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दो गैंडों को लेकर आमने-सामने हुए भारत-नेपाल के वन कर्मी ; जानिए- क्‍या है ‘गैंडा-वॉर’

भारत और नेपाल के वनकर्मियों के बीच ‘गैंडा-वॉर’ छिड़ गया है। भटक कर नेपाल आ गए ये गैंडे नेपाल के ही हैं, लेकिन इन्हें वापस ले जाने के लिए नेपाली वनकर्मी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 05:11 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 02:09 PM (IST)
दो गैंडों को लेकर आमने-सामने हुए भारत-नेपाल के वन कर्मी ; जानिए- क्‍या है ‘गैंडा-वॉर’
दो गैंडों को लेकर आमने-सामने हुए भारत-नेपाल के वन कर्मी ; जानिए- क्‍या है ‘गैंडा-वॉर’

गोरखपुर, विश्वदीपक त्रिपाठी। भारत और नेपाल के वनकर्मियों के बीच ‘गैंडा-वॉर’ छिड़ गया है। सरहद पर नेपाल के वनकर्मियों ने डेरा डाल रखा है, वहीं भारतीय वन क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भटक कर इस ओर आ गए ये गैंडे नेपाल के ही हैं, लेकिन इन्हें वापस ले जाने के लिए नेपाली वनकर्मी नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। भटके जानवरों की सुपुर्दगी को लेकर दोनों देशों के बीच स्पष्ट नियम हैं, जिन्हें मानना दोनों के लिए जरूरी है। लेकिन नेपाली वनकर्मी घुसपैठ से बाज नहीं आ रहे हैं।
नेपाल से सटे महराजगंज (उत्तर प्रदेश) के सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग में दोनों ओर से मोर्चेबंदी जारी है। 2017 से चला आ रहा विवाद बीते दिसंबर से बढ़ गया जब नेपाली वनकर्मी खुलेआम एक गेंडे को नाव पर लाद ले गए। तब से दोनों देशों के वनकर्मी आमने सामने हैं। भारतीय वनकर्मी जहां अपने क्षेत्र में किसी भी अनधिकृत प्रवेश को रोकने पर अडिग हैं, वहीं नेपाली वनकर्मी हर दांव खेल जाने पर आमादा। इससे टकराव की स्थिति बनी हुई है। निशाने पर दो गैंडे हैं। गैंडों का यह जोड़ा कहां विचरण कर रहा है, उस पर पैनी नजर रखी जा रही है। भारतीय वन क्षेत्र में बाहरी लोगों का प्रवेश भी पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

दरअसल, अगस्त 2017 में आई बाढ़ में नेपाल के 16 गैंडे नेपाल से भारत के सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग में आ गए थे। एक की मौत उसी समय कुशीनगर सीमा क्षेत्र स्थित नारायणी नदी के किनारे हो गई थी। 12 गैंडों को रॉयल चितवन नेशनल पार्क, नेपाल के वनकर्मी मई 2018 तक नेपाल लेकर चले गए। शेष तीन गैंडे सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग में बचे रह गए थे। उस समय केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रलय ने इस संबंध में अपने वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट सहित सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा था। पर इसी बीच 16 दिसंबर 2018 को पुन: नेपाल के वनकर्मी सोहगीबरवा से एक गैंडे को नाव पर लाद उठा ले गए, तभी से तनाव की स्थिति बनी हुई है।
सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ मनीष सिंह के मुताबिक नेपाल के वनकर्मी बिना अनुमति के 13 गैंडे उठा ले गए। प्रकरण की जानकारी होने पर केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रलय ने वन विभाग से दिशा निर्देश मांगा गया था। केंद्र सरकार की अनुमति के बिना दूसरे देश के वनकर्मियों को भारतीय क्षेत्र से किसी भी जानवर को ले जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

सवाल नियमों का

नेपाल, बिहार व यूपी के महराजगंज जिले का वन क्षेत्र आपस में जुड़ा हुआ है। नियमों के मुताबिक यदि कोई जानवर विचरण करते हुए दूसरे देश या प्रदेश के वन क्षेत्र में पहुंच जाता है, तो उसे पकड़ा नहीं जा सकता। यदि किसी कारणवश वन्यजीव को पकड़ना आवश्यक हुआ तो उसके लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रलय से अनुमति लेनी आवश्यक है।
दो अब भी बाकी..
रॉयल चितवन नेशनल पार्क के गोपाल बहादुर घिमिरे ने कहा कि अगस्त, 2017 में बाढ़ के दौरान हमारे 16 गैंडे भारतीय क्षेत्र में चले गए थे। एक की मौत हो गई। मई, 2018 तक 12 गैंडे हम भारत से वापस ले आए थे जबकि एक गैंडे को 16 दिसंबर को रेस्क्यू कर लिया गया। अब भी हमारे दो गैंडे भारतीय सीमा क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं।
नेपाल की घुसपैठ बर्दाश्त नहीं..
सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग भारत के डीएफओ मनीष सिंह ने कहा कि नेपाली वनकर्मियों के भारतीय वन क्षेत्र की सीमा पर कैंप करने की सूचना मिल रही है। वे लोग अनधिकृत रूप से भारतीय वन क्षेत्र में प्रवेश न करें इसके लिए वनकर्मियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। उच्चाधिकारियों को भी इस संबंध में आवश्यक जानकारी दे दी गई है।
इंडो-नेपाल सीमा पर दोनों देश के जवानों ने की गश्त
उधर, एसएसबी और सशस्त्र प्रहरी बल नेपाल के जवानों ने भारत-नेपाल सीमा पर संयुक्त गश्त कर सीमा स्थित पिलरों का जायजा लिया। एसएसबी 66वीं वाहिनी के कार्यवाहक कमांडेंट जीतलाल के नेतृत्व में एसएसबी जवानों और सशस्त्र प्रहरी बल नेपाल के जवानों ने भारत-नेपाल सीमा पिलर संख्या 518 से 520 के बीच संयुक्त गश्त की। इस दौरान जवानों ने सीमा स्थित स्तंभ का जायजा लिया और सीमा पर पर तस्करी की निगरानी की गई। जवानों ने लोगों से अपील किया कि दोनों कोई भी संदिग्ध व्यक्ति या कोई वस्तु दिखाई दे तो इसकी तत्काल सूचना दें। कार्यवाहक कमांडेंट जीतलाल ने कहा कि भारत-नेपाल के बीच मधुर संबंध हैं। दोनों देश के नागरिक बिना किसी रोक-टोक के आते-जाते हैं। ऐसे में कुछ लोग तस्करी की घटना को अंजाम देते हैं। उन्होंने कहा कि सीमा की सुरक्षा के प्रति एसएसबी के जवान पूरी तरह मुस्तैद हैं। इस दौरान एसएसबी के इंस्पेक्टर केवल किशन, नेपाल के सहायक उप निरीक्षक केडी भट्ट सहित दोनों देशों के जवान व अधिकारी मौजूद रहे।

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