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Ayodhya Case Verdict 2019 : गोरखपुर में अफसर गश्त पर, सुरक्षा-व्यवस्था को चाकचौबंद बनाए रखने का निर्देश Gorakhpur News

मंडलायुक्त ने बताया कि मंडल में सभी प्रशासनिक अधिकारी गश्त पर हैं। डीएम-एसएसपी भी लगातार भ्रमण कर स्थितियों पर नजर रखें हुए हैं। जनजीवन सामान्य है। दुकानें खुली हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 09 Nov 2019 01:36 PM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 04:48 PM (IST)
Ayodhya Case Verdict 2019 : गोरखपुर में अफसर गश्त पर, सुरक्षा-व्यवस्था को चाकचौबंद बनाए रखने का निर्देश Gorakhpur News
Ayodhya Case Verdict 2019 : गोरखपुर में अफसर गश्त पर, सुरक्षा-व्यवस्था को चाकचौबंद बनाए रखने का निर्देश Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद पुलिस व प्रशासनिक अफसर जिले के संवेदनशील इलाकों का लगातार दौरा कर रहे हैं। जगह-जगह पुलिस व मजिस्ट्रेटों की तैनाती के कारण माहौल शांतिपूर्ण है। सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाए रखने का निर्देश दिए जा रहे हैं। मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर व एडीजी जय नारायण सिंह  गोरखनाथ मंदिर, गोलघर, घंटाघर, मुख्य बाजारों में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे।

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मंडलायुक्त ने बताया कि मंडल में सभी प्रशासनिक अधिकारी गश्त पर हैं। डीएम-एसएसपी भी लगातार भ्रमण कर स्थितियों पर नजर रखें हुए हैं। जनजीवन सामान्य है। दुकानें खुली हैं। वाहनों का आवागमन सुचारू रूप से चल रहा है। सिर्फ शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने के आदेश दिए गए हैं। मंडलायुक्त गश्त के दौरान रुककर आम जनता से मिलकर शांति व सौहार्द बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचे डीएम-एसएसपी

डीएम के.विजयेंद्र पांडियन व एसएसपी डा.सुनील गुप्त शहरी इलाकों से होकर ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण कर रहे हैं। शनिवार की सुबह डीएम व एसएसपी ने गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था को देखा और लोगों से बातचीत की। इसके बाद दोनों अफसरों ने ग्रामीणों क्षेत्रों का रुख किया। डीएम व एसएसपी मानीराम पहुंचे जहां पर लोग अन्य दिनों की भांति अपने कार्य व्यस्त रहे। कस्बों में दुकानें खुली हैं। इसके बाद अफसरों का काफिला भटहट में पहुंचा। वहां भी अफसरों ने आमजन से मुलाकात कर शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग देने की अपील की।

सोशल मीडिया पर भी नजर

मंडलायुक्‍त जयंत नार्लिकर का कहना है कि सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है। आम जनता से सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म ट्वीटर, वाट्सएप व फेसबुक पर बयानबाजी से बचने की अपील की जा रही है। धर्मनिरपेक्षता के विरुद्ध अफवाह फैलाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।  


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