ऐसे तो दीपावली बाद तक नहीं बन पाएंगी लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमाएं Gorakhpur News
दीपावली पर चीन को टक्कर देने के लिए माटी कला बोर्ड ने शिल्पकारों को लक्ष्मी एवं गणेश की प्रतिमा बनाने के लिए जो सामान दिया था वह सामान प्रयोग के लायक नहीं हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। दीपावली पर चीन को टक्कर देने के लिए प्रदेश सरकार के सहयोग से माटी कला बोर्ड ने शिल्पकारों को लक्ष्मी एवं गणेश की प्रतिमा बनाने के लिए डाई (सांचा), दीया बनाने की मशीन, इलेक्ट्रिक चाक, पेंटिंग मशीन उपलब्ध कराया है। सभी उपकरणों पर तो काम शुरू हो गया है लेकिन डाई को सुखाने में ही वक्त बीत रहा है। कुछ शिल्पकारों ने प्रतिमा बनाने की कोशिश की तो डाई ही क्षतिग्रस्त हो गई।
माटी कला बोर्ड की ओर से करीब एक दर्जन लोगों को लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा बनाने के लिए सांचा उपलब्ध कराया गया है। सांचा सीमेंट का बना है और ऊपर से प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) लगाया गया है। शिल्पकारों का कहना है कि जल्दी-जल्दी में सांचा तैयार किया गया है, जिससे पीओपी सूखा नहीं है। उमेश प्रजापति को 18 इंच का सांचा मिला है, उन्होंने मूर्ति बनाने की कोशिश की तो मिट्टी में चिपककर पीओपी उखड़ गया। मूर्ति भी सुंदर नहीं बनी। अवधेश प्रजापति व अन्य लोग भी बड़े सांचे का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं। आठ इंच से लेकर 18 इंच तक के सांचे दिए गए हैं। शिल्पकारों का कहना है कि सांचे को पूरी तरह से सुखाने में दो महीने का समय लग सकता है। आठ इंच के सांचे से कुछ लोग प्रतिमाएं बना रहे हैं। दीया बनाने की मशीन से काम शुरू हो गया है और रंगाई के लिए मिली स्प्रे मशीन भी बेहतर काम कर रही है।
शिल्पकारों से जताया आभार
सांचे का उपयोग भले ही शिल्पकार फिलहाल न कर पा रहे हों लेकिन उन्होंने सरकार के इस कदम की तारीफ की है। कहा कि इससे पहले कभी किसी ने उनकी चिंता नहीं की थी। इस सरकार ने बहुत कुछ दिया है। हम पूरी मेहनत से काम करेंगे और सरकार की मंशा के अनुरूप परिणाम देंगे।
स्वयं करेंगे डाई की मरम्मत
उमेश प्रजापति ने बताया कि डाई में मिट्टी चिपकने से पीओपी उखड़ गया है। हम लोग कलाकार हैं, सरकार हमारी मदद कर रही है। क्षतिग्रस्त हिस्से को हम स्वयं ठीक कर लेंगे।