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संतकबीर नगर में सरयू की कटान से एमबीडी बंधे की पटरी नदी में विलीन

संतकबीर नगर की धनघटा तहसील क्षेत्र से होकर बह रही सरयू नदी की कटान थमने का नाम नहीं ले रही है। नदी ने तुर्कवलिया के पास एमबीडी बंधे को काटना शुरू कर दिया है। कटान से बंधे की पटरी नदी की धारा में विलीन हो गई है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Wed, 06 Oct 2021 06:15 AM (IST)Updated: Wed, 06 Oct 2021 06:15 AM (IST)
संतकबीर नगर में सरयू की कटान से एमबीडी बंधे की पटरी नदी में विलीन
संतकबीर नगर में कटान स्थल पर जुटे लोग । जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : संतकबीर नगर जिले की धनघटा तहसील क्षेत्र से होकर बह रही सरयू नदी की कटान थमने का नाम नहीं ले रही है। नदी ने तुर्कवलिया के पास एमबीडी बंधे को काटना शुरू कर दिया है। कटान से बंधे की पटरी नदी की धारा में विलीन हो गई है। नदी के खतरनाक रुख को देखकर तटवासी दहशत में हैं। हालांकि सिंचाई विभाग के अधिकारी कटान को रोकने में दिन-रात एक किए हैं।

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सरयू नदी का स्थिर रहा जलस्तर

क्षेत्र में सरयू नदी का जलस्तर स्थिर रहा। अभी भी नदी 78.150 मीटर पर बह रह है। तुर्कवलिया में नदी का खतरे का निशान 79.350 मीटर है। नदी में पानी कम होने पर कटान में तेजी आ गई है। नदी करीब 70 मीटर के दायरे में एमबीडी बंधे के पास कटान कर रही है। नदी बंधे की पटरी के काटने लगी, जिससे पटरी नदी की धारा में समा गई। बंधे को कटता देख ग्रामीणों में दहशत है। तुर्कवलिया गांव के वीरेंद्र, रंगीलाल, लालमन, हरिकेश, सभाचंद, अजीत, रामप्रीत, चंद्रभान, रंपत, बलिराम, हरिराम आदि लोगों का कहना है कि अगर नदी बंधे को काटना शुरू की तो तुर्कवालिया गांव के ऊपर भारी संकट आ सकता है। उन्होंने कहा कि विभाग बोल्डर डालकर कटान रोकने की व्यवस्था तो कर रहा है, लेकिन कभी-कभी कटान इतनी तेज हो जा रही है कि उस पर अंकुश लगाना कठिन साबित हो रहा है।

ग्रामीणों ने लगाया आरोप, कटान रोकने के नाम पर विभाग कर रहा लूट

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विभाग कटान रोकने के नाम पर लूट मचाए है। नदी जब कटान करने लगी तब सिंचाई विभाग के लोग नींद से जागे हैं। अभी तक नदी करीब पांच सौ मीटर तक कटान करते हुए बंधे तक पहुंच गई है। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सतीश चंद्र ने बताया कि नदी में पानी कम होने के चलते कटान में तेजी आ गई है। कर्मचारी दिन-रात बंधे की निगरानी में जुटे हैं। कटान रोकने के लिए बोल्डर का प्रयोग हो रहा है। बंधा अभी सुरक्षित है।


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