मंहगा होगा गोरखपुर में औद्योगिक इकाई लगाना, गीडा ने बढ़ाए भूखंडों के मूल्य Gorakhpur News
गीडा में भूखंड खरीदने की आस लगाए लोगों को अपनी जेब ढ़ीली करनी पड़ेगी। गीडा प्रशासन की ओर से प्रत्येक भूखंड के मूल्य में 15 फीसद की वृद्धि की गई है।
गोरखपुर, संतोष गुप्ता। गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में भूखंड खरीदने की आस लगाए लोगों को अपनी जेब ढ़ीली करनी पड़ेगी। गीडा प्रशासन की ओर से प्रत्येक भूखंड के मूल्य में 15 फीसद की वृद्धि की गई है। मार्च में होने वाली बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। अप्रैल से नए दर पर आवंटियों को रजिस्ट्री की जाएगी।
इतनी बढ़ी कीमत
अधिग्रहण में किसानों को मुआवजा देने के लिए धन की कमी नहीं आने पाए, इसके लिए गीडा प्रशासन भूखंडों के दाम बढ़ाने जा रहा है। औद्योगिक सेक्टर 13, 15 और 17 में चार हजार वर्ग मीटर तक के भूखंड की कीमत 5100 रुपये प्रति वर्ग मीटर की जगह 5900 होगी। सेक्टर सात व नौ के 500 वर्ग मीटर तक के सभी व्यावसायिक भूखंड की कीमत 26,600 रुपये प्रति वर्ग मीटर की जगह 30,900 होगी। सेक्टर 11, 13, 15 और 17 के व्यावसायिक भूखंड 28,200 की बजाय 32700 प्रति वर्ग मीटर की दर से मिलेंगे। ग्रुप हाउङ्क्षसग के लिए सेक्टर पांच, सात व 23 में प्रति वर्गमीटर कीमत 10900 की जगह 12700 रुपये होगी। संस्थागत सेक्टर सात, नौ व 11 में 2000 वर्ग मी. तक के भूखंड 6600 रुपये की जगह 7700 प्रति वर्ग मीटर की दर से मिलेंगे।
प्रत्येक भूखंड की कीमत में 15 फीसद तक की वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया गया है। मार्च में होने जा रही गीडा बोर्ड की बैठक में इसे रखा जाएगा। बढ़े हुए दाम एक अप्रैल से लागू होंगे। इससे गीडा की आय बढ़ेगी और विकास व अधिग्रहण में भी तेजी आएगी। - संजीव रंजन, मुख्य कार्यपालक अधिकारी गीडा, गोरखपुर
यह है गीडा
बता दें कि पूर्वांचल में सुनियोजित औद्योगिक विकास के लिए उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 1989 में उप्र औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम, 1976 के अन्तर्गत गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) का गठन किया गया था। गीडा का कार्य क्षेत्र गोरखपुर की तहसील-सदर एवं सहजनवां में राष्ट्रीय राजमार्ग -28 (गोरखपुर-लखनऊ मुख्य मार्ग) पर ग्राम-नौसढ़ से शुरु होकर सीहापार क्रासिंग तक है। उप्र शासन द्वारा गोरखपुर के 76 राजस्व ग्रामों को इस योजना के लिए विनियमित क्षेत्र के रुप में अधिसूचित किया गया है। गीडा की विकास योजना 1992-2012 के अन्तर्गत लगभग 10 हजार एकड़ भूमि वर्ष-2012 तक अधिग्रहित कर समग्र अवस्थापना सुविधाओं के साथ विकसित की जानी प्रस्तावित थी। जिसके अनुसार विकास योजना को 23 सेक्टरों में विभक्त किया गया है, जिसमे 14 सेक्टर आवासीय, 7 सेक्टर औद्योगिक एवं 1 सेक्टर व्यवसायिक एवं 1 सेक्टर मिश्रित उपयोग हेतु है।