Corona effect: गोरखपुर में फल-फूल, शामियाना, लाइट व बांस-बल्ली का कारोबार चौपट
कोरोना के कारण गोरखपुर में फल-फूल बांस-बल्ली शामियाना व्यवसाय लाइट एवं साउंड का कारोबार पूरी तरह से ठप है। दुर्गा पूजा में मूलत उक्त सभी सामग्रियों की आवश्यकता पड़ती थी। सभी कारोबारी पूरी तरह से बेरोजगाार हो गए हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना के चलते छह माह से लाइट एंड साउंड, शामियाना, बांस-बल्ली, फल-फूल व सजावट का कारोबार लगभग चौपट हो गया है। इससे जुड़े हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। दुर्गा पूजा में इनकी अच्छी आय हो जाती थी। व्यापारी बताते हैं कि अब सशर्त पंडाल लगाने की अनुमति मिलने की सूचना है, लेकिन अभी तक कोई गाइडलाइन नहीं आई है। अनुमति मिली तो थोड़ी राहत जरूर मिलेगी, लेकिन बहुत ज्यादा की उम्मीद नहीं है।
दुर्गा पूजा के लिए रेलवे स्टेशन सहित सभी बड़े पंडाल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से ही बनने शुरू हो जाते थे। अब अगर आयोजन की अनुमति मिलेगी भी तो अचानक मूर्तियां मिलनी मुश्किल हैं। मूर्ति का बड़ा कारोबार करने वाले बंगाली मूर्तिकार इस वर्ष शहर में आए ही नहीं। दूसरे बाढ़ आ जाने से मिट्टी मिलनी भी मुश्किल है। किसी तरह मिट्टी का इंतजाम हो भी जाए तो बड़े पैमाने पर इतने कम समय में मूर्तियों का निर्माण संभव नहीं है। इस वजह से व्यापारियों को दुर्गा पूजा से बहुत अधिक उम्मीद नहीं है। हालांकि वह मानते हैं कि आयोजन होने पर उनकी आय भले न हो, लेकिन कर्मचारियों को काम मिल जाएगा। उन्हें राहत मिलेगी।
फूल का व्यापार चौपट
फूलों के कारोबारी संतोष सैनी बताते हैं कि लॉकडाउन से ही फूल का व्यापार चौपट हो गया है। दुर्गा पूजा से उम्मीद थी, लेकिन हर जगह आयोजन न होने से बिक्री की उम्मीद कम है। करीब डेढ़ सौ लोग शहर में फूलों का कारोबार करते हैं। रोज का लगभग डेढ़ से दो लाख रुपये का यह व्यापार इस समय सिमटकर 30 से 40 हजार रुपये पर आ गया है।
बांस-बल्ली को कोई पूछने वाला नहीं
बांस-बल्ली के व्यापारी तहव्वर हुसैन का कहना है कि उनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित है। लॉकडाउन से ही धंधा मंदा है। शहर में करीब 200 कारोबारी हैं और लगभग 500 ठेले वालों का रोजगार इससे जुड़ा है। पहले कारोबारी हर माह सारा खर्च घटाकर 40-50 हजार रुपये कमा लेता था। लॉकडाउन के बाद से तो बोहनी नहीं हो रही है। दुर्गा पूजा में अच्छी-खासी आय हो जाती थी, इस बार उम्मीद कम है।
लाइट एंड साउंड के एक हजार व्यापारी व पांच हजार कर्मचारी बेकार
लाइड एंड साउंड के व्यापारी पंकज शर्मा बताते हैं कि पिछले छह माह से यह कारोबार पूरी तरह ठप है। हर तरह के आयोजन में हमारी जरूरत पड़ती थी। शहर में लगभग एक हजार कारोबारी और उनसे जुड़े लगभग पांच हजार कर्मचारी हैं। सभी खाली हाथ हैं। दुर्गा पूजा की अनुमति मिलने की सूचना है। इससे कर्मचारियों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
शामियाना व्यवसाय को लगन से उम्मीद
टेंट व्यापारी विजय खेमका के अनुसार कोरोना ने टेंट व्यवसाय का चक्का जाम कर दिया है। शहर में लगभग दो सौ व्यापारी हैं और उनसे लगभग पांच हजार कर्मचारी जुड़े हुए हैं। कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट है। दुर्गा पूजा व रामलीला में निश्शुल्क शामियाना व तिरपाल देते थे। केवल कर्मचारियों का खर्च लेते थे। इस बार भी वैसा ही करेंगे। ज्यादा उम्मीद 25 नवंबर से शुरू हो लगन से है। इससे कारोबार को राहत मिलेगी।
आधा घट गया फलों का व्यापार
गोरखपुर फ्रूट एसोसिएशन के महामंत्री विजय सोनकर का कहना है कि फलों का व्यापार लगभग आधा घट गया है। खरीदारी हो नहीं रही, इसलिए माल भी कम मंगा रहे हैं। इस समय सेब का मौसम है। पिछले साल रोज 10-12 गाड़ी आती थी, इस समय पांच-छह ही आ रही। पूरा व्यापार लगभग 20 लाख का था, घटकर 10 लाख पर रुपये पर आ गया है। दुर्गा पूजा में फलों की मांग बढ़ती है। इससे हम उम्मीद लगाए बैठे हैं।