कोरोना संक्रमण से लडऩे के लिए कितने तैयार, एम्स कर रहा पड़ताल
कोरोना संक्रमण के खिलाफ शरीर में बनी एंटीबाडी की एम्स गोरखपुर ने भी जांच शुरू कर दी है। जिले के दो हजार नागरिकों में एंटीबाडी की जांच के लिए खून का नमूना लिया जा रहा है। इनमें एक हजार ग्रामीण और एक हजार शहरी क्षेत्र में रहने वाले नागरिक हैं।
गोरखपुर, दुर्गेश त्रिपाठी। कोरोना संक्रमण के खिलाफ शरीर में बनी एंटीबाडी की अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर ने भी जांच शुरू कर दी है। जिले के दो हजार नागरिकों में एंटीबाडी की जांच के लिए खून का नमूना लिया जा रहा है। इनमें एक हजार ग्रामीण और एक हजार शहरी क्षेत्र में रहने वाले नागरिक हैं। खून के नमूने की जांच कर पूरी रिपोर्ट एम्स दिल्ली को भेजी जाएगी। वहां से दोबारा जांच कर संबंधित व्यक्ति तक रिपोर्ट पहुंचाई जाएगी।
इस रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में कोरोना संक्रमण से बचाव की रणनीति बनाई जाएगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की तरफ से सीरो सर्वे के लिए एम्स गोरखपुर के माइक्रोबायोलाजी विभाग का चयन किया गया है। 15 अगस्त के पहले दो हजार खून के नमूने की जांच कर रिपोर्ट एम्स दिल्ली भेजी जानी है।
तीन बार होगी जांच
एम्स गोरखपुर के माइक्रोबायोलाजी विभाग की टीम हर तीन महीने पर तीन बार खून का नमूना लेगी। तीनों रिपोर्ट का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा। इसमें देखा जाएगा कि एंटीबाडी बढ़ रही है या कम हो रही है या जितनी पहली बार थी उतने पर ही स्थिर है। इस रिपोर्ट को डब्लूएचओ को भी भेजा जाएगा।
देश के इन एम्स का चयन
एम्स गोरखपुर
एम्स दिल्ली
एम्स अगरतला
एम्स पांडिचेरी
एम्स भुवनेश्वर
आइसीएमआर करा चुका है सीरो सर्वे
इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) कोरोना संक्रमण के खिलाफ बनी एंटीबाडी की जांच के लिए सीरो सर्वे करा चुका है। सर्वे के तीसरे चरण में 23 फीसद, दूसरे में आठ व पहले में 1.6 फीसद में एंटीबाडी मिली थी।
इनके लिए जा रहे नमूने
सीरो सर्वे में हर उम्र के लोगों को शामिल किया गया है। एम्स की टीम ब'चों के भी खून का नमूना ले रही है। जिनको कोरोना से बचाव का टीका लगा है उनके भी खून का नमूना लिया जा रहा है।
यह है सीरो सर्वे
सीरोलाजी सर्वे को सीरो सर्वे कहते हैं। कोरोना संक्रमण का आबादी पर असर जानने के लिए इसे किया जा रहा है। एक इलाके के कुछ लोगों के खून के नमूने की जांच की जाती है। यदि उनमें कोरोना संक्रमण के खिलाफ एंटीबाडी मिलती है तो माना जाएगा कि वे संक्रमित हुए थे, भले ही उन्हेंं पता नहीं चला। इससे आबादी में संक्रमण का फीसद निकाला जाता है।
प्राइवेट में दो हजार रुपये में होती है जांच
कोरोना संक्रमण के खिलाफ एंटीबाडी जांच का प्राइवेट में दो हजार रुपये तक का खर्च आता है। सीरो सर्वे में एम्स प्रशासन इसे पूरी तरह निश्शुल्क करा रहा है।