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गोरखपुर की औद्योगिक इकाइयों पर लगेगा एक और शुल्‍क, गीडा ने तैयार किया प्रारूप Gorakhpur news,

गीडा गोरखपुर की औद्योगिक इकाइयों पर एक नया शुल्‍क लगाने की तैयारी कर रहा है। इस प्रारूप भी तैयार कर लिया गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2020 01:50 PM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 07:08 PM (IST)
गोरखपुर की औद्योगिक इकाइयों पर लगेगा एक और शुल्‍क, गीडा ने तैयार किया प्रारूप Gorakhpur news,
गोरखपुर की औद्योगिक इकाइयों पर लगेगा एक और शुल्‍क, गीडा ने तैयार किया प्रारूप Gorakhpur news,

गोरखपुर, जेएनएन। गीडा (गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण) में स्थापित औद्योगिक इकाइयों से पर्यावरण उत्तरदायी शुल्क लेने की तैयारी है। कॉमन एंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) की स्थापना के बाद उसके संचालन के लिए यह शुल्क लगाया जा रहा है। इस प्रारूप को गीडा की ओर से शुक्रवार को एनेक्सी भवन में आयोजित होने वाली मंडलीय उद्योग बंधु की बैठक में रखा जाएगा। बैठक की अध्यक्षता मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर करेंगे।

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मंडलीय उद्योग बंधु की बैठक में रखा जाएगा प्रारूप

गीडा में फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषित जल के शोधन के लिए सीईटीपी लगाने की तैयारी है। यहां 15 एमएलडी क्षमता का सीईटीपी लगाया जाना है लेकिन फिलहाल प्रदूषित जल के कम डिस्चार्ज को देखते हुए 7.5 एमएलडी के दो प्लांट लगाए जा सकते हैं। प्लांट के संचालन के लिए स्पेशल परपज व्हेकिल (एसपीवी) का गठन किया जाना है। प्लांट के संचालन के लिए सालाना खर्च की व्यवस्था के लिए पिछली बैठक में रेवेन्यू मॉडल बनाने पर सहमति बनी थी। उसी क्रम में पर्यावरण उत्तरदायी शुल्क लगाया जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से 54 औद्योगिक इकाइयों की सूची भेजी गई है। उनसे प्रति किलोलीटर 11 रुपये की दर से शुल्क लिया जाएगा। 4000 वर्ग मीटर तक वाले प्रदूषणमुक्त इकाइयों से 10 रुपये प्रति वर्ग मीटर प्रति वर्ष की दर से तथा 4001 वर्ग मीटर से अधिक एवं 10 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाली इकाइयों से आठ रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से शुल्क लेने की तैयारी है। हालांकि उद्योग बंधु की बैठक में चर्चा के बाद ही अंतिम दर निर्धारित की जाएगी। बैठक दोपहर बाद एक बजे से होगी।

उद्यमी कर सकते हैं आपत्ति

प्रदूषण मुक्त इकाइयों पर शुल्क लगाने को लेकर उद्यमी चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के माध्यम से आपत्ति कर सकते हैं। चैंबर के उपाध्यक्ष आरएन सिंह ने बताया कि फिलहाल जो स्थिति है, उसके अनुसार पांच एमएलडी क्षमता के सीईटीपी की जरूरत है। ऐसे में प्रदूषण मुक्त इकाइयों पर शुल्क को लेकर विचार करना चाहिए।

गीडा में सीईटीपी को स्थापित किया जाना है। इसके संचालन के लिए प्रतिवर्ष काफी खर्च होगा। एसपीवी पर भार न पड़े इसलिए रेवेन्यू मॉडल तैयार किया गया है। उसी के तहत पर्यावरण उत्तरदायी शुल्क का प्रावधान है। इसपर मंडलीय उद्योग बंधु की बैठक में चर्चा होगी। चर्चा के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा। - संजीव रंजन, सीईओ गीडा


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