Move to Jagran APP

शराब कांड के आरोपित थानेदार को बचाने में फंसे सीओ, कार्रवाई के निर्देश Gorakhpur News

कुशीनगर जिले के तमकुहीराज के सीओ ने जुलाई में कसया थाना के तत्‍कालीन थानेदार इंस्पेक्टर सुनील राय के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। उसी की जांच में फाइनल रिपोर्ट दूसरे सीओ ने लगा दी

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 08:45 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 08:45 PM (IST)
शराब कांड के आरोपित थानेदार को बचाने में फंसे सीओ, कार्रवाई के निर्देश Gorakhpur News
शराब कांड के आरोपित थानेदार को बचाने में फंसे सीओ, कार्रवाई के निर्देश Gorakhpur News

शराब कांड के आरोपित थानेदार को बचाने में फंसे सीओ, कार्रवाई के निर्देश Gorakhpur News

loksabha election banner

गोरखपुर, जेएनएन। कुशीनगर जिले में बहुचर्चित कसया शराब कांड के आरोपित इंस्पेक्टर सुनील राय को बचाने में सीओ सदर ने अपनी गर्दन फंसा ली है। सीओ ने साक्ष्य न मिलने का हवाला दे जहां मुकदमे में एफआर लगा दी, जबकि वादी सीओ का बयान दर्ज करना तक मुनासिब नहीं समझा। इससे खफा आइजी रेंज गोरखपुर जय नारायण सिंह ने एसपी को सीओ के विरुद्ध कार्रवाई करने तथा दोबारा विवेचना का निर्देश दिया है।

सीओ ने इंस्‍पेक्‍टर के खिलाफ दर्ज कराया था मुकदमा

कुशीनगर जिले के तमकुहीराज के पुलिस क्षेत्राधिकारी राणा महेंद्र प्रताप सिंह ने जुलाई में कसया थाना के तत्‍कालीन थानेदार इंस्पेक्टर सुनील राय के विरूद्ध आबकारी एक्ट व 217 आइपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। थानेदार शराब तस्करी में संलिप्त पाए गए थे। उन्होंने पकड़े गए शराब तस्कर को ही थाने से छोड़ दिया था। इस मामले में थानेदार को लाइन हाजिर किया गया था। उसकी जांच सीओ सदर नितेश प्रताप सिंह को सौंपी गई थी। मंगलवार को एसीजेएम कोर्ट कसया की ओर से नोटिस मिलने के बाद सीओ तमकुहीराज राणा महेंद्र प्रताप सिंह को पता चला कि मुकदमे में एफआर लग गई है। 13 सितंबर को कोर्ट ने उन्हें अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है। इसके बाद यह मामला अफसरों के संज्ञान में आ गया। बता दें कि हाल में ही शासन ने प्रकरण की जांच आइजी रेंज से कराने का भी आदेश दिया है।

यह था मामला

22 जुलाई की रात सीओ तमकुहीराज व स्वाट टीम ने कसया बस स्टेशन से ट्रक से तस्करी की शराब खेप पकड़ी थी। शराब को  थोड़ी दूरी पर खड़ी पुलिस के निशान लगी स्कार्पियो में रखा जा रहा था। टीम ने मौके से तस्करी में लिप्त बिहार निवासी मनीष सिंह को भी पकड़ा था। छानबीन में स्कार्पियो इंस्पेकटर सुनील राय की निकली थी। थाने में सीओ और थानेदार के बीच विवाद भी हुआ था। उसके बाद आइजी रेंज जय नारायण सिंह भी कसया थाने पहुंचे थे। एएसपी गौरव वंशवाल ने भी अपनी जांच में थानेदार की संलिप्तता मानी थी।

नहीं मिला कोई साक्ष्य : विवेचक

इस संबंध में विवेचक सीओ सदर नितेश प्रताप सिंह ने कहा कि विवेचना के दौरान आरोपों से जुड़े साक्ष्य नहीं मिले। साक्ष्य के अभाव में मुकदमे में एफआर लगा दी गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.