गोरखनाथ मंदिर की स्वच्छता के कायल हुए जगद्गुरु भीमाशंकर Gorakhpur News
दर्शन-पूजन के बाद जगद्गुरु ने बातचीत में बताया कि नाथ पंथ के बारे में उन्होंने किताबों में पढ़ रखा था। ऐसे में गोरखनाथ मंदिर आने की उनकी इच्छा लंबे समय से थी जो अब जाकर पूरी हुई।
गोरखपुर, जेएनएन। धर्म प्रचार यात्रा के क्रम में नेपाल के नवलपुर से गोरखपुर पहुंचे केदारनाथ धाम रावल के जगद्गुरु भीमा शंकर लिंगम ने शनिवार की सुबह गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर बाबा गोरखनाथ का पूरे विधि-विधान से दर्शन पूजन किया। जगद्गुुरु को गुरु गोरखनाथ की साफ-सफाई और दर्शन पद्धति बहुत भायी। उन्होंने इसकी भूरि-भूरि सराहना की और इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी।
गोरखनाथ मंदिर आने की थी इच्छा
दर्शन-पूजन के बाद जगद्गुरु ने बातचीत में बताया कि नाथ पंथ के बारे में उन्होंने किताबों में पढ़ रखा था। ऐसे में गोरखनाथ मंदिर आने की उनकी इच्छा लंबे समय से थी, जो अब जाकर पूरी हुई है।
केदारनाथ में श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था को लेकर मंथन
गोरखनाथ मंदिर की दर्शन पद्धति की प्रशंसा करते हुए जगद्गुरु ने बताया कि केदारनाथ में 20 से 25 हजार श्रद्धालुओं के दर्शन की व्यवस्था को लेकर विचार मंथन चल रहा है। पूरी उम्मीद है कि कपाट खुलने से पहले यह व्यवस्था हो जाएगी।
इसलिए आदिवासियों की बस्ती में गए
उन्होंने बताया कि अपनी धर्म प्रचार यात्रा के क्रम में वह नेपाल गए हुए था, जहां उन्होंने पशुपति नाथ मंदिर के नेपाल-भारत धर्मशाला का उद्धाटन किया। इसके अलावा वहां वह भक्तपुर में मौजूद केदारनाथ के जंगम मठ भी गए। नेपाल के मध्य बिंदु पर मौजूद आदिवासियों की बस्ती में जाने की वजह के सवाल पर उन्होंने कहा कि आदिवासियों की भक्ति की शक्ति उन्हें वहां खींच ले गई थी।
मोदी-योगी सरकार में हो रही धर्म की रक्षा
जगद्गुुरु भीमा शंकर ने देश में मोदी और प्रदेश में योगी सरकार की कार्य प्रणाली की प्रशंसा करते हुए कहा कि दोनों ही लोगों का केदारनाथ धाम आना होता रहा है। दोनों की सरकार अच्छा कार्य कर रही है, साथ ही धर्म की रक्षा भी कर रही है। नेपाल अपने ङ्क्षहदू राष्ट्र सिद्धांत से डिग रहा है? के सवाल को जगद्गुरु ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कुछ भी बदल सकता है पर खानदान नहीं बदलता।