Move to Jagran APP

जूनियर डाक्टरों की हड़ताल खत्‍म, बीआरडी में शुरू हुअा मरीजों का इलाज

गोरखुपर के मेडिकल कालेज के जूनियर डाक्टर सोमवार को मुकदमे के विरोध में हड़ताल पर चले गए जिससे मरीजों को परेशानी हुई।

By Edited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 02:10 AM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 09:52 AM (IST)
जूनियर डाक्टरों की हड़ताल खत्‍म, बीआरडी में शुरू हुअा मरीजों का इलाज
जूनियर डाक्टरों की हड़ताल खत्‍म, बीआरडी में शुरू हुअा मरीजों का इलाज

गोरखपुर, (जेएनएन)। एफआइआर दर्ज होने के विरोध में बीआरडी मेडिकल कालेज के जूनियर डाक्टर सोमवार की सुबह हड़ताल पर चले गए। इससे जहां ओपीडी में मरीज नहीं देखे गए वहीं इमरजेंसी भी ठप हो गई। बाहर से आए मरीजों को निराश लौटना पड़ा। हालांकि सर्जरी को छोड़ बाकी वार्डो में जूनियर डाक्टर मरीज देख रहे थे, लेकिन उनकी संख्या कम होने से मरीजों व तीमारदारों को काफी दिक्कत हुई। सिर्फ इंसेफ्लाइटिस वार्ड में स्थिति सामान्य थी। देर रात हड़ताल खत्‍म होने के बाद प्रशासन ने राहता की सांस ली और मरीजों का इलाज शुरू हुआ।

loksabha election banner

सोमवार की रात करीब साढ़े दस बजे प्राचार्य डा. गणेश कुमार, एडीएम सिटी रजनीश चंद्र, एसपी नार्थ रोहित सजवान से वार्ता के बाद जूनियर डाक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली और काम पर लौट आए। इसके पहले एडीएम सिटी शाम को मेडिकल कालेज पहुंचे। उन्होंने प्राचार्य व अन्य अधिकारियों के बैठक की। जूनियर डाक्टरों के साथ भी चर्चा हुई। प्राचार्य डा. गणेश कुमार ने बताया कि जूनियर डाक्टरों की सभी मांगें मान ली गई हैं। इमरजेंसी व अन्य स्थानों पर पर्याप्त गार्डो की तैनाती की जाएगी। इमरजेंसी में सीसीटीवी कैमरा लगवाया जाएगा तथा नेहरू अस्पताल में मरीजों के प्रवेश के लिए पास सिस्टम लागू किया जाएगा।

आश्वासन पर माने चिकित्‍सक
आश्वासन के बाद जूनियर डाक्टरों ने हड़ताल वापस ले ली। मेडिकल कालेज प्रतिनिधि के अनुसार जूनियर डाक्टर सुबह करीब साढे़ आठ बजे ही ट्रामा सेंटर पर इकट्ठा होना शुरू हो गए और इमरजेंसी ठप कर दी। इसके बाद डाक्टर नारे लगाते हुए जुलूस की शक्ल में निकले और बारी-बारी से पर्ची काउंटर, यूजर चार्जेज काउंटर व सभी विभागों की ओपीडी बंद कराई। इसके बाद फिर से ट्रामा सेंटर पहुंचे और वहां से मरीजों को भर्ती के लिए दी जा रही लाल पर्ची भी बंद करा दी। यहां से प्राचार्य कार्यालय पहुंचे और धरना व नारेबाजी शुरू कर दी। इसी बीच एसपी नार्थ व कुछ चिकित्सा शिक्षक जूनियर डाक्टरों से मिलने पहुंचे और समझाते हुए हड़ताल वापस लेने को कहा। एसपी नार्थ ने बताया कि एफआइआर कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई है, लेकिन डाक्टर नहीं माने। दोपहर बाद प्राचार्य डा. गणेश कुमार ने धरना स्थल पर पहुंचकर डाक्टरों से वार्ता की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

यह था मामला
शाहपुर क्षेत्र के इंद्रप्रस्थपुरम कालोनी निवासी फतेहबहादुर सिंह की पत्‍‌नी चंद्रावती देवी को नौ सितंबर की रात तबीयत खराब होने पर मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। आरोप है कि रात में कई बार अनुरोध करने के बाद भी कोई सीनियर या जूनियर डाक्टर उनका उपचार करने नहीं आया। दूसरे दिन 10 सितंबर को सुबह छह बजे फतेहबहादुर सिंह के भतीजे शिव कुमार सिंह वार्ड में भर्ती दूसरे मरीजों के परिजनों को साथ लेकर डाक्टर से उपचार करने के लिए कहने गए। बार-बार अनुरोध करने के बाद भी डाक्टर, उन्हें नजरअंदाज करते रहे। इस पर शिव कुमार ने उच्चाधिकारियों और मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत करने की चेतावनी दी।

डाक्‍टरों पर मारपीट का है आरोप
आरोप है कि इसी बात पर जूनियर डाक्टर भड़क गए और उनसे तथा उनके साथ आए अन्य मरीजों के परिजनों से मारपीट करने लगे। मारपीट में शिव कुमार, उनके चचेरे भाई सुमित कुमार और अमित कुमार तथा दोस्त अभिषेक मणि त्रिपाठी को गंभीर चोट आई। बीच-बचाव करने में चंद्रावती देवी भी घायल हो गई। शिव कुमार की तहरीर पर पुलिस ने जूनियर डाक्टर राहुल सरीन, अकील अहमद, विजय कुमार, अभिषेक चंद, मनोज कुमार और सात-आठ अन्य जूनियर डाक्टरों को इस मामले में अभियुक्त बनाया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.