 2019 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा के प्रभारी बनाने गए।


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