Gorakhpur Coronavirus Cases Update: गोरखपुर में 40 दिन बाद मिले सबसे कम 281 मरीज, 850 स्वस्थ हुए
गोरखपुर में 40 दिन बाद मात्र 281 संक्रमित मिले। नौ अप्रैल के बाद पहली बार यह अब तक की सबसे कम संख्या है। नौ अप्रैल को भी 281 व आठ अप्रैल को 212 संक्रमित मिले थे। हालांकि मौतों की अभी रोकथाम नहीं हो पा रही है।
गोरखपुर, जेएनएन। सतर्कता व बचाव के नियमों के पालन से कोरोना के कदम अब थमने लगे हैं। मंगलवार को 40 दिन बाद मात्र 281 संक्रमित मिले। नौ अप्रैल के बाद पहली बार यह अब तक की सबसे कम संख्या है। नौ अप्रैल को भी 281 व आठ अप्रैल को 212 संक्रमित मिले थे। हालांकि मौतों की अभी रोकथाम नहीं हो पा रही है। 24 घंटे में गोरखपुर के सात संक्रमितों सहित 18 लोगों की मौत हो गई।
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि 281 में 115 संक्रमित शहर के हैं। जिले में संक्रमितों की संख्या 55385 हो गई है। 576 की मौत हो चुकी है। 48820 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। 5989 सक्रिय मरीज हैं। स्वस्थ होने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मंगलवार को 850 लोग स्वस्थ हुए। एक दिन पूर्व संक्रमितों की संख्या 478 थी और स्वस्थ होने वाले 930। जिला अब कोरोना मुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
इनकी हुई मौत
गोरखपुर के कैंट क्षेत्र, साहबगंज, बेलघाट, गोरखनाथ, रामगढ़ ताल व कुसम्हीं बाजार निवासी एक-एक महिला बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में भर्ती थीं। मंगलवार को उनकी मौत हो गई। उनकी उम्र क्रमश: 44, 60, 65, 72, 50 व 30 वर्ष थी। इसी वार्ड में भर्ती गुलरिया के एक 45 वर्षीय युवक ने भी अंतिम सांस ली। इसके अलावा कुशीनगर की दो महिलाएं, संतकबीनगर के एक व्यक्ति, देवरिया के दो पुरुष व एक महिला, बिहार का एक युवक व एक महिला, सिद्धार्थनगर का युवक और महराजगंज के दो व्यक्तियों की भी मौत हो गई।
एम्स में भर्ती हुआ एक मरीज
एम्स में बने कोविड अस्पताल में मंगलवार को एक महिला मरीज को भर्ती किया गया। मरीज का इलाज शुरू कर दिया गया है। शनिवार को अस्पताल शुरू हुआ था, इसके बाद मंगलवार को एक मरीज पहुंचा।
मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन बढ़े
शहर में कोरोना संक्रमण से मौत की सूचना बढ़ी तो नगर निगम में मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन बढ़ने लगे। सामान्य दिनों में जहां मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए दो-चार आवेदन आते वहीं अब तीस से 40 आवेदन आ रहे हैं। अप्रैल महीने में 392 मृत्यु प्रमाण पत्र नगर निगम से जारी किए गए। 17 मई तक 254 प्रमाण पत्र जारी हो चुके हैं। अभी सौ से ज्यादा आवेदन लंबित हैं। इनकी जांच चल रही है। कई लोग महीनों बाद भी प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते हैं।
नगर निगम सीमा क्षेत्र में स्थित नर्सिंग होम या घर पर हुई मौत के मामले में नगर निगम प्रशासन मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करता है। नगर निगम के जन्म-मृत्यु कार्यालय में इसके लिए आवेदन करना होता है। नर्सिंग होम में मौत की स्थिति में जारी प्रमाण पत्र का सत्यापन कराया जाता है। घर पर मौत के मामले में संबंधित क्षेत्र के सुपरवाइजर से रिपोर्ट ली जाती है।
नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि आवेदन के आधार पर जांच कर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। सरकारी अस्पताल खुद जारी करते प्रमाण पत्र सरकारी अस्पतालों में जन्म या मृत्यु होने पर वहीं प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। भले ही सरकारी अस्पताल नगर निगम क्षेत्र में ही क्यों न हों।