कोरोना पीडि़त 28 हजार लोगों को भरण पोषण भत्ता देगी सरकार, सीधे खाते में आएगी राशि
ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज विभाग ने कोरोना पीडि़त करीब 28 हजार 262 जरूरतमंदों का डाटा तैयार किया है। इनका पूरा विवरण आनलाइन फीड कर दिया गया है। शासन की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद उनके बैंक खातों में एक-एक हजार रुपये की आर्थिक मदद भेज दी जाएगी।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में बाजार बंद होने से रोज कमाकर खाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आय बंद हो जाने से उनका व उनके परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो गया। ऐसे लोगों की मदद के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरण पोषण भत्ता देने की घोषणा की। शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में इसके लिए अलग-अलग विवरण तैयार किया गया।
ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज विभाग ने करीब 28 हजार 262 जरूरतमंदों का डाटा तैयार किया है। इनका पूरा विवरण आनलाइन फीड कर दिया गया है। शासन की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद उनके बैंक खातों में एक-एक हजार रुपये की आर्थिक मदद भेज दी जाएगी।
पंचायती राज विभाग की ओर से 19405 जरूरतमंदों का डाटा फीड किया गया था। इसमें से नगरीय क्षेत्र का होने के कारण 238 का डाटा स्थानीय स्तर पर ही डिलीट कर दिया गया। शासन में इस सूची के परीक्षण के दौरान यह बात सामने आई कि इनमें से 905 लोग ऐसे हैं, जो श्रम विभाग में पंजीकृत हैं। भरण पोषण भत्ता उन लोगों को दिया जाना है, जो श्रम विभाग में पंजीकृत नहीं हैं।
इन्हें मिलेगी सहायता
रेहड़ी, खोमचा, ठेला लगाने वालों, नाई, धोबी, कुली, ई रिक्शा चालक आदि को इस योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है। सरकार की कोशिश थी कि अधिक से अधिक लोगों को यह सहायता दी जाए। ग्राम पंचायतों के सहयोग से करीब 28 हजार लोग हो चिन्हित हो पाए। जिला पंचायत राज अधिकारी को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया था। जल्द से जल्द फीडिंग कराने के लिए बड़ी संख्या में कंप्यूटर आपरेटर लगाए गए थे। एक दिन में सर्वाधिक फीडिंग करने वाले जिलों में गोरखपुर आगरा के बाद दूसरे नंबर पर था।
भरण पोषण भत्ता देने के लिए हर गांव से जरूरतमंदों को चिन्हित किया गया और उनका विवरण फीड कराया गया। करीब 29 हजार से अधिक लोगों का विवरण फीड किया गया था लेकिन उसमें कुछ लोग नगर क्षेत्र के तथा कुछ लोग श्रम विभाग में पंजीकृत थे। ऐसे लोगों के नाम निकाल दिए गए हैं, शेष लोगों को जल्द ही सहायता मिलेगी। - हिमांशु शेखर ठाकुर, जिला पंचायत राज अधिकारी।