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गोरखपुर में बिना काम किए ही वेतन ले रहे 80 से ज्‍यादा कर्मचारी, जानें-किस विभाग का है मामला Gorakhpur News

ऑटोमेशन होने के बाद 68 संविदा ऑपरेटर और कई स्थाई ऑपरेटर को दूसरी जगह भेजना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बिना काम किए ही सभी कर्मचारी घर बैठे आराम से वेतन पा रहे हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Tue, 31 Dec 2019 08:10 AM (IST)Updated: Tue, 31 Dec 2019 11:29 AM (IST)
गोरखपुर में बिना काम किए ही वेतन ले रहे 80 से ज्‍यादा कर्मचारी, जानें-किस विभाग का है मामला Gorakhpur News
गोरखपुर में बिना काम किए ही वेतन ले रहे 80 से ज्‍यादा कर्मचारी, जानें-किस विभाग का है मामला Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। रुपये की बर्बादी देखनी हो तो जलकल आ जाइए। 68 नलकूप आटोमेटिक तकनीक से चल रहे हैं फिर भी यहां कर्मचारियों की तैनाती की गई है। वह भी तब जब ऑटोमेशन करने वाली कंपनी के कर्मचारियों के ऊपर मेंटिनेंस की जिम्मेदारी है। जलकल के अफसर मशीन हैंडओवर न होने की दुहाई दे रहे हैं तो अमृत योजना के अफसरों का कहना है कि पांच साल के मेंटिनेंस का मामला नगर विकास विभाग के पास है। लेकिन वह नलकूप चला रहे हैं।

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शहर में 121 बड़े पंप

शहर में जलकल के 121 बड़े पंप हैं। इनसे नागरिकों को पानी की आपूर्ति होती है। 121 में से 58 पंपों को जल निगम तथा 10 पंप को जलकल ने वाटर पंप ऑटोमेशन सिस्टम से जोड़ा है। ओवरहेड टैंक में जल स्तर (वाटर लेवल) कम होने पर सिस्टम पंप को ऑन कर देता है। वाटर टैंक भरने पर सेंसर से पंप अपने आप बंद हो जाता है। यानी पूरी प्रक्रिया ऑटोमेटिक है। इसके बाद भी इन पंपों पर कर्मचारी काम कर रहे हैं।

53 पंप मैनुअल

ऑटोमेशन होने के बाद जलकल के 53 पंप ऐसे हैं जो मैनुअल चलाए जाते हैं। यानी पानी भरने के लिए पंप चलाना और टंकी भरने के बाद पंप बंद करने का काम ऑपरेटर के जिम्मे है।

70 से ज्यादा कर्मचारियों के पास कोई काम नहीं, आराम से ले रहे वेतन

ऑटोमेशन होने के बाद 68 संविदा ऑपरेटर और कई स्थाई ऑपरेटर को दूसरी जगह भेजना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बिना काम सभी वेतन पा रहे हैं।

यह है ऑटोमेशन सिस्टम

वाटर पंप आटोमेशन सिस्टम के तहत जिन पंपों का संचालन किया जा रहा है, वह स्वत: ऑन-ऑफ होते हैं। ओवरहेड टैंक में पानी का स्तर कम होने पर सेंसर से जुड़ा सिस्टम पंप को ऑन कर देता है। टैंक भरने के बाद पंप को यही सिस्टम ऑफ कर देता है। इससे पानी की बर्बादी नहीं होती है। पंप को चलाने केलिए ऑपरेटर की जरूरत नहीं होती।

आॅपरेटरों की तैनाती उचित नहीं, होगी जांच

इस संबंध में नगर आयुक्‍त अंजनी कुमार सिंह का कहना है कि जो पंप ऑटोमेशन सिस्टम से चलाए जा रहे हैं उन पर ऑपरेटरों की तैनाती उचित नहीं है। इस मामले की जांच कराई जाएगी। ऑटोमेशन सिस्टम से संचालित पंपों का जो मेंटिनेंस करेगा उसी को वहां रहना चाहिए।

पंप अब तक जलकल को हस्‍तांतरित नहीं

इस संबंध में जलकल के महाप्रबंधक एसपी श्रीवास्‍तव का कहना है कि अमृत योजना के तहत पंपों को ऑटोमेशन किया गया है। लेकिन अब तक पंप जलकल को हैंडओवर नहीं किए गए हैं इसलिए हम अपने कर्मचारी नहीं हटा रहे हैं।

सभी स्‍थानों पर कंपनी के कर्मचारी

इस संबंध में अमृत योजना के अधिशासी अभियंता आदर्श राज का कहना है कि ऑटोमेशन का काम करने वाली कंपनी फिलहाल मेंटिनेंस का काम कर रही है। पूरा काम यहीं कंपनी कर रही है। फर्म को मेंटिनेंस का काम पांच साल देने का मामला नगर विकास विभाग के पास है। 


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