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आत्मबल मिला तो संवर गया महिलाओं का जीवन, यहां से 4475 महिलाओं को मिला नया जीवन

BRD Medical College One Stop Center गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज स्थित वन स्टाप सेंटर में मानसिक रूप से बीमार महिलाओं को नया जीवन मिल रहा है। अब तक यहां 4475 महिलाओं का इलाज किया जा चुका है। यहां प्रतिदिन ऐसी महिलाओं की काउंसिलिंग होती है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 10:02 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 10:02 AM (IST)
आत्मबल मिला तो संवर गया महिलाओं का जीवन, यहां से 4475 महिलाओं को मिला नया जीवन
बीआरडी मेडिकल कालेज में स्थापित वन स्टाप सेंटर अस्वस्थ महिलाओं को नया जीवन दे रहा है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, उमेश पाठक। 22 फरवरी 2021 को एक युवती अपनी मां के साथ मेडिकल कालेज स्थित वन स्टाप सेंटर पहुंची थी। युवती डरी-सहमी थी तो उसकी मां तनावग्रस्त। दो बच्चों के पिता ने युवती से दुष्कर्म किया था और बाद में उसका अपहरण कर दूसरे प्रदेश में लेकर चला गया। युवती किसी तरह से उसके चंगुल से भागकर आयी थी लेकिन आरोपित लगातार उसे व उसकी मां को धमकी दे रहा था। स्थानीय थाने पर कोई सुनवाई नहीं थी। वन स्टाप सेंटर में युवती की काउंसिलिंग कर उसका आत्मबल बढ़ाया गया और पुलिस से बात कर सहायता दिलाई। आरोपित को जेल भेज दिया गया और युवती अब स्वयं सहायता समूह के साथ जुड़कर अपना जीवन-यापन कर रही है।

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मेडिकल कालेज में स्थापित वन स्टाप सेंटर के सहयोग से दूर हो रही समस्या

किसी के उत्पीड़न से टूटने वाली यह युवती अकेली नहीं है। आए दिन इस तरह के मामले आते रहते हैं। ऐसे में मेडिकल कालेज में स्थित वन स्टाप सेंटर से उन्हें सहायता मिलती है। जिनकी कहीं सुनवाई नहीं होती, उन्हें यहां सहारा दिया जाता है और उनकी समस्या का समाधान कर सुरक्षा प्रदान की जाती है। उत्पीड़न की शिकार महिलाओं के साथ उनका भी ध्यान रखा जाता है जो किसी मानसिक परेशानी के कारण अपने घर से भटक जाती हैं। इसी तरह का एक मामला 26 जून 2021 को सेंटर के संचालकों के संज्ञान में आया था। एक भूली भटकी युवती गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर मिली थी। आरपीएफ ने उसे वन स्टाप सेंटर तक पहुंचाया। कई दिनों तक काउंसिलिंग करने के बाद युवती अपने बारे में बता सकी।

उत्पीड़न की शिकार 4475 महिलाओं व बालिकाओं को मिल चुकी है सहायता

गुजरात के सूरत शहर की रहने वाली यह युवती एक बैंक में कर्मचारी है और कुछ व्यक्तिगत कारणों से परेशान होने से बदहवाश होकर घर से निकल गई थी। युवती कुछ सामान्य हुई तो उसके घरवालों को सूचना देकर उसे वापस भेज दिया गया। अलग-अलग कारणों से उत्पीड़न की शिकार सैकड़ों महिलाएं मानसिक रूप से परेशान हो जाती हैं। कुछ महिलाएं स्वयं भी इस सेंटर से संपर्क करती हैं तो कुछ महिलाएं किसी की सहायता से वहां तक पहुंचती हैं। एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली के जरिये भी यह केंद्र महिलाओं की सहायता करता है। किसी कार्यस्थल पर महिला का उत्पीड़न होता है तो, उन्हें भी यहां से सहयोग मिलता है। आठ मार्च 2016 से लेकर 31 मई 2022 तक उत्पीड़न के विभिन्न तरह के मामलों में 4475 महिलाओं की समस्या का समाधान हो चुका है।

इस तरह के मामले में मिली सहायता

केंद्र के अल्पावास सुविधा के तहत आवासित पीड़िताएं : 2243

सुलह-समझौता द्वारा निस्तारित मामले : 973

विधिक परामर्श द्वारा निस्तारित मामले : 90

पुलिस सहायता द्वारा निस्तारित मामले : 186

संपत्ति, मानसिक उत्पीड़न, कार्यस्थल पर उत्पीड़न : 980

यह है वन स्टाप सेंटर

गोरखपुर में वन स्टाप सेंटर की स्थापना आठ मार्च 2016 को की गई थी। जिला प्रोबेशन कार्यालय के अंतर्गत संचालित होने वाले इस केंद्र में हर तरह की हिंसा में पीड़ित महिलाओं को सहायता प्रदान की जाती है। कुछ दिनों के लिए यहां महिलाओं को शरण भी दी जाती है। अधिकतर महिलाओं को घर भेज दिया जाता है, जिनमें सुधार नहीं होता, उन्हें किसी अन्य शरणालय में स्थानांतरित कर दिया जाता है। महिलाओं को पुलिस एवं विधिक सहायता भी यहां से दिलाई जाती है।

वन स्टाप सेंटर की स्थापना के बाद बड़ी संख्या में महिलाओं की सहायता की गई है। यहां उत्पीड़न की शिकार महिलाओं की मदद कर उन्हें मुख्य धारा से जोड़ा जाता है। - सर्वजीत सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी।


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