रामलला का दर्शन करना होगा आसान, जल्द चलेगी गोरखपुर-अयोध्या पैसेंजर
गोरखपुर से नौतनवा बढ़नी बस्ती नरकटियागंज सीतापुर और छपरा रूट पर पैसेंजर ट्रेनों को चलाने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे ने गोरखपुर-अयोध्या को संचालित करने की तैयारी शुरू कर दी है। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर से नौतनवा, बढ़नी, बस्ती, नरकटियागंज, सीतापुर और छपरा रूट पर पैसेंजर ट्रेनों को चलाने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे ने गोरखपुर-अयोध्या को संचालित करने की तैयारी शुरू कर दी है। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है। हरी झंडी मिलते ही संचालन शुरू हो जाएगा।
आसान होगी श्रद्धालुओं की राह
दरअसल, स्थिति सामान्य होने के बाद पैसेंजर ट्रेनों की मांग बढ़ने लगी है। ट्रेनों को यात्री भी मिलने लगे हैं। गोरखपुर से ही रोजाना 12 पैसेंजर ट्रेनें चलने लगी हैं। काउंटरों से प्रतिदिन दो की जगह चार हजार लोगों का टिकट बुक होने लगा है। गोरखपुर-अयोध्या पैसेंजर चल जाने से श्रद्धालुओं की राह भी आसान हो जाएगी। पिछले सप्ताह ही बोर्ड ने सात पैसेंजर ट्रेनों को हरी झंडी दी थी।
मध्य रेवले की अनुमति न मिलने से नहीं चल पाई गोरखपुर-नरकटियांगंज पैसेंजर
नौतनवा रूट पर तो ट्रेनें चलने लगीं लेकिन पूर्व मध्य रेलवे की अनुमति नहीं मिलने से गोरखपुर-नरकटियागंज पैसेंजर नहीं चल सकी है। फिलहाल, रेलवे प्रशासन अब सभी पैसेंजर ट्रेनों को चलाने की योजना तैयार कर लिया है। हालांकि, पैसेंजर ट्रेनें अभी भी स्पेशल के रूप में ही चल रही हैं। उनमें एक्सप्रेस का किराया लग रहा है।
दस रूपये में मिलने लगे प्लेटफार्म टिकट
रेलवे स्टेशनों पर अब दस रुपये में प्लेटफार्म टिकट भी मिलने लगे हैं। पहले यात्रियों को 20 से 30 रुपये खर्च करने पड़ते थे।
एक्सप्रेस ट्रेनों में भी जनरल टिकट की सुविधा जल्द
रेलवे प्रशासन ने एक्सप्रेस ट्रेनों में भी जनरल टिकटों की सुविधा शुरू करने की तैयारी कर रहा है। यात्री इंटरसिटी और कृषक आदि सहित एक्सप्रेस ट्रेनों में जनरल टिकट पर यात्रा कर सकेंगे। मंथन के बाद पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने लखनऊ मंडल के प्रस्ताव को बोर्ड भेज दिया है। बोर्ड की हरी झंडी मिलते ही एक्सप्रेस ट्रेनों में भी अनारक्षित जनरल कोच लगने लगेंगे और जनरल टिकट पर भी यात्रा शुरू हो जाएगी। हालांकि, प्रथम चरण में लोकल रूट पर चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों ही यह सुविधा शुरू होगी। यात्रियों का रुझान बढ़ा तो लंबी दूरी की ट्रेनों में भी व्यवस्था लागू हो जाएगी। आरक्षित टिकट के झंझट से मुक्ति तो मिलेगी ही, आरक्षण के नाम पर लगने वाला 15 से 30 रुपये अतिरिक्त किराया भी कम हो जाएगा।
बढेगी रेलवे की आय
रेलवे की आय भी बढ़ेगी। एक कोच में आरक्षित टिकट पर करीब 100 की जगह 150 लोग यात्रा कर सकेंगे। दरअसल, रेलवे बोर्ड धीरे-धीरे लाकडाउन के पहले की व्यवस्था लागू करने लगा है। एक्सप्रेस ट्रेन पुराने नंबर से चलने लगे हैं। उनके नाम से स्पेशल हट गया है। स्पेशल के नाम पर लग रहा किराया भी बंद हो गया है। लेकिन जनरल कोचों में यात्रा के लिए लोगों को अब भी आरक्षित टिकट बुक करना पड़ रहा है। ऐसे में आमजन की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं।