बाढ़ में नहीं डूबेगा कालेसर-जंगल कौड़िया फोरलेन बाईपास, प्रशासन ने की यह खास व्यवस्था
कालेसर-जंगल कौड़िया फोरलेन बाईपास पर हर बरसात लगने वाले पानी को रोकने के लिए अधिकारियों ने मुकम्मल व्यवस्था कर दी है। प्रशासन डोमिनगढ़-मानीराम एवं मछलीगांव-अलगटपुर बांध पर पंप हाउस बनवाने जा रहा है। इससे इस क्षेत्र में आने वाला पानी आसानी से निकल जाएगा।
गोरखपुर, उमेश पाठक। बाढ़ के समय कालेसर-जंगल कौड़िया फोरलेन बाईपास पर पानी लगने की समस्या का स्थायी समाधान होने जा रहा है। जिले में सिंचाई विभाग द्वारा बनाए जा रहे दो पंप हाउस से समस्या समाप्त हो जाएगी। एक पंप हाउस सदर तहसील क्षेत्र में जबकि दूसरा कैंपियरगंज तहसील क्षेत्र में बनाया जाएगा। पंप हाउस के निर्माण से करीब 600 हेक्टेयर क्षेत्रफल में दो फसलें बोयी जा सकेंगी। एक लाख से अधिक लोगों को बाढ़ के पानी से निजात मिल सकेगी। दोनों पंप हाउस पर करीब 107 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
डोमिनगढ़-मानीराम एवं मछलीगांव-अलगटपुर बांध पर बनेगा पंप हाउस
सदर तहसील के जगतबेला क्षेत्र में वर्षा के समय जलभराव हो जाता है। पानी बढ़ते हुए कालेसर-जंगल कौड़िया फोरलेन पर भी पहुंच जाता है। सड़क के आसपास का पूरा क्षेत्र जलमग्न नजर आता है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस क्षेत्र में पंप हाउस बनाने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सिंचाई विभाग द्वारा डोमिनगढ़-मानीराम बांध पर सिउरिया के पास करीब 52 करोड़ रुपये की लागत से एवं कैंपियरगंज क्षेत्र में मछलीगांव-अलगटपुर बांध पर कल्याणपुर में करीब 55 करोड़ रुपये की लागत से पंप हाउस बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया। प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है।
छह हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में बो सकेंगे दो फसल, एक लाख आबादी को होगा सीधा फायदा
कैंपियरगंज क्षेत्र में बनने वाले पंप हाउस से भी कालेसर-जंगल कौड़िया फोरलेन बाईपास पर पानी चढ़ने से रोकने में मदद मिलेगी। इस क्षेत्र से ताललिखिया होते हुए पानी फोरलेन पर चढ़ जाता है। पंप हाउस बनने से यहां पानी फैलने से रोका जा सकेगा। दोनों पंप हाउस के लिए चिह्नित स्थानों का गंगा फ्लड कंट्रोल कमेटी के चेयरमैन व निदेशक ने दौरा भी कर लिया है। कमेटी की संस्तुति के बाद उम्मीद है कि केंद्रीय जल आयोग से पंप हाउस बनाने को मंजूरी मिल जाएगी।
बड़ी आबादी को होगा फायदा
सड़क पर पानी चढ़ने की समस्या के निदान के साथ ही दोनों पंप हाउस के निर्माण से बड़ी आबादी को भी फायदा होगा। दोनों क्षेत्राें में 50-50 हजार की आबादी सीधे तौर पर लाभान्वित होगी। संपर्क मार्ग डूबने से बचेंगे और कच्चे मकानों को भी खतरा नहीं होगा। दोनों क्षेत्रों में पानी पंप करने से तीन-तीन हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल जलभराव से मुक्त हो सकेगा। यहां दो फसलों का उत्पादन तो होगा ही शहर से सटा होने के कारण जगतबेला क्षेत्र का काफी विकास भी होगा।
बड़े क्षेत्रफल को जलभराव से मुक्त करने के लिए दो पंप हाउस के निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट के अनुमोदन को लेकर 90 प्रतिशत प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। मंजूरी मिलने के बाद निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। पंप हाउस बनने से कालेसर-जंगल कौड़िया फोरलेन बाईपास पर पानी नहीं चढ़ेगा। - दिनेश सिंह, अधीक्षण अभियंता, सिंचाई विभाग।