फर्जी पेरोल पर छूटे बंदी से जेल में हुई पूछताछ
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : फर्जी पेरोल पर छह महीने जेल से बाहर रहे बंदी से बुधवार को जेल में छह घंटे
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : फर्जी पेरोल पर छह महीने जेल से बाहर रहे बंदी से बुधवार को जेल में छह घंटे पूछताछ हुई। एसएसपी के निर्देश पर पूछताछ करने पहुंचे विवेचक ने घटना से जुड़े सभी बिंदुओं पर बातचीत की जिसमें कई लोगों का नाम सामने आया है। अब तक की जांच में आरोपित सिपाही की भूमिका संदिग्ध मिली है।
सजायाफ्ता कैदी संदीप यादव 11 मई की दोपहर सरेंडर आदेश लेकर जेल पहुंचा। आदेश की कापी कैदी के लेकर आने पर जेलर ने पकड़ लिया। भेद खुलने पर संदीप को लेकर जेल गया सिपाही भाग निकला। जांच में संदीप द्वारा दिया गया सरेंडर आदेश फर्जी निकला। अधिकारियों के निर्देश पर जेलर रामकुबेर ने कैंट थाने में तिवारीपुर के रमदत्तपुर निवासी संदीप यादव और सिपाही दिवाकर मिश्र के खिलाफ साजिश के तहत फर्जी दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने का मुकदमा दर्ज कराया है। फर्जी पेरोल तैयार कराने में शामिल लोगों के बारे में जानकारी लेने के लिए बुधवार सुबह विवेचक योगेंद्र यादव जिला जेल पहुंचे। जेल से छुड़ाने में किसने मदद की थी, कितने रुपये लिए, छह महीने तक कहां रहा, क्या किया इस बारे में विस्तार से बातचीत की।
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यह है मामला
तिवारीपुर के रमदत्तपुर निवासी पूर्व पार्षद रामपाल यादव के बेटे संदीप यादव पर वर्ष 2007 में हत्या, हत्या के प्रयास, बलवा और धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरोप सिद्ध होने पर उसे सात साल की सजा सुनाई। मंडलीय कारागार में सजा काटने के दौरान ही अपने संबंधियों के साथ साजिश रचकर संदीप ने फर्जी पेरोल (अस्थाई समयबद्ध रिहाई) का आदेश तैयार करा लिया। इस आदेश के सहारे 11 नवंबर 2017 को वह बाहर आ गया। पिछले छह महीने से वह खुलेआम जेल के बाहर सामान्य जिंदगी जीता रहा। 11 मई की दोपहर संदीप कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश लेकर परिचित सिपाही के साथ जेल पहुंच गया। संदेह होने पर जेलर ने पकड़ लिया।
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कोट-
- बंदी से पूछताछ में फर्जी पेरोल तैयार कराने वालों के बारे में जानकारी मिली है। पुलिस सभी के खिलाफ साक्ष्य जुटा रही है। मुकदमें में नाम शामिल कर सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- शलभ माथुर, एसएसपी