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जब सुविधाएं ही नहीं तो कैसे होगी कोरोना से लड़ाई

कुशीनगर में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का सामना करने के लिए की जा रही तैयारियां नाकाफी हैं यहां ढाई महीने में नहीं बना आक्सीजन प्लांट का फाउंडेशन अन्य मरीजों को अस्पताल में नहीं मिल पा रहा प्राथमिक इलाज चिकित्सक का अभाव तो है ही दवा का भी अभाव बना हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 04:00 AM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 04:00 AM (IST)
जब सुविधाएं ही नहीं तो कैसे होगी कोरोना से लड़ाई
जब सुविधाएं ही नहीं तो कैसे होगी कोरोना से लड़ाई

कुशीनगर : कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर शासन सहित जिला स्तरीय अधिकारी गंभीर हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों का बुरा है। यहां तो न प्राथमिक सुविधाएं मिल रही हैं और न ही कोरोना से निपटने के कोई तैयारी दिख रही है। ऐसे ही स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर लापरवाही रहेगी तो विभाग तीसरी लहर से लड़ाई कैसे लड़ेगा।

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सीएचसी व पीएचसी पर प्राथमिक सुविधाएं मिलें, इसको लेकर विभाग सभी सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारी में जुटा है तो दूसरी ओर जिम्मेदार इसको लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं। सीएचसी तुर्कहां से जुड़े लगभग डेढ़ लाख की आबादी को सुविधाओं के नाम पर केवल दर्द व बुखार को इलाज हो रहा है। यहां ग्रामीणों के लिये इमरजेंसी सेवा नगण्य है। यहां ना बच्चों के डाक्टर है ना ही महिला चिकित्सक। अधिकारी आक्सीजन प्लांट के करीब 90 फीसद कार्य पूर्ण होने का दावा कर रहे हैं। लेकिन मौके पर अभी फाउंडेशन का कार्य चल रहा है। वार्ड में पाइप लाइन लगाने का कार्य अब भी अधूरा है। आक्सीजन सिलिडेर रखने की व्यवस्था नहीं है। क्षेत्र के लोगों को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिये बीते 17 मई को सांसद विजय कुमार दूबे ने आक्सीजन प्लान्ट स्थल का उच्चाधिकारियों के साथ निरीक्षण कर कार्य शीघ्र पूरा कराने का निर्देश दिया था, लेकिन लगभग डेढ़ महीना बाद भी कार्य फाउंडेशन पर अटका है। यहां 30 बेड को आक्सीजन सप्लाई करने की व्यवस्था होनी है, लेकिन करीब ढाई माह बीत जाने के बाद भी कार्य अधूरा है। इसके अलावा सीएचसी में दवा के साथ स्वास्थ्य कर्मियों का अभाव बना हुआ है। चिकित्सक के 10 स्वीकृत पदों के सापेक्ष महज तीन चिकित्सक तैनात हैं, जो ओपीडी के साथ इमरजेंसी सेवा में रहते हैं। यहां बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं है। यहां तक कि महिला चिकित्सक समेत कई विशेषज्ञों के पद रिक्त हैं। अस्पताल में दवा न होने के कारण मरीजों को बाहर दुकान से दवा खरीदनी पड़ती है। एसडीएम अरविद कुमार ने कहा कि आक्सीजन प्लांट को लेकर चल रहे निर्माण कार्य की प्रगति पर लगातार नजर रखी जा रही है। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. सन्तोष गुप्ता ने कहा कि सभी रिक्त पदों को भरने के लिये उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी गयी है।

सीएमओ डा. सुरेश पटारिया ने कहा कि सीएचसी व पीएचसी पर स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए प्रभारी चिकित्साधिकारियों से जरूरी संसाधन की डिमांड भेजने को कहा गया है। अस्पताल पर सभी सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। संसाधन बढ़ाए जाएंगे।


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