स्वच्छ भारत मिशन के कर्मचारियों का सात साल से नहीं बढ़ा मानदेय, ज्ञापन सौंपा
जिले में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत तीन जिला कंसलटेंट एक योजना सहायत जिला स्तर पर दो कंप्यूटर आपरेटर 37 खंड प्रेरक व 20 डाटा इंट्री आपरेटर कार्यरत हैं। सात साल पहले जो मानदेय मिलता था वही मानदेय आज भी जा रहा है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत कार्यरत जिला कंसलटेंट, योजना सहायक, कंप्यूटर आपरेटर, खंड प्रेरक एवं डाटा इंट्री आपरेटरों को मिलने वाले मानदेय को सात साल से बढ़ाया नहीं गया है। मानदेय बढ़ाने को लेकर कर्मचारियों ने आवाज बुलंद की है और अपर मुख्य सचिव पंचायती राज को संबोधित ज्ञापन जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर को सौंपा है। उनका कहना है कि जिला कंसलटेंट का मानदेय सफाई कर्मियों के मानदेय से भी कम है। इस योजना के तहत करीब 63 कर्मचारी कार्यरत हैं।
कर्मचारियों ने बताया भुगतान का तरीका
जिले में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत तीन जिला कंसलटेंट, एक योजना सहायत, जिला स्तर पर दो कंप्यूटर आपरेटर, 37 खंड प्रेरक व 20 डाटा इंट्री आपरेटर कार्यरत हैं। सात साल पहले जो मानदेय मिलता था, वही मानदेय आज भी जा रहा है, जिससे कर्मचारियों में आक्रोश है। ज्ञापन में कहा गया है कि जिला कंसलटेंट के मानदेय से सर्विस चार्ज की कटौती करने के बाद अत्यंत कम मानदेय मिलता है। उन्होंने कहा कि यह न्याय संगत नहीं है। कर्मचारियों का कहना है कि राज्य आजीविका मिशन में दिए जा रहे मानदेय के आधार पर सभी कर्मियों को मानदेय एवं यात्रा भत्तों का भुगतान किया जा रकता है। राज्य स्तर पर कंसलटेंट के मानदेय में हर साल 10 फीसद की वृद्धि की जाती रही है। पंचायती राज विभाग में एक कंपनी के जरिए रखे गए डीपीएम एवं एडीएम के मानदेय में भी हर साल बढ़ोत्तरी हो रही है।
मानदेय में 40 फीसद तक बढ़ोत्तरी की मांग
उन्होंने जिला स्तर पर मिलने वाले मानदेय में 40 फीसद तक की बढ़ोत्तरी करने की मांग की है। जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि कर्मचारियों की ओर से ज्ञापन सौंपा गया है। उसे अपर मुख्य सचिव पंचायती राज के यहां भेज दिया गया है। जो भी निर्णय होगा, वहीं से होगा। वहां से जैसा आदेश आएगा, उस पर अमल किया जाएगा।