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सात हजार वर्ग फीट में फैली छत पर वर्षा जल को बेकार नहीं जाने देते अस्‍पताल संचालक Gorakhpur News

अस्पताल का निर्माण मुंबई के आर्किटेक्ट किरन काले की देखरेख में कराया गया था। मुंबई में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य है। इसलिए उन्होंने सलाह दी कि अस्पताल में भी उसकी व्यवस्था कर दी जाए क्योंकि आने वाले दिनों में यह अति आवश्यक हो जाएगा।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 04:05 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 05:10 PM (IST)
सिटी हास्पिटल में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की सफाई करता कर्मचारी। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन। जल है तो जीवन है, इसे समझना आज के समय में नितांत आवश्यक हो गया है। वर्षा का जल नालियों में बह जाए, इससे बेहतर है कि उसे सहेजकर भूगर्भ जल तक पहुंचा दिया जाए। मेडिकल कालेज रोड स्थित सिटी हास्पिटल ने वर्षा जल संचय का नायाब प्रयास किया है। हास्पिटल के निर्माण के दौरान ही रूफ रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट स्थापित किया गया। लगभग सात हजार स्क्वायर फीट में फैली छत पर गिरने वाला बारिश का पानी प्लांट से होता हुआ भूगर्भ जल तक पहुंच जाता है।

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हास्पिटल का निर्माण 2015 में शुरू हुआ। इसी के साथ रूफ रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट का भी निर्माण कराया गया जो 2016 में बनकर तैयार हुआ। परिसर में 20 फीट चौड़ा व 20 फीट लंबा टैंक बनाया गया है। उसके नीचे 250 फीट नीचे तक बोरिंग कराई गई है। बोरिंग में छह इंच डाया की पाइप लगाई गई है। साथ ही टैंक से छत को पाइप से जोड़ दिया गया है। पूरे छत पर गिराने वाला बारिश का पानी पाइप से होता हुआ टैंक में पहुंचता है और वहां से सीधे भूगर्भ जल में जाकर मिल जाता है।

20 फीट बढ़ गया पानी का स्तर

जब अस्पताल का निर्माण हो रहा था। उस समय परिसर में 40 फीट खोदाई करने पर पानी का स्तर (वाटर लेवल) मिला था। पिछले साल हैंडपंप लगाने के लिए खोदाई की गई तो पानी मात्र 20 फीट पर ही मिल गया। हालांकि पेयजल के लिए पाइप 250 फीट नीचे तक ले जाई गई।

आर्किटेक्ट ने दी थी सलाह

अस्पताल का निर्माण मुंबई के आर्किटेक्ट किरन काले की देखरेख में कराया गया था। मुंबई में रेन वाटर  हार्वेस्टिंग अनिवार्य है। इसलिए उन्होंने सलाह दी कि अस्पताल में भी उसकी व्यवस्था कर दी जाए, क्योंकि आने वाले दिनों में यह अति आवश्यक हो जाएगा। प्रबंधन ने उनकी सलाह को स्वीकार किया और प्लांट बनवा दिया गया। सिटी हास्पिटल के डायरेक्टर डा. एके मल्ल का कहना है कि आर्किटेक्ट की सलाह अच्‍छी लगी। इसलिए प्लांट स्थापित कराया गया। वर्षा जल संचय हर मनुष्य का कर्तव्य है। यह प्लांट हर भवन में होना चाहिए। इससे वाटर लेवल कभी कम नहीं होगा और पानी के संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।


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