जामा मस्जिद समेत कई धार्मिक स्थलों ने धीमी की लाउडस्पीकर की आवाज
Jama Masjid Gorakhpur गोरखनाथ मंदिर के बाद जामा मस्जिद गोरखपुर ने भी मस्जिद के लाउउस्पीकर की आवाज को कम कर दिया है। इसके लिए जामा मस्जिद कमेटी की बैठक हुई आवाज को कम करने का निर्णय बैठक में लिया गया।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर की आवाज धीमी करने के उच्च न्यायालय के आदेश और राज्य सरकार के दिशा-निर्देश के अनुपालन के लिए गोरखनाथ मंदिर के बाद अब शहर के मस्जिद भी आगे आने लगे हैं। शिवपुर शाहबाजगंज स्थित संत हुसैन नगर कालोनी के सामने स्थित जामा मस्जिद में लाउडस्पीकर की आवाज काफी कम कर दी गई है। इसके लिए बाकायदा जामा मस्जिद कमेटी ने निर्णय लिया है। कमेटी ने मस्जिद के लाउडस्पीकर की आवाज इतनी धीमी कर दी है कि उसकी आवाज परिसर के बाहर न जाए।
शिवपुर शाहबाजगंज स्थित जामा मस्जिद कमेटी ने लिया निर्णय
कमेटी के निर्णय और उसके कार्यान्वयन की जानकारी देते हुए संत हुसैन नगर कालोनी वेलफेयर समिति के सचिव आइएच सिद्दीकी ने बताया कि मस्जिद में लाउडस्पीकर की ध्वनि को ध्वनि प्रदूषण के मानक स्तर से कम रखा गया है। इसके पीछे कमेटी का एक मकसद ध्वनि प्रदूषण से बचना भी है। बीते दिनों राज्य सरकार ने जब सभी धार्मिक स्थलों में लाउडस्पीकर की आवाज कम करने का निर्णय लेकर इस बाबत निर्देश जारी किया तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले गोरखनाथ मंदिर और उससे जुड़े मंदिरों आवाज इतनी धीमी करवा दी कि किसी भी व्यक्ति को उस आवाज से दिक्कत न हो।
हर कोई कर रहा तारीफ
रविवार को मुख्यमंत्री के निर्देश पर गोरखनाथ मंदिर की बाहरी दीवारों और गेट पर लगे लाउडस्पीकर का मुंह सड़क की जगह परिसर की ओर कर दिया गया, जिससे वह आवाज मंदिर परिसर में बाहर न जाए। अब जबकि मंदिर के बाद मस्जिद भी इसके लिए सामने आने लगे हैं तो यह पूरे समाज के लिए एक अच्छा संदेश है। हर कोई इसकी तारीफ कर रहा है।
गोरखनाथ मंदिर ने की थी पहल
इसके पूर्व गोरखनाथ मंदिर लाउडस्पीकर की आवाज तो पहले ही कम कर दी गई थी और फिर आधा दर्जन लाउडस्पीकर का मुंह भी मंदिर परिसर की ओर कर दिया गया है, जिनकी आवाज सड़क और आसपास के मोहल्लों की ओर जाती थी। ऐसे में अब मंदिर परिसर में सुबह-शाम लाउडस्पीकर से बजने वाले भजन की गूंज परिसर से बाहर बिल्कुल नहीं जा रही। यह कार्य रविवार मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिए जाने मंदिर प्रबंधन द्वारा सम्पन्न किया गया।
यह सभी लाउडस्पीकर मंदिर परिसर के चहारदीवारी या गेट पर लगे हुए थे। मुख्यमंत्री का निर्देश मिलते ही भजनों की आवाज निर्धारित मानक 45 डेसीबल तक कर दी गई। बावजूद इसके चहारदीवारी या गेट पर लगे लाउडस्पीकर से आवाज सड़क पर जा रही थी, इसलिए अब उसका मुंह मंदिर परिसर में अंदर की ओर कर दिया गया है।