रिश्वत लेते रंगे हाथ पकडा गया था जेई, अदालत ने सुनाई पांच साल कारावास की सजा
महराजगंज जिले के विकास खंड परतावल के ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के तत्कालीन अवर अभियंता (जेई) शिवपूजन विश्वकर्मा को पांच साल के कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई गई है। भ्रष्टाचार निवारण संगठन की टीम ने उसे रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार होने का जुर्म सिद्ध पाए जाने पर विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तनु भटनागर ने महराजगंज जिले के विकास खंड परतावल के ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के तत्कालीन अवर अभियंता (जेई) शिवपूजन विश्वकर्मा को पांच साल के कारावास व जुर्माने से दंडित किया है।
जिला पंचायत सदस्य ने की थी जेई के रिश्वत मांगने की शिकायत
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक प्रमेश राम त्रिपाठी का कहना था कि श्यामदेऊरवा, महराजगंज के ग्राम बसहिया बुजुर्ग निवासी शिकायतकर्ता सुरेश सिंह ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन को सात नवंबर 2014 को एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया। उनका कहना था कि वह क्षेत्र पंचायत सदस्य हैं, उनके गांव में इंटरलाकिंग का कार्य होना था।जिस पर लागत दस लाख रुपये आ रही थी।अभियुक्त ने शिकायतकर्ता से कहा कि जिला पर तकनीकी स्वीकृति करानी है।
20 हजार रुपये लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हुआ था जेई
जिसके लिए 20 हजार रुपये लगेंगे। सुरेश सिंह की शिकायत पर एक ट्रैप टीम का गठन किया गया। ट्रैप टीम ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन गोरखपुर के लोगों के साथ अभियुक्त को 13 नवंबर 2014 को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
रामगढ़ताल में मछली पकडऩे का ठीका निरस्त, नई निविदा आमंत्रित
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने रामगढ़ताल में मछली पकडऩे का ठीका पाने वाली फर्म का ठीका निरस्त कर दिया है। उसपर करीब 14 करोड़ रुपये की देनदारी थी। गुरुवार को जीडीए ने नई निविदा भी आमंत्रित कर दी है। नई निविदा 31 मार्च 2022 की बची हुई अवधि तथा अगले पांच साल यानी 2022-23 से लेकर 2026-27 तक के लिए नीलामी होगी। 25 सितंबर से 25 अक्टूबर 2021 तक के बीच आवेदन किया जा सकता है। 27 27 अक्टूबर को ई-निलामी होगी।
अप्रैल 2019 में दिया गया था ठेका, करोडों के बकाए में हुआ निरस्त
जीडीए की ओर से एक अप्रैल 2019 को मत्स्यजीवी सहकारी समिति लिमिटेड रामगढ़ उर्फ महेरवा की बारी, कूड़ाघाट को 22.79 करोड़ में रामगढ़ताल में मछली पकडऩे का ठीका मिला था। अनुबंध के तहत 28 जून 2024 तक मछली पकडऩेे का अधिकार मिला था। समिति को तीन साल में पूरी रकम 22.79 करोड़ रुपये जमा करना था लेकिन समिति अभी तक सिर्फ 5.19 करोड़ रुपये ही जमा कर सकी थी। कई बार दी गई चेतावनी के बाद भी समिति ने जब रकम नहीं जमा की तो प्राधिकरण ने टेंडर निरस्त कर दिया। जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन ने बताया कि शेष रकम जमा करने के लिए समिति को कई बार नोटिस दी गई है लेकिन पैसा जमा नहीं किया गया। जिसके बाद ठीका निरस्त कर दिया गया है। अब नए सिरे से निविदा आमंत्रित की गई है।