सफाई करते रह जाएंगे अगर पानी का प्रबंधन नहीं किया तो स्वच्छता सर्वेक्षण में फेल हो जाएंगे Gorakhpur News
वर्ष 2020 के सर्वेक्षण में गोरखपुर नगर निगम की रैकिंग में काफी सुधार हुआ था। नगर निगम अपेक्षाकृत 144 पायदान ऊपर आने में सफल हुआ था। इस बार नगर निगम के सामने अपनी पुरानी रैकिंग को बचाने की चुनौती भी होगी।
गोरखपुर, जेएनएन। बेहतर ढंग से जल प्रबंधन कर इस बार न केवल पानी की उपलब्धता को बढ़ाया जा सकता है बल्कि नगर निगम को स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में बेहतर रैंक भी मिल सकेगा। इस बार के सर्वेक्षण में विभिन्न बिन्दुओं पर आधारित 6000 अंकों पर मूल्यांकन होना है और इसमें 700 नंबर केवल जल प्रबंधन पर दिए जाएंगे।
2020 के सर्वेक्षण में गोरखपुर नगर निगम की रैकिंग में आया था 144 पायदान का उछाल
वर्ष 2020 के सर्वेक्षण में नगर निगम की रैकिंग में काफी सुधार हुआ था। नगर निगम अपेक्षाकृत 144 पायदान ऊपर आने में सफल हुआ था। इस बार नगर निगम के सामने अपनी पुरानी रैकिंग को बचाने की चुनौती भी होगी। कूड़ा प्रबंधन के मामले में अभी यहां बेहतर व्यवस्था नहीं है। रैकिंग पर इसका प्रभाव पड़ सकता है। पर, जल प्रबंधन से रैकिंग सुधारने का मौका मिल सकता है। पिछले सर्वेक्षणों में खुले में शौच को रोकने व साफ-सफाई को बढ़ावा देने पर जोर था। पर, इस बार जोर जल प्रबंधन पर है। इसमें इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि कितनी आबादी को शुद्ध पेयजल मिल पा रहा है और कितना पानी बर्बाद हो रहा है। इस संबंध में जलकल के अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है।
कमजोर है नगर निगम का कचरा प्रबंधन
निगम का कचरा प्रबंधन पर भी जोर है। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए निगम ने शुक्रवार को शहर को गारबेज फ्री घोषित करते हुए फाइव स्टॉर रेटिंग का दावा किया है। अपर नगर आयुक्त डीके सिन्हा ने बताया कि इस बार सर्वेक्षण में जल प्रबंधन और कूड़ा प्रबंधन पर जोर है। बेहतर करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। ये स्वच्छता सर्वेक्षण में बदलाव के बाद शहर के सभी वार्डों में पेयजल आपूर्ति को सुनिश्चित करने के साथ-साथ पानी को दोबारा इस्तेमाल में लाने के संयत्रों को लगाने पर भी नगर निगम ने काम शुरू कर दिया है। हालांकि इसको लेकर निगम क्या-क्या करने जा रहा है, इसकी विस्तृत रूपरेखा अभी जारी नहीं हुई है।