प्रो. आरपी सिंह ने कहा-शोध करने जितना ही महत्वपूर्ण है उसे लोगों तक पहुंचाना Gorakhpur News
प्रो. सिंह ने कहा कि शोधार्थियों के लिए यह नितांत आवश्यक है कि वह अपने शोध को आसान शब्दों में सभी को समझा सकें। ऐसा न किए जाने पर शोध जनोपयोगी नहीं बन सकेगा।
गोरखपुर, जेएनएन। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में चल रहे तीन दिवसीय मालवीय रिसर्च कान्क्लेव के दूसरे दिन 'शोध प्रविधि और शोध लेखन विषय पर काशी विद्यापीठ के प्रो. आरपी सिंह ने कहा कि शोध करने जितना ही महत्वपूर्ण है, उसे लोगों तक पहुंचाना। इसके लिए उन्होंने बेहतर लेखन क्षमता पर जोर दिया।
शोध आसान शब्दों में होना चाहिए
प्रो. सिंह ने कहा कि शोधार्थियों के लिए यह नितांत आवश्यक है कि वह अपने शोध को आसान शब्दों में सभी को समझा सकें। ऐसा न किए जाने पर शोध जनोपयोगी नहीं बन सकेगा।
राजनीति विचारकों में सर्वाधिक प्रभावशाली रहे हैं मालवीय
एक अन्य सत्र में 'मालवीय दर्शन का राष्ट्र निर्माण में योगदान विषय पर व्याख्यान देते हुए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. विश्वनाथ पांडेय ने कहा कि देश की राजनीतिक विचारधारा को जिन विचारकों ने सर्वाधिक प्रभावित किया, मालवीय उनमें अग्रणी थे।
मालवीय के जीवन पर नहीं हुए गंभीर शोध
उन्होंने भारतीयता और भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण रखने के लिए जीवन-पर्यंत प्रयास किया। बावजूद इसके उनके जीवन-दर्शन पर गंभीर शोध नहीं किए गए। आने वाले समय में इसकी महती आवश्यकता है। इसके अलावा विवि के विभिन्न विभागों में देशभर से आए विशेष वक्ताओं का व्याख्यान हुआ। आइआइटी रुड़की के प्रो. पीके गर्ग ने जिओइंफार्मेटिक्स आधारित नगर नियोजन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
पानी को फ्लोराइड मुक्त करने के उपायों पर भी चर्चा
राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान नागपुर से आए प्रो. पवन कुमार लाभासेतवार ने पानी को फ्लोराइड मुक्त करने के उपाय पर चर्चा की। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के प्रो. के. गोप कुमार, आइआइटी कानपुर के प्रो. निश्चल वर्मा, आइआइटी मुंबई के प्रो. एसवी कुलकर्णी व प्रो. आरजी मोटे, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के डॉ. अनुज शर्मा, आइआइटी धनबाद के प्रो. आइएम मिश्र, थर्मेक्स इंडिया लिमिटेड के उपाध्यक्ष डॉ. आरआर सोंदे, डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी के प्रो. पीके खन्ना, आइआइटी बीएचयू प्रो. एलपी सिंह व प्रो. केपी सिंह, आइआइटी तिरुपति के प्रो. एम रविशंकर का व्याख्यान भी अलग-अलग विभागों में हुआ।
पोस्टर प्रतियोगिता में छात्रों ने दिखाई प्रतिभा
विश्वविद्यालय के सभी विभागों में पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसमें एमटेक, एमबीए, एमसीए और पीएचडी के छात्रों ने अपने शोध और ट्रेनिंग से जुड़े पोस्टरों का प्रदर्शन कर विशेषज्ञों को प्रभावित करने की कोशिश की। विभागवार पोस्टरों का मूल्यांकन कर सर्वोत्कृष्ट पोस्टर चुना गया।
परिचर्चा कर शांत करेंगे जिज्ञासा
रिसर्च कान्क्लेव के तीसरे दिन विशेषज्ञ स्नातक कक्षाओं का भ्रमण करेंगे और छात्रों से मुखातिब होकर विषय से जुड़ी उनकी जिज्ञासा को शांत करने की कोशिश करेंगे। आर्यभट्ट सभागार में भारतीय अनुसंधान की वर्तमान दशा एवं भविष्य विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता इसरो के प्रो. सुरेंद्र पाल करेंगे। परिचर्चा के अंत में प्रश्नकाल होगा, जिसमें शोध से जुड़ी जिज्ञासाओं को विद्वानों द्वारा शांत किया जाएगा।