Move to Jagran APP

Interview : सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- 2024 तक दोगुनी होगी उत्तर प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आय

महंत अवेद्यनाथ के बाद योगी आदित्यनाथ गोरक्ष पीठाधीश्वर हुए और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में 19 सितंबर को ढाई वर्ष का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 10:46 AM (IST)Updated: Wed, 18 Sep 2019 08:36 AM (IST)
Interview : सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- 2024 तक दोगुनी होगी उत्तर प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आय
Interview : सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- 2024 तक दोगुनी होगी उत्तर प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आय

गोरखपुर, जेएनएन। भारत की प्रमुख धार्मिक पीठ के रूप में प्रतिष्ठित गोरखनाथ मंदिर ने राजनीति की भी तीन पीढियां देखीं। यहां महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ के बाद योगी आदित्यनाथ गोरक्ष पीठाधीश्वर हुए और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में 19 सितंबर को ढाई वर्ष का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। वह धर्म की व्याख्या जितनी सहजता से करते हैं। उतने ही आत्मविश्वास से यह भी कह देते हैं कि 2024 तक उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी होगी।

loksabha election banner

अपने इस दावे के तर्क भी हैं उनके पास। इन दिनों अपने अफसरों और मंत्रियों को आइआइएम में प्रबंधन और टीम भावना के गुर सिखवा रहे योगी 2022 के विधानसभा चुनाव में न कांग्रेस को प्रतिद्वंद्वी मानते हैं और न अखिलेश यादव और मायावती को। अपने गुरुओं की स्मृति में किये जाने वाले वार्षिक आयोजनों के लिए योगी सोमवार शाम गोरखपुर पहुंच गए। यहां अपनी सरकार के ढाई साल पूरे होने पर उन्होंने दैनिक जागरण के राज्य संपादक आशुतोष शुक्ल, गोरखपुर संपादकीय प्रभारी जितेंद्र त्रिपाठी और राज्य ब्यूरो के विशेष संवाददाता आनन्द राय से गोरखनाथ मंदिर परिसर स्थित अपने आवास में लंबी बात की। प्रशासन, धर्म, समाज, राजनीति आदि सभी विषयों पर योगी आदित्यनाथ ने विस्तार से मन की कही।

मुख्यमंत्री जी, आप मंत्रियों और अफसरों को लेकर अभी आइआइएम, लखनऊ गये। आपने अभी कहा कि टीम वर्क के लिए गये। टीम वर्क में कहां कमी दिखती है आपको ?

- हर व्यक्ति के पास विचार, ब्रेन और विजन है, लेकिन हर व्यक्ति अपनी बात व्यक्त नहीं कर सकता है। संकोच करता है। बहुत से लोगों को एकाकीपन अच्छा लगता है। हम उसकी ऊर्जा का उपयोग नहीं कर पाते हैं। इसके लिए आइआइएम गये। वहां व्यक्ति, ग्रुप और एक्सपर्ट की राय से निष्कर्ष निकला। मुझे लगता है कि हर व्यक्ति योग्य प्रबंधक बन सकता है। इसके लिए विचारों को व्यक्त करने का अवसर चाहिये। वहां कोई छोटा, बड़ा और कोई शिक्षक-छात्र नहीं थे। सबका मकसद एक था।

आपकी सरकार ने प्रदेश को एक ट्रिलियन (दस खरब रुपया) डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है ?

- यूपी के विकास की आज जो रफ्तार है अगर वही रही तो 2030 तक उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन (दस खरब रुपया) डालर हो सकती है, लेकिन स्पीड बढ़ाकर हम 2024 तक इस लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। अभी विकास दर आठ के आसपास है, लेकिन अगले चार वर्षो मे 40 लाख करोड़ रुपये निवेश करने का लक्ष्य है। अभी उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 64 हजार रुपये है, जबकि देश की एक लाख 20 हजार रुपये है। अगर 2024 तक एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य पूरा हो गया तो यूपी की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय आय से ज्यादा हो जायेगी। यानी प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हो जायेगी।

लक्ष्य महत्वाकांक्षी है मगर इसके लिए विकास के किन सेक्टरों पर आपका फोकस है?

- उत्तर प्रदेश अपार संभावनाओं का प्रदेश है। यूपी में प्रकृति और परमात्मा की बड़ी कृपा है। हमने कृषि को प्राथमिकता दी है। को-ऑपरेटिव खेती को बढ़ावा देकर लक्ष्य हासिल करेंगे। कृषि, आधारभूत ढांचा, औद्योगिक विकास, बेहतर कानून-व्यवस्था के साथ पुलिस के आधुनिकीकरण पर फोकस है। हमारा पांचवां सेक्टर बेहतर मैन पावर का विकास करना है। शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ कौशल विकास पर जोर है। आधारभूत ढांचे में तीन वर्ष में 25 लाख करोड़ निवेश का लक्ष्य रखा गया है।

इसके लिए क्या कोई नीति बनी है?

- कई प्रमुख नीतियां बनी हैं। उत्तर प्रदेश में एग्रो एक्सपोर्ट की पॉलिसी बना दी है। हमारी प्राथमिकता आधारभूत ढांचा मजबूत करने की है। सड़कों का जाल बिछाने से लेकर सभी बु़नियादी सुविधाएं उपलब्ध कराकर कृषि और उद्योग को प्राथमिकता देनी है। पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ एग्रीकल्चर आधारित उद्योग और बुंदेलखंड एक्सप्रेस के दोनों तरफ डिफेंस कॉरिडोर के जरिये विकास को नई गति मिलेगी। अगले वर्ष के आरंभ में गंगा एक्सप्रेस-वे को भी आगे बढ़ायेंगे।

आप विकास की बात कर रहे, लेकिन अभी उप चुनाव होगा तो रंगयुद्ध शुरू हो जाएगा। भगवा और हरा वायरस की बात होने से क्या मूल प्रश्न उपेक्षित नहीं रह जाते?

- 1947 से लेकर 2014 तक लगभग सभी चुनाव धर्म, संप्रदाय, जाति, वर्ग, तुष्टिकरण आदि को लेकर लड़े गये, लेकिन देश में 2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांव, गरीब, विकास, महिला सशक्तीकरण, औद्योगीकरण पर चुनाव लड़ा। यह आप लोग 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी देख चुके हैं। यहां विपक्षी दलों ने जब चुनाव में सांप्रदायिकता का जहर घोलना शुरू किया तब हमने उन्हें जवाब दिया।

संभल हो या महराजगंज, जालौन हो या फतेहपुर सभी छोटे जिलों में नागरिक सुविधाएं न के बराबर हैं, जबकि सरकारों का सारा विकास लखनऊ केंद्रित रहा है। असमानता का यह बड़ा अंतर कैसे दूर होगा?

- सभी जिलों में विकास कार्य हो रहा है। सभी जिलों में बिना भेदभाव के केंद्र व राज्य की सभी योजनाएं चल रही हैं। हो सकता है इन शहरों में रहने वाले लोगों को विकास की यह रफ्तार महसूस न हो रही हो। ये शहर स्वयं विकास प्रक्रिया का हिस्सा हैं इसलिए वहां के निवासियों को यह चीज समझ में नहीं आती। हो सकता है गोरखपुर में रहने वालों को ही यह लग रहा हो कि शहर में विकास कार्य नहीं हो रहा है, लेकिन बाहर से आने वालों का यह स्पष्ट मत है कि इस शहर में बहुत विकास हुआ है।

रूस के दौरे से कृषि के क्षेत्र में जो उम्मीद बनी, वह किस मुकाम पर है?

हम कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की दिशा में आगे बढ़े हैं। वहां 50 लाख हेक्टेयर भूमि हैं जहां खेती नहीं होती है। वहां मानव संसाधन नहीं है। मानव संसाधन और तकनीक हमारी होगी। हमारी पहल आगे बढ़ी है।

क्या कारण है कि मुख्य सचिव का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो गया, लेकिन अभी तक स्थायी मुख्य सचिव की तैनाती नहीं हो सकी। क्या इससे नौकरशाही में अनिश्चितता का माहौल नहीं बनेगा?

कहीं कोई अनिश्चितता नहीं है। सिस्टम चलता है। कोई व्यक्ति सिस्टम नहीं होता है।

पश्चिमी उप्र और पूर्वी उत्तर प्रदेश के शहरों में विकास के मानकों में बड़ा अंतर है। आपकी सरकार इस खाई को पाटने के लिए क्या कर रही है?

यह सही है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश और लखनऊ के आसपास विकास हुआ, लेकिन बाकी क्षेत्र अछूते रह गये। बुंदेलखंड में कुछ नहीं हुआ। इसी कारण हमारी योजनाएं प्रदेश के समग्र विकास की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। इसका परिणाम भी दिख रहा है?

नोएडा के विकास में प्रशासनिक ढांचे में समानता न होने से अवरोध हो रहा है? मसलन, कई गांवों मे ग्राम प्रधान का चुनाव न कराकर व्यवस्था बनी कि प्राधिकरण विकास करायेंगे, लेकिन..!

( बीच में ही बोलते हैं) नोएडा और आसपास के 81 गांवों के विकास के लिए प्राधिकरण ही जवाबदेह है। मैं इसकी नियमित समीक्षा करता हूं। वहां विकास को गति मिल रही है। वहां की हर गतिविधि के लिए नोएडा अथॉरिटी ही जिम्मेदार है।

यूपी जीएसटी संग्रह में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन यहां टैक्स चोरी भी हो रही है। इसे रोकने के लिए क्या प्रयास हो रहा है?

टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग कर इस चोरी को रोकने की दिशा में प्रयास चल रहा है। हम हर जिले और हर नगर की जीडीपी तय करेंगे। प्रधानमंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था में सुधार का जो संकल्प लिया है वह तभी पूरा होगा जब कर चोरी रुकेगी।

भाजपा में बाहरी लोगों की बाढ़ आ गई है। अभी संजय सिंह, सुरेन्द्र नागर और संजय सेठ आ गये। और भी कई बाहरी आए और भाजपा में भरपूर प्रतिष्ठित हो गए। पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने जिन संजय सेठ को विधान परिषद के योग्य नहीं समझा उन्हें भाजपा राज्य सभा भेज रही है। इससे मूल कार्यकर्ताओं की उपेक्षा नहीं होती?

यह सीट तो उन्हीं लोगों ने छोड़ी है। उसी पर वापस उन्हें भेजा जा रहा है। हमारा कार्यकर्ता समझदार है।

आपने कुछ मंत्रियों को हटाया तो उसका अच्छा संदेश गया, लेकिन माना जा रहा है कि अब भी कई मंत्री आपके मनमाफिक काम नहीं कर रहे। उन पर भी कोई फैसला होगा क्या?

मेरे मन से काम करने की आवश्यकता नहीं है। प्रदेश के मन से कार्य करने की जरूरत है।

चलिए, हम सवाल बदलते हैं। कुछ मंत्री प्रदेश के मनमाफिक काम काम नहीं कर रही। उन पर कोई कार्रवाई होगी?

सब मंत्रियों के सामने लक्ष्य हैं। हर माह सबकी समीक्षा होती है।

आप 16 से 17 घंटे काम करते हैं, लेकिन आपके मंत्री नहीं। इससे उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था एक जगह केंद्रित दिखती है। क्या यह प्रशासनिक कमी नहीं?

ऐसा नहीं है। हर व्यक्ति काम करता है। अगर काम नहीं करता तो जो उपलब्धि दशकों में हासिल नहीं हुई वह ढाई वर्ष में कैसे हो गई। टीम वर्क के चलते ही 23 करोड़ जनता के जीवन में खुशहाली लाने का सपना साकार होते दिख रहा है। ढाई वर्ष में एक लाख 67 हजार मजरों में विद्युतीकरण हो गया। 600 विद्युत उपकेंद्र बन गये। ग्रामीण-शहरी और हर क्षेत्र के फीडर अलग किये जा रहे है। 40 वर्ष से लंबित बाणसागर परियोजना को एक वर्ष में पूरा कर लिया है।

सहयोगी दल सुभासपा को आपने किनारे कर दिया। अब अपना दल एस के लोग भी शर्त के साथ चेतावनी दे रहे हैं। प्रतापगढ़ विधानसभा सीट के लिए अपना दल एस ने तेवर दिखाया है? 

नहीं अपना दल एस से हमारा बेहतर तालमेल है। भाजपा गठबंधन धर्म का पालन कर रही है। प्रतापगढ़ को लेकर तो अभी कोई बात शुरू नहीं हुई है।

उज्ज्वला या 370 जैसे केंद्र के मुद्दे छोड़ दें तो राज्य के पास 2022 के लिए अपना कोई प्रभावी मुद्दा है क्या?

केंद्र और प्रदेश सरकार में कोई अंतर नहीं होना चाहिये। दोनों जगह भाजपा की सरकार है। केंद्र और प्रदेश की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना ही हमारी प्राथमिकता है। हमने अपना रोडमैप तैयार कर लिया है। उसी प्रक्रिया को जमीन पर उतारना है। प्रदेश में मानव संसाधन, शिक्षा और स्वास्थ्य के एजेंडे को लेकर सरकार आगे बढ़ रही है।

2022 और आने वाले उप चुनाव में क्या स्थिति रहेगी? 

लोकसभा चुनाव ने साबित कर दिया कि 2022 में भी प्रदेश में भाजपा की ही सरकार बनेगी।

उप्र में राज्य वित्त आयोग का गठन कब तक होगा?

किसी एक संस्था के होने न होने से अंतर नहीं पड़ता। हमारे पास विशेषज्ञ हैं।

लखनऊ चिकन कारीगर हों या मऊ के बुनकर या भदोही, अलीगढ, अमरोहा व बरेली के कारीगर, प्राय: सभी मुसलमान होते हैं। इन कारीगरों के संरक्षण और संवर्धन के लिए क्या कोई नीति है? 

हम किसी से भेदभाव नहीं करते। हमने एक जिला-एक उत्पाद योजना शुरू की। इसमें देश के संस्थागत उद्यमियों को संरक्षण दिया। मैपिंग और मार्केटिंग को प्रमोट किया। हमारी सरकार हर वर्ग के चेहरे पर खुशहाली के लिए लगातार प्रयास कर रही है। मैं मुख्यमंत्री बनने के बाद आगरा गया तो वहां के लोगों में हताशा थी, लेकिन डेढ़ वर्ष बाद गया तो वे लोग खुशहाल थे। कहा,अब हमें गुंडा टैक्स नहीं देना पड़ता है। ऐसे ही मुरादाबाद, भदोही समेत कई अल्पसंख्यक बहुल जिलों में मैं गया और लोगों ने अपनी उपलब्धियां गिनाई। सरकार के कामकाज की सराहना की। मुरादाबाद में तो हजार करोड़ से बढ़कर कारोबार अब छह हजार करोड़ तक पहुंच गया है। भदोही से चार हजार करोड़ का एक्सपोर्ट हो रहा है।

कानपुर यूपी में जीडीपी के लिहाज़ से दूसरे नंबर पर है। कानपुर की पहचान कपड़ा उद्योग और टेनरी की वजह से रही। अब टेनरियां चेन्नई जा रही हैं और कपड़ा उद्योग संकट में है। जब शहर की पहचान ही संकट में होगी तो वहां बचेगा क्या?

कानपुर का टेक्सटाइल उद्योग 30-35 वर्ष में बंद हुआ है। हमारे समय में कोई उद्योग बंद नहीं हुआ, बल्कि कई बंद उद्योगों को हमने चालू कराया है। एग्रीकल्चर के बाद सर्वाधिक रोजगार टेक्सटाइल्स क्षेत्र में है। हम केंद्र के साथ मिलकर कानपुर के लिए अलग कपड़ा नीति लाने वाले हैं। कानपुर के चमड़ा कारखानों के औद्योगिक कचरे के लिए एसटीपी की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। हमने अपना हिस्सा दे दिया है चमड़ा उद्योग से जुड़े लोगों को अपना हिस्सा देना है। हम उनके औद्योगिक कचड़े से देश की धरोहर गंगा को प्रदूषित नहीं होने देंगे। कुंभ के दौरान टेनरियों को बंद कर गंगा को स्वच्छ रखने का संदेश हम सबको दे चुके है। आइआइटी कानपुर से हमारी बातचीत हो रही है कि कानपुर की औद्योगिक स्थिति पर एक श्वेत पत्र निकाला जाए।

ढाई वर्ष में आपकी सबसे प्रमुख तीन उपलब्धियां कौन-सी हैं? 

यह तो प्रदेश की जनता देख रही है। अयोध्या में दीपोत्सव से पहले वीरानी थी। आज अयोध्या में होटल इंडस्ट्रीज के लोग आ रहे हैं। कुंभ की सफलता ने पूरी दुनिया में उत्तर प्रदेश का मान बढ़ाया है। प्रयागराज, वाराणसी, मथुरा में पर्यटन की अपार संभावना बढ़ी है और विभिन्न उद्योगों के लोग यहां आ रहे हैं।

जनता के बीच जाने को आपके पास ढाई वर्ष का समय है। अब सबसे बड़ी चुनौती और सबसे बड़ी ताकत क्या देख रहे हैं?

ढाई वर्ष में उत्तर प्रदेश की बहुत खूबसूरत तस्वीर होगी। हमने बीमारियों पर काबू पा लिया है। इंसेफलाइटिस, डेंगू, कालाजार जैसे रोगों पर नियंत्रण है। हम युवाओं को शिक्षित, रोजगार संपन्न और स्वस्थ बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

आप विकास के जिस रोडमैप की की बात कर रहे हैं वह बेहतर परिवहन सेवाओं के बिना पूरा नहीं होगा उस दिशा में सरकार क्या कर रही है?

परिवहन सेवाओं और कनेक्टिविटी पर हमारी सरकार का पूरा फोकस है। हम जब सत्ता में आये थे तो प्रदेश में मात्र दो एयरपोर्ट ही ठीक से संचालित हो पा रहे थे। आज छह एयरपोर्ट ठीक सुचारु रूप से संचालित हैं और 11 एयरपोर्ट को विकसित किया जा रहा है। प्रदेश के कई शहरों को देश के बड़े शहरों से जोड़ा गया है। जेवर में हम लोग बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बना रहे हैं। प्रदेश के कोने-कोने में सड़कों का जाल बिछा है। गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ा गया है। प्रदेश की परिवहन सेवा पहले से बेहतर हुई है। समयबद्धता का पालन हो रहा है। वातानुकूलित बसों का बेड़ा लगातार बढ़ रहा है।

आपने प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है यह कितना कारगर है?

इसके लिए अधिकारियों को जवाबदेह बनाया गया है। शासकीय कार्यालयों और बैठकों में प्लास्टिक के बोतल पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।

भारत में हमेशा से राजा और पुरोहित की कुर्सी अलग अलग होती रही है। आप तो मुख्यमंत्री भी है और महंत भी। दोनों में सामंजस्य बिठाना आपके लिए कितनी बड़ी चुनौती है?

-दोनों का उद्देश्य सेवा है। धर्म को हमें भारतीय परिप्रेक्ष्य में समझने का प्रयास करना चाहिये। हम धर्म को अगर रिलीजन मानते हैं तो उसके महत्व को कम करते हैं। धर्म केवल उपासना नहीं है। धर्म केवल पूजा पद्धति नहीं है। हमारे यहां इसे जीवन पद्धति माना गया है। यह कर्तव्य, नैतिकता और सदाचार का प्रतीक है। धर्म का पहला मार्ग सेवा से है। हम संन्यासी बनते तो सेवा के लिए बनते हैं। संन्यासी हो या राजा दोनों का मूल कर्तव्य आमजन के जीवन में खुशहाली लाना है। आज हमारी भी यही प्राथमिकता है।

इधर धार्मिक आयोजनों में डीजे बजने से लेकर शक्ति प्रदर्शन तक दिखने लगा है। धर्म की आड़ में फूहड़ता दिखती है। यह कैसे नियंत्रित होगा?

डीजे बजाना अपराध नहीं है। उच्च न्यायालय ने भी एक निश्चित डेसिबल के तहत डीजे बजाने की अनुमति दी है। हां, धर्म की आड़ में हम फूहड़ता और हिंसा नहीं होने देंगे। यदि किसी वर्ग और संप्रदाय के लोग शक्ति प्रदर्शन की आड़ में हिंसक गतिविधियां करते हैं तो यह सरकार का दायित्व है कि वह कानून का सहारा लेकर उन्हें नियंत्रित करे और समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखे।

सनातन धर्म क्या है

- कृते च प्रति कर्तव्यम, एष : धर्म च सनातन : वाल्मीकि रामायण में सनातन धर्म की यही परिभाषा है। इस समाज ने जीने की प्रेरणा दी है। इसी समाज में जन्म हुआ है तो इसके प्रति हमारा दायित्व है। व्यक्ति जब तक समाज और धरती के ऋण से उऋण नहीं हो जाता तब तक उसे कर्तव्य का पालन करते रहना है।

आपको गुस्सा नहीं आता?

- हमको गुस्सा नहीं आता है। बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए धैर्य की जरूरत होती है। चुनौती से जूझने का संकल्प होना चाहिए। मुझे कभी निराशा नहीं होती। मैं हर घटना से कुछ न कुछ सीखता हूं। तनाव की स्थिति में ? मैं योगी हूं। नियमित योग करता हूं और यही कारण है कि रोज साढे तीन चार घंटे सोने के बाद भी तरोताजा रहता हूं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.