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रहस्यपूर्ण आग में धुआं हो गए अहम दस्तावेज!

- आग में कई अहम दस्तावेज व गोपनीय फाइलें नष्ट होने की आशंका - प्राचार्य के पीए रूम में र

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Jan 2018 10:58 PM (IST)Updated: Mon, 08 Jan 2018 10:58 PM (IST)
रहस्यपूर्ण आग में धुआं हो गए अहम दस्तावेज!
रहस्यपूर्ण आग में धुआं हो गए अहम दस्तावेज!

- आग में कई अहम दस्तावेज व गोपनीय फाइलें नष्ट होने की आशंका

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- प्राचार्य के पीए रूम में रखी चार बंद आलमारियों में रखे थे सभी कागजात

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य के कार्यालय व पीए कक्ष में लगी आग में कई अहम दस्तावेजों के जलकर राख होने की आशंका है। हालांकि कौन से कागजात जले हैं यह तो जांच के बाद साफ हो पाएगा लेकिन जानकारों के मुताबिक इनमें आक्सीजन सप्लाई, टेंडर, दवा खरीद व निर्माण आदि से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं। इस मामले में प्राचार्य डा.गणेश कुमार ने कहा कि कौन-कौन सी फाइलें जलीं इसकी मुझे जानकारी नहीं है। जो फाइलें बच गई हैं उन्हें सुरक्षित रखवा दिया गया है।

बताया तो यहां तक जा रहा है कि इन आलमारियों में बीते साल अगस्त महीने में मेडिकल कालेज में हुई मासूमों की मौत के मामले में जेल में बंद पूर्व प्राचार्य डा.राजीव मिश्रा व अन्य लोगों से जुड़ी फाइलें, लिक्विड आक्सीजन प्लांट, आक्सीजन सप्लाई, कालेज के शिक्षकों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट तथा पिछले प्राचार्य द्वारा दिए गए आदेश संबंधी कई फाइलें हैं। इनकी संख्या का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पीए कक्ष में रखी चार आलमारियां जरूरी कागजातों से ठसाठस भरी हुई थीं। इनमें से उन दस्तावेजों की तादाद भी काफी है जो हाल कि दिनों में तलब किए गए थे।

इनमें से शायद ही कुछ दस्तावेज बचें हों जो पहचान में आ रहे हों। जैसे ही आग काबू हुई वहां मौजूद अधिकारियों ने आलमारियों का ताला तोड़कर कागजात समेटने की कोशिश की लेकिन उनके हाथ सिर्फ राख लगी।

यह फाइलें नेहरू अस्पताल, स्टोर, प्राचार्य कार्यालय के दूसरे विभागों की बताई जाती हैं। यह सभी फाइलें पिछले दिनों कालेज में पहुंचे आला अधिकारियों द्वारा कई बार तलब की गई थीं। यह भी बताया जा रहा है कि यह फाइलें सुरक्षा के लिहाज से प्राचार्य कार्यालय की आलमारियों में सुरक्षित रखी गई थीं। हालांकि कालेज व नेहरू अस्पताल के आला अधिकारी दस्तावेजों के बारे में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

कंप्यूटर में मौजूद रिकार्ड भी खाक

आग में सिर्फ महत्वपूर्ण फाइलें ही नहीं बल्कि प्राचार्य व उनके पीए रूम में रखे कंप्यूटर की हार्ड डिस्क में संरक्षित सभी रिकार्ड भी स्वाहा हो गए। इनमें ऐसी जरूरी जानकारियां व फाइलें थीं जिनको हासिल करना बहुत मुश्किल है।

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बीस मिनट में कैसे धधकी आग

घटना के बाद अब सभी की जुबान पर यही चर्चा है कि आग कैसे लगी। हालांकि जो घटनाक्रम सामने आ रहा है उससे आग लगने की वजह के बारे सही अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। बताया जाता है कि प्राचार्य कार्यालय का एक कर्मचारी रोजाना की तरह सुबह साढ़े आठ बजे प्राचार्य आफिस तथा भवन में स्थित दूसरे कार्यालयों की चाबी लेकर पहुंच गया। करीब नौ बजे सफाई कर्मचारी भी पहुंच गए। पहले कर्मचारियों ने प्राचार्य कार्यालय, पीएम कक्ष तथा उससे लगे कमरे की सफाई की। इसमें करीब आधा घंटा लगा।

बताया जाता है कि प्राचार्य कार्यालय की सफाई करने के बाद संबंधित कर्मचारी व दूसरे सफाई कर्मचारी उसी भवन में स्थित दूसरे कार्यालयों की तरफ बढ़ गए। करीब 9.50 बजे जब उन्हीं में से एक कर्मचारी ने लौटकर प्राचार्य कार्यालय का दरवाजा खोला तो पूरे कमरे में आग व धुआं देखकर चौंक गया। उसने शोर मचाकर दूसरे कर्मचारियों को जानकारी दी लेकिन तब तक आग बेकाबू हो चुकी थी। देखते-देखते आग में प्राचार्य कार्यालय, बगल का पीए कक्ष व साथ लगा एक अन्य कमरा जलकर राख हो गया। परिस्थितियों से साफ है कि आग सुबह साढ़े नौ बजे से पौने दस बजे के बीच यानि पंद्रह से बीस मिनट के अंतराल में लगी। अब सवाल यह उठ रहा है कि इस कम अवधि में ऐसा क्या हुआ कि आग ने प्राचार्य व पीए कक्ष को घेरे में ले लिया।

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जवाब दे गए आग बुझाने के सभी इंतजाम

इस पूरे मामले में काबिलेगौर यह है कि घटना के बाद भवन में लगे आग बुझाने के इंतजाम भी काम नहीं आए। आगे बुझाने में लगी दमकलों का पानी जब खत्म हुआ तो उन्होंने फायर हाइड्रेंट सिस्टम से पानी खींचने का प्रयास किया लेकिन थोड़ी देर मे पानी का प्रेशर जवाब जवाब दे गया।

इसी तरह आग बुझाने वाले सिलेंडर भी काम नहीं आए। कर्मचारियों के अनुसार यदि इन उपकरणों ने साथ दिया होता तो आग पर काबू पाया जा सकता था। मजे की बात तो यह सिस्टम की नियमित अंतराल पर टेस्टिंग होती है। लेकिन आखिरी बार इन उपकरणों की जांच कब हुई कोई नहीं बता रहा है।

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सीसीटीवी का रिकार्ड भी नष्ट

घटना की वजहों का पता लगाने में सीसीटीवी फुटेज काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती थी लेकिन फुटेज मिलना तो दूर सीसीटीवी की हार्ड डिस्क व पूरी वाय¨रग जलकर राख हो गई है। ऐसे में घटना के कारणों का पता लगाने में सीसीटीवी की कोई मदद नहीं मिल पायेगी।

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सभी फाइलों की मुझे जानकारी नहीं : प्राचार्य

मैं शहर के बाहर था। करीब चार बजे मेडिकल कालेज पहुंचा। पीए कक्ष में जो चार आलमारियां थीं उनमें दो में फाइलें व कागजात थे। इनमें शिक्षकों के एसीआर व दूसरी जरूरी फाइलें थीं। आलमारियों में बंद सभी फाइलों की जानकारी मुझे नहीं है। बाकी दो आलमारियों में क्राकरी, पर्दे, टावेल आदि थे। जिन फाइलों का कुछ हिस्सा बच गया है उनको सुरक्षित रखवा दिया गया है। उनकी पड़ताल कराई जाएगी। नुकसान का आकलन व नष्ट फाइलों के मामले की जांच के लिए मेडिकल कालेज के डाक्टरों की कमेटी गठित की जाएगी।

डा.गणेश कुमार, प्राचार्य

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एसपी सिटी के नेतृत्व में जांच टीम गठित

- प्रिंसिपल आफिस में आग लगने के कारण की जांच के लिए एसपी सिटी के नेतृत्व में टीम गठित की गई है। जिसमें सीएफओ, सीओ कैंट व इंस्पेक्टर गुलरिहा शामिल है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी। घटना के संबंध में किसी ने तहरीर नहीं दी है।

- गणेश साहा, प्रभारी एसएसपी/एसपी नार्थ


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