होली में गांव जाना हो तो सूचना देकर जाएं, पुलिस करेगी आपके घर की रखवाली Gorakhpur News
गोरखपुर शहर के थानेदार व चौकी प्रभारी इलाके के लोगों से अपील कर रहे हैं होली में यदि गांव जा रहे हैं पुलिस को बताकर जाएं। पिछले साल होली के समय कई ऐसे घरों में चोरी की घटनाएं हुई थी जिनमें ताला बंद था और परिवार के बाहर गए थे।
गोरखपुर, जेएनएन। होली में शहर से बाहर या गांव जाना हो तो स्थानीय थाना या पुलिस चौकी पर सूचना देकर जाएं। ताकि पुलिस आपके बंद मकान की सुरक्षा कर सके। एसएसपी के निर्देश पर शहर के सभी थानेदार व चौकी प्रभारी इलाके के लोगों से यह अपील कर रहे हैं। पिछले साल होली के समय कई ऐसे घरों में चोरी की घटनाएं हुई थी जिनमें ताला बंद था और परिवार के बाहर गए थे।
वाट्सएप ग्रुप पर होंगी सूचनाएं
जनसंवाद के लिए जिले के सभी थाना व चौकी प्रभारी ने वाट्सएप ग्रुप बनाया है। जिसमें स्थानीय लोग सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने सभी थाना व चौकी प्रभारी को निर्देश दिए हैं कि व्हाटसएप ग्रुप में संदेश भेजकर लोगों से अपील करें कि अगर होली में घर पर ताला बंद कर शहर से बाहर या अपने गांव जा रहे हैं तो इसकी सूचना पड़ोसी के साथ ही पुलिस को जरूर दें। ताकि रात के समय घर की सुरक्षा की जा सके। संभव हो तो घर पर किसी सदस्य को छोड़कर जाएं या फिर किसी चौकीदार तैनात करके जाएं।एसएसपी के आदेश पर सभी थाना, चौकी प्रभारी व बीट सिपाही ने वाट््सएप ग्रुप में संदेश भेजने के साथ ही इलाके में जनसंपर्क शुरू कर दिया है।
बीट पुलिसिंग को मजबूत करने के लिए औचक निरीक्षण कर रही टीम
बीट पुलिसिंग को मजबूत करने के लिए एडीजी अखिल कुमार ने एक टीम गठित की है। यह टीम थाने-थाने जाकर औचक निरीक्षण कर रही है कि बीट पुलिसिंग को लेकर थाना पुलिस कितनी सक्रिय है। जोन कार्यालय के एडिशनल एसपी/स्टाफ अफसर अशोक कुमार के नेतृत्व में गठित यह टीम जोन के थानों का निरीक्षण करके यह देख रही है कि वहां कितने मामले लंबित हैं। थाने पर आने वाले प्रार्थना पत्रों के निस्तारण में बीट कांस्टेबल की क्या भूमिका रही। बीट कांस्टेबल की रिपोर्ट आने के बाद थाने स्तर समस्याओं के निस्तारण में कितनी रुचि ली गई। तीन दिन के भीतर यह टीम जोन के करीब डेढ़ दर्जन थानों का निरीक्षण कर चुकी है।
सीओ देंगे रिपोर्ट, नहीं बनती कच्ची शराब
एडीजी ने जोन के सभी सीओ को निर्देशित किया है कि वह क्षेत्र में कच्ची शराब बनी तो वह सीधे जिम्मेदार होंगे। सीओ को लिखित देना होगा कि उनके क्षेत्र में कच्ची शराब नहीं बनती है।