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गोरखपुर विश्‍वविद्यालय में स्थापित होगा इनोवेशन एंड इक्यूबेशन सेंटर, जानें-क्‍या है इसकी महत्‍ता

कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में असीम संभावनाओं को देखते हुए विश्वविद्यालय ने इसे बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इसके लिए परिसर में इनोवेशन एंड इक्यूबेशन सेंटर फार स्टूडेंट लैब का निर्माण कराया जाएगा।

By Satish chand shuklaEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 01:29 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 06:22 PM (IST)
सेमीनार सह वेबिनार को संबोधित करते कुलपति प्रो.राजेश सिंह। जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के डिर्पाटमेंट ऑफ साइंस टेक्नालाजी और नेशनल काउंसिलिंग फार साइंस एंड टेक्नोलाजी कम्यूनिकेशन की ओर से विज्ञान के विद्याॢथयों के लिए प्रोत्साहन और नवाचार पर आधारित सेमिनार-सह-वेबिनार का आयोजन किया गया। वनस्पति विज्ञान विभाग के शोध भवन में हुए आयोजन की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में असीम संभावनाओं को देखते हुए विश्वविद्यालय ने इसे बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इसके लिए परिसर में  इनोवेशन एंड इक्यूबेशन सेंटर फार स्टूडेंट लैब का निर्माण कराया जाएगा। जहां विद्यार्थी नवाचार को लेकर अपनी सोच को धरातल पर ला सकेंगे। इस सेंटर में विश्वविद्यालय के शिक्षक विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करेंगे और उनके नवाचार को पेटेंट कराने में मदद भी करेंगे।

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर पुरस्कृत होगा उत्कृष्ट शोध

कुलपति ने बताया कि उत्कृष्ट शोध को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर पुरस्कृत किया जाएगा। इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने और जगह चिन्हित करने की जिम्मेदारी उन्होंने विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो. शांतनु रस्तोगी और प्रो. पूजा सिंह को सौंपी। कुलपति ने कहा कि शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए रिसर्च प्रमोशन एंड कोआॢडनेशन सेल भी बनाया जाएगा। इसके लिए डिजिटल क्लास रूम भी तैयार होगा। मुख्य अतिथि डिर्पाटमेंट ऑफ साइंस टेक्नालाजी के निदेशक डा. एचबी सिंह ने डिपार्टमेंट की ओर से विज्ञान को बढ़ावा देने की दिशा में किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। वनस्पति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष प्रो. पूजा सिंह अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. वीएन पांडेय और सह समन्वयक प्रो. ईश्वर दास ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर मुख्य नियंता प्रो. सतीश चंद पांडेय, डा. स्मृति मल्ल, डा. तूलिका आदि मौजूद रहीं।

ऑनलाइन लेक्चर के लिए आमंत्रित होंगे शिक्षक

कुलपति ने बताया कि विद्यार्थियों की जिज्ञासा शांत करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षकों को ऑनलाइन लेक्चर के लिए आमंत्रित किया जाएगा। आर कोई शिक्षक प्रति घंटे के हिसाब से 50 या 100 डॅलर भी लेता है तो छात्रहित में विश्वविद्यालय इसे वहन करेगा। वनस्पति विज्ञान विभाग से इसकी शुरुआत होगी।

1000 पुरातन छात्रों को जोड़े विभाग

कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि आजादी के बाद स्थापित विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र एक अमूल्य धरोहर हैं। सभी विभागों को 100-100 पुरातन छात्रों को विभाग से जोडने का निर्देश दिया गया है। बॅटनी विभाग के लिए ये संख्या 1000 होगी क्योंकि यह विभाग काफी पुराना है।


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